उप गवर्नर | डॉ. एम. डी. पात्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
उप गवर्नर
डॉ. एम. डी. पात्र
संपर्क की जानकारी
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भारतीय रिज़र्व बैंक
19वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन शहीद भगत सिंह मार्ग
मुंबई-400 001 -
022-22610405
पिछले उप गवर्नर की सूची
Shri B.P. Kanungo
Shri B.P. Kanungo took over as the Deputy Governor of the Reserve Bank of India today. The Government of India, on March 11, 2017 has appointed him as the Deputy Governor of the Reserve Bank of India, for a period of three years from the date of his taking over charge of the post on or after April 3, 2017 or until further orders, whichever is earlier.
Shri Kanungo was Executive Director of the Reserve Bank before being elevated to the post of Deputy Governor.
श्री एन.एस. विश्वनाथन
श्री एन.एस. विश्वनाथन ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने उन्हें 29 जून 2016 को उक्त पद पर 4 जुलाई 2016 को या इसके बाद उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि या अगले आदेश आने तक, जो भी पहले हो, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के पद पर नियुक्त किया है।
श्री विश्वनाथन उप गवर्नर के पद पर जाने से पहले रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
उप गवर्नर के रूप में श्री विश्वनाथन बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर), सहकारी बैंकिंग विनियमन विभाग (डीसीबीआर), गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर), निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), वित्तीय स्थिरता इकाई (एफएसयू), निरीक्षण विभाग, जोखिम निगरानी विभाग (आरएमडी) तथा सचिव विभाग का कार्य देखेंगे।
श्री विश्वनाथन, करियर केंद्रीय बैंकर ने 1981 में भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यभार संभाला था। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सहकारी बैंकों का विनियमन और पर्यवेक्षण, मुद्रा प्रबंध, विदेशी मुद्रा और मानव संसाधन प्रबंध शामिल हैं। वे बैंक ऑफ मॉरिशस में निदेशक, पर्यवेक्षण के रूप में तीन वर्ष के लिए विशेष अन्यत्र नियुक्ति पर रहे। वे रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नै के प्रमुख भी रहे हैं।
श्री विश्वनाथन तीन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक बोर्ड में भिन्न-भिन्न समय पर रिज़र्व बैंक के नामिती थे। वे मुख्य सतर्कता अधिकारी और आंतरिक लेखापरीक्षा, आईएफसीआई के प्रमुख भी थे। वे विभिन्न समितियों, कार्य समूहों और कार्यदलों के साथ भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समितियों में रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें शामिल हैं – नीति विकास समूह, बीआईएस, बासेल के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट यूनियन विनियामक नेटवर्क के कार्यपालक समिति सदस्य।
27 जून 1958 को जन्मे श्री विश्वनाथन ने बेंगलूरु विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है।
केंद्र सरकार ने श्री एन.एस. विश्वनाथन को 3 जुलाई 2019 को समाप्त होने वाली उनकी वर्तमान नियुक्ति की तीन वर्ष की अधिसूचित अवधि से आगे एक और वर्ष अर्थात् 3 जुलाई 2020 अथवा अगले आदेश, जो भी पहले हो तक, के लिए उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक के रूप में पुनः नियुक्त किया है।
डॉ. विरल वी. आचार्य
केंद्रीय सरकार ने 28 दिसंबर 2016 की अधिसूचना एफ सं. 7/1/2012-बीओ-I (पीटी.) के माध्यम से डॉ. विरल वी. आचार्य जो वर्तमान में सी.वी. स्टार प्रोफेसर ऑफ इकॉनोमिक्स, वित्त विभाग, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी – स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनस के रूप में कार्यरत हैं, को उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। डॉ. आचार्य 20 जनवरी 2017 को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
उप गवर्नर के रूप में डॉ. आचार्य मौद्रिक नीति और अनुसंधान क्लस्टर का कार्य देखेंगे।
श्री एस.एस. मूंदड़ा
- जुलाई 31, 2014 - जुलाई 30, 2017
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श्री आर. गांधी
श्री आर गांधी को आज भारतीय रिज़र्व बैंक का उप गवर्नर नियुक्त किया गया है। भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार श्री गांधी को वीरवार, 03 अप्रैल 2014 के अपराह्न से तीन वर्षों की अवधि के लिए उप गवर्नर नियुक्त किया गया है। श्री गांधी उप गवर्नर के पद पर पदोन्नत होने से पहले रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक थे।
श्री गांधी निम्नलिखित पोर्टफोलियो देखेंगेः बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, शहरी बैंक विभाग, व्यय और बजट नियंत्रण विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, विधि विभाग, परिसर विभाग और जोखिम निगरानी विभाग शामिल हैं।
वर्ष 1980 में भारतीय रिज़र्व बैंक में नियुक्त होने के बाद श्री गांधी ने इन तैंतीस वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता और अनुभव प्राप्त किया है जिनमें भुगतान प्रणाली और सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय बाजार (मुद्रा, प्रतिभूति, फोरेक्स और पूंजी बाजार) परिचालन और विनियमन, मुद्रा परिचालन और प्रबंध, कार्मिक और मानव संसाधन प्रबंध, औद्योगिक ऋण तथा अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग शामिल हैं। उन्हें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में तीन वर्षों के लिए विशेष नियुक्ति दी गई थी। वे रिज़र्व बैंक के दो क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रमुख भी रहे हैं तथा उन्होंने बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास और अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक का कार्यभार भी संभाला है। वे तीन वर्षों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के कार्यपालक सहायक भी रहे। वे पांच वर्षों तक चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (भिन्न-भिन्न समयावधि में) के निदेशक मंडल में रिज़र्व बैंक द्वारा नामित निदेशक भी रहे। वे विभिन्न समितियों, कार्य समूहों और कार्य दलों से संबद्ध भी रहे हैं।
वर्ष 1956 में जन्म लेने वाले श्री गांधी ने अन्नामलाई विश्वविद्यालय, तमिल नाडु से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने प्रबंध सूचना प्रणाली में दि अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी, यूएसए और पूंजी बाजार में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू यॉर्क, यूएसए से स्नातकोत्तर स्तरीय प्रमाण-पत्र भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने गणितीय अर्थशास्त्र, इकॉनोमेट्रिक्स, विकास बैंकिंग और अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर दि अमेरिकन यूनिवर्सिटी और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी, यूएसए से विशेष पाठ्यक्रम भी किए हैं। उनकी तकनीकी शिक्षा में आईबीएम एजुकेशन, सिडनी, आस्ट्रेलिया से सिस्टम प्रोग्रेमिंग में प्रमाण-पत्र पाठयक्रम और ओआरएसीएलई, एसेंबली लैंगवेज, नेटवर्किंग आदि शामिल हैं। उन्होंने गांधीवादी विचारधारा पर मदुरै विश्वविद्यालय, तमिल नाडु, भारत से प्रमाण-पत्र प्राप्त किया है।