अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
उत्तर: यदि भारतीय रिपोर्टिंग इकाई सूचीबद्ध है, तो संदर्भ अवधि अर्थात पिछले और चालू वर्ष के मार्च अंत में उनके समापन शेयर मूल्य का उपयोग अनिवासी इक्विटी निवेश के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।
देशी जमा
III. अग्रिम
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
एच. ईसीबी का पुनर्वित्त
उत्तर: हां, बशर्ते उधारकर्ता का विद्यमान ईसीबी ढांचे के अंतर्गत ईसीबी जुटाने के लिए पात्र होना जारी रहता है, समग्र लागत विद्यमान ईसीबी की समग्र लागत से कम है, अवशिष्ट परिपक्वता को घटाया नहीं गया है, तथा नई ईसीबी विद्यमान ईसीबी ढांचे का भी अनुपालन करती है।
FAQs on Non-Banking Financial Companies
Credit Rating
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट
(i) “गंदे नोट” से तात्पर्य है, ऐसा नोट जो अधिक उपयोग से गंदा हो गया हो, सामान्य कटा फटा हो या एक साथ चिपका हुआ दो टुकड़ों का पूरा नोट हो, जिसमें प्रस्तुत किए गए दोनों टुकड़े एक ही नोट के हैं तथा इसमें सभी सुरक्षा विशेषताएँ मौजूद हैं ।
(ii) “कटा-फटा बैंकनोट” वह बैंकनोट होता है जिसका एक हिस्सा गायब हो अथवा जिसे दो से अधिक टुकड़ों से मिलाकर बनाया गया है ।
(iii) “अपूर्ण बैंकनोट” का तात्पर्य किसी ऐसे बैंकनोट से है जो पूर्ण अथवा आंशिक रूप से विरूपित, सिकुड़ा हुआ, धो दिया गया, परिवर्तित अथवा अपाठ्य है, लेकिन इसमें कटा-फटा बैंकनोट शामिल नहीं होता है ।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: 13 फरवरी 2009 से पूर्व विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुसार किए गए डाउन स्ट्रीम निवेश को इन विनियमों के अनुसार होने के लिए कोई आशोधन आवश्यक नहीं होगा। उक्त तारीख के बाद किए गए सभी अन्य निवेश फेमा 20(आर) की परिधि में आएंगे। 13 फरवरी 2009 तथा 21 जून 2013 के बीच किए गए डाउनस्ट्रीम निवेश जो इन विनियमों का अनुपालन नहीं करते हैं, को ऐसे मामलों को इन विनियमों के अनुसार समझने के लिए रिज़र्व बैंक को 3 अक्तूबर 2013 तक रिपोर्ट किए जाने चाहिए थे।
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के दो तरीके हैं:
i. दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल (केवल गैर-प्रतिस्पर्धी खंड, यानी, केवल प्रतिभूतियों की वांछित राशि में प्रवेश करके, कीमत दर्ज किए बिना) की प्राथमिक नीलामियों में बोली लगाकर। राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) के लिए, आप आरबीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर घोषित सदस्यता विंडो के दौरान बोली लगा सकते हैं। नीलामी में बोली लगाने पर प्रत्येक विवरण के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।
ii. माध्यमिक बाजार पोर्टल में एक खरीद उद्धरण लगाकर।
देशी जमा
III. अग्रिम
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: नहीं, यह छूट विशेष रूप से केवल सीआईसी को ही दी जाती है। सीआईसी के अलावा अन्य एनबीएफसी इस या सीआईसी निर्देशों के किसी अन्य पहलू से आच्छादित नहीं हैं और उन्हें बैंक के साथ पंजीकरण करना होगा और समय-समय पर जारी बैंक के सभी लागू निर्देशों का पालन करना होगा।
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
उत्तर: एक संबंधित पार्टी एक व्यक्ति या इकाई है जो उस इकाई से संबंधित है जो अपने वित्तीय विवरण तैयार कर रही है (जिसे 'रिपोर्टिंग इकाई' कहा जाता है)।
एक व्यक्ति या उस व्यक्ति के परिवार का कोई करीबी सदस्य रिपोर्टिंग इकाई से संबंधित है यदि उस व्यक्ति का :
(i) रिपोर्टिंग इकाई पर नियंत्रण या संयुक्त नियंत्रण है।
(ii) रिपोर्टिंग इकाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव है; या
(iii) रिपोर्टिंग इकाई या मूल रिपोर्टिंग इकाई के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों का सदस्य है।
एक संबंधित पार्टी की परिभाषा में एक सहयोगी में सहयोगी की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं और एक संयुक्त उद्यम में संयुक्त उद्यम की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं। अतः उदाहरण के लिए एक सहयोगी की सहायक कंपनी और सहयोगी पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले निवेशक एक दूसरे से संबंधित हैं।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
