बैंकों तथा प्राथतिक व्यापारियों के लिए - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों तथा प्राथतिक व्यापारियों के लिए
बैंकों तथा प्राथतिक व्यापारियों के लिए
विशेष निधि सुविधा संशोधित
5 मई, 2001
रिज़र्व बैंक ने आज से विशेष निधि सुविधा प्रतिभूति निपटान की स्वचालित मांग (इन्वोकेशन) की योजना को आशोधित किया है। इस परिवर्तन की ज़रूरत रिज़र्व बैंक की ओर से बैंकों तथा प्राथमिक व्यापारियों को उपलब्ध स्थायी चलनिधि सुविधाओं का अलग-अलग कर दिये जाने के कारण हुई है। बैंकों तथा प्राथमिक व्यापारियों के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाओं को अलग-अलग कर दिये जाने की घोषणा अप्रैल, 2001 में मौेद्रिक तथा ऋण नीति में की गयी थी और ये 5 मई से प्रभावी होगी।
आशोधित योजना के अंतर्गत, बैंकों को संपार्श्विकृत (कोलेट्रलाइज्ॅड) ऋएा देने की सुविधा के अंतर्गत उपलब्ध चलनिधि सहायता की मात्रा तथा प्राथमिक व्यापारियों के लिए उपलब्ध चलनिधि सहायता की मात्रा दो अलग- अलग घटकों में विभाजित कर दी गयी है। ये घटक हैं: सामान्य तथा बैक स्टॉप। तदनुसार, रिज़र्व बैैैंक, बैंकों तथा प्राथमिक व्यापारियों को प्रतिभूति निपटान के लिए चलनिध सहायता, सामान्य तथा बैक स्टॉप सुविधा के अंतर्गत उनके पास उपलब्ध, आहरित न की गयी शेष राशियों पर दिन की अवधि के लिए निधियाें की स्वचालित मांग के जरिये उपलब्ध करायेगा।
आहरित न की गयी शेष राशियों पर प्रतिभूति निपटान के लिए दिन की अवधि के लिए निधियां बैंक दर पर उपलब्ध करायी जायेंगी और यदि, सामान्य सुविधा को पूरी तरह /आंशिक रूप से आहरित कर लिया गया है, तो आहरित न की गयी बैक स्टॉप सुविधा पर दिन की अवधि के लिए निधियां, दिन के लिए बैक स्टॉप सुविधा पर लागू परिवर्तनीय दर पर उपलब्ध करायी जायेंगी।
अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2000:2001/1512
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: null