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भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, जबलपुर (एम.पी) पर मौद्रिक दंड लगाया

16 दिसंबर 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, जबलपुर (एम.पी) पर
मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 15 दिसंबर 2021 के एक आदेश द्वारा, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित,जबलपुर (एम.पी) (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) के प्रावधानों और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट से, और अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने (i) आरबीआई और नाबार्ड को सांविधिक/ओएसएस रिटर्न जमा करने में देरी और (ii) अलर्ट जनरेट करने की कोई प्रणाली और संदिग्ध लेनदेन की निगरानी करने के लिए कोई सिस्टम नहीं होने पर नाबार्ड द्वारा रिटर्न प्रस्तुत करने और आरबीआई द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर जारी निदेशों का उल्लंघन/अननुपालन किया था। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के प्रावधानों और आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1369

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