एच. ईसीबी का पुनर्वित्त
उत्तर: हां।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट
हाँ, इस प्रकार के बैंकनोटों को मूल्य के लिए बदला जा सकता है ।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: नहीं
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
32.1. भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/ financialmarketswatch.aspx
इस साइट में एनडीएस (ओटीसी बाज़ार) में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्य, एनडीएस-ओएम, मुद्रा बाज़ार संबंधी कई लिंक और सरकारी प्रतिभूतियों से संबंधित अन्य जानकारी जैसे अशोधित स्टाक आदि, उपलब्ध कराई गई है ।
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32.2. एनडीएस-ओएम बाज़ार निगरानी http://www.ccilindia.com/OMHome.aspx
इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त का मूल्य और साथ ही निर्दिष्ट मूल्य के संबंध में तात्कालिक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है । इसके अलावा, यदा जारी (डब्ल्यूआई) (जब भी सौदा होता हो) वाला खंड भी मुहैया कराया जाता है ।
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32.3. एनडीएस बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/NdsUserXsl.aspx
इस साइट में ओटीसी बाज़ार में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्यों संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है । इसमें निश्चित तारीखों के बीच की अवधि में विशिष्टि प्रतिभूतियों के मूल्यों की खोज करने की भी सुविधा है ।
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32.4. फमिडा - http://www.fimmda.org/
इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों सहित सभी नियत आय वाली प्रतिभूतियों संबंधी बाज़ार प्रथा की ढेर सारी जानकारी मुहैया कराई जाती है । इस साइट में फमिडा द्वारा अंगीकृत विभिन्न मूल्य-निर्धारण मॉडलों के ब्योरे दिए जाते हैं । साथ ही, इस साइट के माध्यम से फमिडा सरकारी प्रतिभूतियों, कार्पोरेट बांड स्प्रेडों आद के दैनिक, मासिक और वार्षिक के बंद भाव के ब्योरे मुहैया कराता है । इस साइट में प्रवेश करके जानकारी प्राप्त करने के लिए वैध लॉग-इन और पासवर्ड ज़रूरी है, जिन्हें फमिडा पात्र संस्थाओं को उपलब्ध कराता है ।
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FAQs on Non-Banking Financial Companies
Credit Rating
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
III. अग्रिम
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: निवल आस्ति को विशेष रूप से सीआईसी को परिभाषित करने के उद्देश्य से 05 जनवरी 2011 की अधिसूचना संख्या डीएनबीएस.(पीडी) 219/सीजीएम(यूएस)-2011 (के पैरा 3(1)ई) में परिभाषित किया गया है। जैसे कि वे केवल उसमें विशेष रूप से उल्लिखित मदों को शामिल करेंगे, भले ही इनमें से कोई भी परिचालन आस्ति के रूप में पात्र हो या नहीं।
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
उत्तर: किसी भी घरेलू देनदारी या संपत्ति (भले ही वह विदेशी मुद्रा में हो) को एफ़एलए रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया जाना चाहिए।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
एच. ईसीबी का पुनर्वित्त
उत्तर: हां। तथापि ईसीबी के नए उधारदाताओं को भी ईसीबी ढांचे में परिभाषित किए गए अनुसार विदेशी इक्विटि धारक होना चाहिए तथा यह पुनर्वित्त पोषण संबंधी यथालागू दिशानिर्देशों के अधीन होना चाहिए।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट
सभी बैंकों को पूर्ण मूल्य हेतु गंदे बैंकनोटों को बदलने तथा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । उन्हें गंदे/कटे-फटे नोटों के बदलने की सुविधा अपने ग्राहकों से इतर व्यक्तियों के लिए भी विस्तारित करना है।
वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को, भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018 के अनुसार, कटे-फटे बैंकनोटों (जो वैध मुद्रा हैं) का अधिनिर्णय करने तथा इसके लिए मूल्य का भुगतान करने हेतु प्राधिकृत किया गया है ।
