बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की पुनरीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की पुनरीक्षा
भारिबैंक/2011-12/478 30 मार्च 2012 सभी श्रेणी-I; प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – समग्र कीमत उच्चतम सीमा की पुनरीक्षा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबी) से संबंधित 23 नवंबर 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 51 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वैश्विक वित्तीय बाजार की घटनाओं और उधारकर्ताओं को मौजूदा समग्र कीमत उच्चतम सीमा में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबीएस) की प्राप्ति में महसूस की जा रही कठिनाइयों संबंधी तथ्यों पर विचार करते हुए, तीन और पाँच वर्षों तक की औसत परिपक्वता के बाह्य वाणिज्यिक उधारों (ईसीबीएस) के लिए समग्र कीमत उच्चतम सीमा 23 नवंबर 2011 से 6 माह के लिबोर + 350 आधार अंक तक, और 31 मार्च 2012 को पुनरीक्षा की शर्त के अधीन, बढ़ायी गयी थी । पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि बाह्य वाणिज्यिक उधारों के संबंध में बढ़ायी गयी समग्र उच्चतम सीमा और छ: माह की अवधि के लिए बनाये रखी; जाए :
3. समग्र कीमत उच्चतम सीमा 30 सितंबर 2012 तक लागू और तदुपरांत समीक्षा के अधीन है । बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) संबंधी नीति के सभी अन्य पहलू यथावत रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (डॉ.सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद)
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