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भारतीय रिज़र्व बैंक ने करूर वैश्य बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

24 मार्च 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने करूर वैश्य बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, करूर वैश्य बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक (धोखाधड़ी-वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं द्वारा वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निदेश 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए 30.00 लाख (तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

21 फरवरी 2022 से 04 मार्च 2022 की अवधि के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का एक चुनिंदा स्कोप निरीक्षण (एसएसआई) किया गया। एसएसआई रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से पता चला कि बैंक, संबंधित संयुक्त ऋणदाता फोरम (जेएलएफ) द्वारा निर्णय लिए जाने के बावजूद एक सप्ताह के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक को धोखाधड़ी के रूप में कुछ खातों की रिपोर्ट करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखित प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन आरोप सिद्ध हुआ है और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1914

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