छोटे वित्त बैंक तथा भुगतान बैंक अपने विकल्प पर कटे-फटे तथा अपूर्ण/दोषपूर्ण नोटों को बदल सकते हैं।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: हां। भारतीय कंपनी के लिए एफ़सी-टीआरएस भी भरना आवश्यक है।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: न तो एलएलपी और न ही भागीदार कंपनियां इनमें शामिल हैं और इसलिए जानबूझकर समूह कंपनी की परिभाषा से इन्हें बाहर रखा गया है। इसके अलावा, इन संस्थाओं की ढीली संरचना और विनियामक ढांचे को देखते हुए, यह महसूस किया जाता है कि उन्हें परिभाषा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
i. प्राथमिक बाजार रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म में लोग इन करने के बाद, पृष्ठ के शीर्ष पर डैशबोर्ड के बगल में 'प्राथमिक बाजार' विकल्प का चयन करें।
ii. 'नीलामी वॉच' से बोली लगाने और 'बिड एंट्री' विंडो में बोली राशि दर्ज करने के लिए प्रतिभूति का चयन करें।
iii. व्यक्ति बोली के समय या बाद में अपनी बोली का वित्तपोषण कर सकते हैं, लेकिन बोली/सदस्यता विंडो के बंद होने से पहले। आरबीआई को बोलियां प्रस्तुत करने की तारीख के अनुसार वित्त पोषित नहीं की जाने वाली बोलियां रद्द कर दी जाएंगी।
iv. बोलियों के लिए भुगतान करने के लिए, खुदरा ग्राहक ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े भुगतान गेटवे का उपयोग करके नामित चालू खाते में धन स्थानांतरित करने के लिए यूपीआई (ट्रांसफर या ब्लॉक) और नेट बैंकिंग जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
v. नीलामी परिणाम के एक भाग के रूप में प्राप्त आवंटन सूचना के आधार पर, आवंटन व्यक्तिगत निवेशकों को किया जाएगा।
vi. पूर्ण आवंटन के मामले में, प्रत्येक बोलीदाता को पूरे अंकित मूल्य का आवंटन किया जाएगा जिसके लिए बोलियां प्रस्तुत की गई थीं। आंशिक आवंटन के मामले में नीलामी में निर्धारित आंशिक आवंटन प्रतिशत के आधार पर बोलीदाता को आनुपातिक आवंटन किया जाएगा।
बिडिंग प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के सहायता खंड में उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।
देशी जमा
III. अग्रिम
फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
उत्तर: यदि रिपोर्टिंग भारतीय कंपनी भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के तहत विदेशी कंपनी के इक्विटी और/या भाग लेने वाले वरीयता शेयरों में, अर्थात संयुक्त उद्यम या विदेश में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में निवेश करती है तो इसे भारतीय कंपनी का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश माना जाता है।
नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
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FAQs on Non-Banking Financial Companies
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एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग
उत्तर: कोई भी एंटीटी जो भारतीय रुपये में ईसीबी (विदेश में रुपया में मूल्यवर्गित बॉन्डों का निर्गम करने सहित) जुटती है, को इस प्रकार से उठाने वाली देयता को किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा देयता में परिवर्तित करने अथवा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट अथवा अन्यथा में शामिल होकर किसी प्रकार का विदेशी मुद्रा जोखिम भी उठाने की अनुमति नहीं है।
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फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न
कुछ उपयोगी परिभाषाएँ
नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट
भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के भाग III में विनिर्दिष्ट नियमों के तहत अपूर्ण नोट के मूल्य के पूर्ण मूल्य/आधे मूल्य का भुगतान किया जा सकता है, जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in → प्रकाशन → सामयिक खंड के तहत उपलब्ध है ।
भारत में विदेशी निवेश
उत्तर: फॉर्म एफ़सीटीआरएस फेमा 20(आर) के अनुसार निम्नलिखित के बीच बिक्री के माध्यम से पूंजीगत लिखतों के अंतरण के लिए फ़ाइल किया जाएगा
i. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं, से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;
ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;
iii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को;
iv. भारत में निवास करने वाला व्यक्ति जिसने किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को
