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भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रियदर्शनी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., अदोनी, कुरनूल जिला, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

18 मार्च 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रियदर्शनी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., अदोनी,
कुरनूल जिला, आंध्र प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा प्रियदर्शनी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि., अदोनी, कुरनूल जिला, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर बैंक के निदेशकों को ऋणों की मंजूरी, “आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण मानदंडों” तथा “एक्सपोजर मानदंडों एवं सांविधिक / अन्य प्रतिबंधों – यूसीबी” के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन /अननुपालन के लिए 10.00 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर उनके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि निदेशकों को ऋणों की मंजूरी, आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण मानदंडों तथा एक्सपोजर मानदंडों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के लिखित उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1263

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