बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – उदारीकरण के उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – उदारीकरण के उपाय
भा.रि.बैंक/2022-23/98 01 अगस्त 2022 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – उदारीकरण के उपाय ‘बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण तथा संरचित दायित्व’ विषय पर जारी दिनांक 26 मार्च 2019 के मास्टर निदेश सं. 5 (समय-समय पर यथासंशोधित) के पैराग्राफ 2.2 जिसके अनुसार ईसीबी उधारकर्ताओं को स्वचालित मार्ग के तहत एक वित्त वर्ष में 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर अथवा उसकी समतुल्य राशि तक की ईसीबी जुटाने की अनुमति दी गई है, तथा उपर्युक्त मास्टर निदेश के पैराग्राफ 2.1.vi, जिसमें ईसीबी के लिए समग्र लागत सीमा का निर्धारण किया गया है, की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है । 2. दिनांक 06 जुलाई 2022 को “विदशी मुद्रा प्रवाहों का उदारीकरण’ विषय पर जारी प्रेस प्रकाशनी के पांचवें पैराग्राफ में की गई घोषणा के अनुसरण में, केंद्र सरकार के परामर्श से, निर्णय लिया गया है कि:
उपर्युक्त रियायत 31 दिसंबर 2022 तक जुटाई जाने वाली ईसीबी के लिए लागू होगी। 3. श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 4. इन परिवर्तनों को शामिल करने के लिए उपर्युक्त मास्टर निदेश सं. 5 को अद्यतन किया जा रहा है। 5. प्रासंगिक विनियमों में आवश्यक संशोधन दिनांक 29 जुलाई 2022 को जारी अधिसूचना सं फेमा. 3(आर) (3)/2022-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (उधार लेना और उधार देना) (संशोधन) विनियमावली, 2022 के माध्यम से किए गए हैं। 6. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (2) के तहत जारी किए गए हैं और ये किसी भी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं । भवदीय (अजय कुमार मिश्र) |
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