भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया
24 जनवरी 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 20 जनवरी 2022 के आदेश द्वारा मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मुंबई (बैंक) पर बैंक को जारी पर्यवेक्षी कार्रवाई फ्रेमवर्क (एसएएफ़) में निहित निदेशों तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 (1) और धारा 35 (ए) के तहत आरबीआई द्वारा जारी अपने ग्राहकों को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर यथा संशोधित) के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने (i) आरबीआई की पूर्वानुमति के बिना अनुमत सीमा से अधिक पूंजीगत व्यय करना जारी रखा (ii) जोखिम वर्गीकरण के अनुसार अपने ग्राहकों का केवाईसी अद्यतन पूरा नहीं किया। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक के लिखित उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1609 |
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