भारतीय रिज़र्व बैंक ने गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुना (म.प्र.), पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुना (म.प्र.), पर मौद्रिक दंड लगाया
8 अगस्त 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुना (म.प्र.), पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 4 अगस्त 2022 के आदेश द्वारा गढ़ा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुना (म.प्र.) (बैंक) पर, आरबीआई द्वारा आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) पर शहरी सहकारी बैंकों को जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, आरबीआई द्वारा आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) पर शहरी सहकारी बैंकों को जारी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन का पता चला। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/671 |
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