फेमा 20(आर) के विनियम 10(3) में निर्धारित किए गए अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखतों की बिक्री को ऐसे व्यक्ति द्वारा फॉर्म एफ़सी-टीआरएस में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।
एफ़सी-टीआरएस निम्नलिखित के लिए आवश्यक नहीं है:
i. अप्रत्यावर्तनीय आधार पर शेयर धारित करने वाले अनिवासी द्वारा भारतीय कंपनी के शेयरों का किसी निवासी को अंतरण तथा इसके विपरीत
ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं द्वारा भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं।
iii. उपहार के रूप में शेयरों का अंतरण
रिपोर्टिंग का दायित्व निवासी (अंतरणकर्ता/ अंतरिती) अथवा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण करने वाले भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति, जैसी स्थिति हो, का होगा। एडी बैंक के पास फॉर्म एफ़सी-टीआरएस निधियों की प्राप्ति/ विप्रेषण अथवा पूंजीगत लिखतों के अंतरण, इनमें से जो भी पहले हो, के साठ दिन के भीतर फ़ाइल किया जाना है।
कोर निवेश कंपनियां
कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)
उत्तर: 10 वर्ष की अवधि को एक विवेकपूर्ण उपाय के रूप में निर्दिष्ट किया गया था जो जरूरी नहीं कि कंपनी अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप हो। इसके अलावा, यहां मुद्दा सार्वजनिक जमा नहीं बल्कि बाहरी देनदारियों का है।
रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
देशी जमा
III. अग्रिम
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
प्राथमिक व्यापारियों की सूची | ||
(क) | बैंक पीडी | फोन नं. |
1. | सिटि बैंक एनए., मुंबई शाखा | (022) 40015453/40015378 |
2. | स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक | (022) 622303/22652875/22683695 |
3. | बैंक ऑफ अमरीका एन.ए. | (022) 66323040/3140/3192 |
4. | जे.पी. मॉरगन चेज़ बैंक एन.ए. | (022) 6639 3084/66392944 |
5. | एचएसबीसी बैंक | (022) 22623329/22681031/34/33 |
6. | बैंक ऑफ बड़ौदा | (022) 66363682/83 |
7. | केनरा बैंक | (022) 22800101-105/22661348 |
8. | कोटक महिद्रा बैंक लिमि. | (022) 67836107 & 66596235/ 6454 |
9. | कार्पोरेशन बैंक | (022) 22832429/22022796/ 22871054 |
10. | एचडीएफसी बैंक | (022) 66521372/9892975232 |
11. | एबीएन अमरो बैंक एन.वी. | (022) 66386132/128 |
(ख) | स्वतंत्र पीडी |
|
1. | आडीबीआइ गिल्ट्स | (022) 66177900/911 |
2. | आसीआसीआइ सिक्यू. पीडी लिमि. | (022) 66377421/22882460/70 |
3. | पीएनबी गिल्ट्स लिमि. | (022) 22693315/17 |
4. | एसबीआइ डीएफएचआइ लिमि. | (022) 22610490/66364696 |
5. | एसटीसीआइपीडी लिमि. | (022) 66202261/2200 |
6. | ड्यूश सिक्यूरिटीज़ (इं.) प्रा. लिमि. | (022) 67063068/3066/67063115 |
7. | मॉरगन स्टेनले प्राइमरी डीलर प्रा. लिमि. | (022) 22096600 |
8. | नोमुरा फिक्स्ड इंकम सिक्यूरिटीज़ प्रा. लिमि. | (022) 67855111/ 67855118 |
* | बैंक पीडी वे हैं जो बैंक के भाग के रूप में पीडी कारोबार विभागीय रूप से करते हैं । | |
** | स्वतंत्र पीडी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी) हैं जो केवल पीडी करोबार ही करते हैं । | |
भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
http://www.rbi.org.in/commonman/English/Scripts/PrimaryDealers.aspx पर प्राथमिक व्यापारियें की अद्यतनसूची उपलब्ध है ।
एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(खख) में ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा दी गई है। जमाराशि में जमा या ऋण या किसी अन्य प्रकार से किसी धन की प्राप्ति सम्मिलित है और सदैव मानी जाएगी परंतु इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं होगी:
i. शेयर पूंजी के रूप में जुटाई गई रकम, अथवा फर्म के साझेदारों द्वारा पंजी के लिए किया गया अंशदान;
ii. अनुसूचित बैंक, सहकारी बैंक, बैंकिंग कंपनी, राज्य वित्त निगम, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट किसी अन्य संस्था से प्राप्त राशि;
iii. सामान्य कारोबार के दौरान जमानत जमाराशि, डीलरशीप जमा, बयाना माल, संपत्ति और सेवाओं के आदेशों पर अग्रिम के रूप में प्राप्त हुई अग्रिम राशि;
iv. निगमित निकाय से इतर पंजीकृत धन उधार देने वाले से प्राप्त रकम;
v. ‘चिट’ के संबंध में अंशदान के रूप में प्राप्त राशि;
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जनता से जमा राशियों का स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 के पैरा 2(1)(xii) में जनता की जमा राशियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ (खख) के अंतर्गत परिभाषित जमाराशि, जिसमें निम्नलिखित को शामिल नहीं किया गया हो, के रूप में परिभाषित किया गया है:
ए. केन्द्र/राज्य सरकार या अन्य स्रोत से प्राप्त राशि जहां केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चुकौती की गारंटी दी गई हो अथवा स्थानीय निकाय या विदेशी सरकार या किसी विदेशी नागरिक/ प्राधिकारी/व्यक्ति से प्राप्त कोई राशि;
बी. इस प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से प्राप्त कोई राशि; अन्य
सी. अन्य कंपनी से किसी कंपनी को प्राप्त कोई राशि;
डी. आबंटन के लिए विचारधीन/लंबित शेयरों/स्टॉक/ बांडस या ऋणपत्रों में अभिदान के रूप में प्राप्त राशि या क्रय के लिए अग्रिम के रूप में प्राप्त राशि बशर्तें ऐसी राशि कंपनी के अंतर्नियमों के अंतर्गत सदस्यों को चुकायी न जानी हो;
ई. कंपनी के निदेशकों से प्राप्त राशि अथवा प्राइवेट कंपनी अथवा प्राइवेट कंपनी जो पब्लिक कंपनी बन गई हो के इसके शेयर धारकों से प्राप्त राशि;
एफ. कंपनी किसी अचल संपत्ति को अथवा स्थिति के अनुसार कंपनी के किसी अन्य संपत्ति को गरवी रखकर रक्षित ऋण अथवा बांडस जारी कर जुटाई गई राशि
एफए. एक वर्ष से अधिक समावधि में परिपक्वता वाली तथा रू 1 करोड तथा उससे अधिक न्यूनतम प्रति खरीदकर्ता वाली गैर-परिवर्तनीय ऋण पत्र को जारी कर जुटाई गई कोई राशि, बशर्तें कि बैंक द्वारा जारी दिशानिदेश के अनुसार हो;
जी. प्रवर्तकों द्वारा गैर जमानती ऋण के रूप में लायी गयी राशि;
एच. म्यूचुअल फंड से प्राप्त राशि;
आइ. संमिश्र या गौण ऋण के रूप में प्राप्त कोई राशि;
जे. किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के निदेशक और निदेशक के रिश्तेदार से प्राप्त राशि;
के. वाणिज्यिक पत्र (कमर्शियल पेपर) जारी करके प्राप्त कोई राशि;
एल. प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा ‘बेमियादी कर्ज लिखत’ जारी कर प्राप्त कोई राशि;
एम. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर बांडस जारी कर प्राप्त कोई राशि।
इस प्रकार उपर्युक्त निदेशों में जनता की जमाराशि की परिभाषा में से उन उधार देने वालों की कतिपय श्रेणी से उगाही गई राशि को बाहर रखने की कोशिश की गई है जो स्वयं निर्णय ले सकते है।
बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण
आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग
उत्तर: हां। न्यूनतम अनिवार्य हेज की शर्त है।
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट
यह विवरण हमारी वेबसाइट के इस लिंक पर उपलब्ध है : www.rbi.org.in>>Issuerofcurrency>>Notifications
पुराने (2009) तथा संशोधित एनआरआर (2018) का सारांश निम्नानुसार है :
नोट वापसी नियमावली – संशोधित
| क्र. | पुराने एनआरआर (2009) के अनुसार |
संशोधित एनआरआर (2018) के अनुसार |
| 1 | रु. 20 मूल्यवर्ग तक के नोट
|
कोई परिवर्तन नहीं |
| 2 |
रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट
|
रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट
|
भारत में विदेशी निवेश
II. विदेशी संविभाग (पोर्टफोलियो) निवेश
उत्तर: सेबी (एफ़पीआई) विनियमावली के अनुसार पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तथा अनिवासी / प्रवासी भारतीय, फेमा 20(आर) की अनुसूची क्रमशः 2 तथा 3 में निर्धारित व्यक्तिगत तथा कुल सीमाओं के अधीन भारत में स्टॉक एक्स्चेंज पर निवेश कर सकते हैं।
भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका
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रिटेल डायरेक्ट योजना
निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न
दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल के लिए, प्रति यूनिट राशि प्रतिभूति की सांकेतिक कीमत, अर्जित ब्याज और एक मार्क-अप के आधार पर होगी।
एसजीबी के लिए यह फंडिंग आरबीआई द्वारा उस विशेष मुद्दे के लिए घोषित निर्गम मूल्य पर आधारित होगी।
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Credit Rating
देशी जमा
III. अग्रिम
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