अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India

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फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: यदि भारतीय रिपोर्टिंग इकाई सूचीबद्ध है, तो संदर्भ अवधि अर्थात पिछले और चालू वर्ष के मार्च अंत में उनके समापन शेयर मूल्य का उपयोग अनिवासी इक्विटी निवेश के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।

देशी जमा

III. अग्रिम

बैंकों को यह स्वतंत्रता है कि वे सभी ऋण निर्धारित अथवा अस्थायी दरों पर दें बशर्ते वे परिसंपत्ति देयता प्रबंधन (एएलएम) दिशानिर्देशों के अनुरूप हों।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनी एनबीएफसी की एक श्रेणी है जो एक कंपनी है तथा इसका 'प्रमुख व्यवसाय' किसी भी योजना, व्यवस्था या किसी अन्य तरीके से जमा राशियाँ प्राप्त करना है तथा ये कंपनियाँ निवेश, आस्ति वित्तपोषण या ऋण देने का कार्य नहीं करती। इन कंपनियों को भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशानुसार, तरल आस्तियों के अलावा निवेश को बनाये रखने की आवश्यकता होती है। निदेशों के अनुसार जमाराशियों के संग्रहण की पद्धति और जमाकर्ताओं की निधि के विनियोजन के मामले में इन कंपनियों की कार्य प्रणाली एनबीएफसी से भिन्न है। इसके अलावा, इन कंपनियों पर भी विवेकपूर्ण मानदंड निदेश लागू होते है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एच. ईसीबी का पुनर्वित्त

उत्तर: हां, बशर्ते उधारकर्ता का विद्यमान ईसीबी ढांचे के अंतर्गत ईसीबी जुटाने के लिए पात्र होना जारी रहता है, समग्र लागत विद्यमान ईसीबी की समग्र लागत से कम है, अवशिष्ट परिपक्वता को घटाया नहीं गया है, तथा नई ईसीबी विद्यमान ईसीबी ढांचे का भी अनुपालन करती है।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

The Rating Agencies have incorporated a clause in their agreements with the NBFCs that they can disclose the Rating to the regulatory authorities viz. RBI. The RBI has started getting the information from the Agencies.

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट

(i) “गंदे नोट” से तात्पर्य है, ऐसा नोट जो अधिक उपयोग से गंदा हो गया हो, सामान्य कटा फटा हो या एक साथ चिपका हुआ दो टुकड़ों का पूरा नोट हो, जिसमें प्रस्तुत किए गए दोनों टुकड़े एक ही नोट के हैं तथा इसमें सभी सुरक्षा विशेषताएँ मौजूद हैं ।

(ii) “कटा-फटा बैंकनोट” वह बैंकनोट होता है जिसका एक हिस्‍सा गायब हो अथवा जिसे दो से अधिक टुकड़ों से मिलाकर बनाया गया है ।

(iii) “अपूर्ण बैंकनोट” का तात्‍पर्य किसी ऐसे बैंकनोट से है जो पूर्ण अथवा आंशिक रूप से विरूपित, सिकुड़ा हुआ, धो दिया गया, परिवर्तित अथवा अपाठ्य है, लेकिन इसमें कटा-फटा बैंकनोट शामिल नहीं होता है ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: 13 फरवरी 2009 से पूर्व विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुसार किए गए डाउन स्ट्रीम निवेश को इन विनियमों के अनुसार होने के लिए कोई आशोधन आवश्यक नहीं होगा। उक्त तारीख के बाद किए गए सभी अन्य निवेश फेमा 20(आर) की परिधि में आएंगे। 13 फरवरी 2009 तथा 21 जून 2013 के बीच किए गए डाउनस्ट्रीम निवेश जो इन विनियमों का अनुपालन नहीं करते हैं, को ऐसे मामलों को इन विनियमों के अनुसार समझने के लिए रिज़र्व बैंक को 3 अक्तूबर 2013 तक रिपोर्ट किए जाने चाहिए थे।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के दो तरीके हैं:

i. दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल (केवल गैर-प्रतिस्पर्धी खंड, यानी, केवल प्रतिभूतियों की वांछित राशि में प्रवेश करके, कीमत दर्ज किए बिना) की प्राथमिक नीलामियों में बोली लगाकर। राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) के लिए, आप आरबीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर घोषित सदस्यता विंडो के दौरान बोली लगा सकते हैं। नीलामी में बोली लगाने पर प्रत्येक विवरण के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल पर उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।

ii. माध्यमिक बाजार पोर्टल में एक खरीद उद्धरण लगाकर।

देशी जमा

III. अग्रिम

हां ? बैंकों से अनुरोध है कि वे मीयादी ऋणों सहित सभी अग्रिमों के मामले में संबंधित ऋण करारों में निम्नलिखित परंतुक अनिवार्यत: शामिल करें ताकि बैंक, निर्धारित दर वाले ऋणों के मामले को छोड़कर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनरूप लागू ब्याज दर लगा सकें।"बशर्ते उधारकर्ता द्वारा दिया जानेवाला ब्याज, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में समय-समय पर किए गए परिवर्तनों के अधीन होगा।"

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

31.1. द फिक्स्ड इन्कम मनी मार्किट एंड डेरिवेटिव्ज़ असोसिएशन ऑफ इंडिया (फमिडा), जोकि अधिसूचित वाणिज्य बैंकों, सार्वजनिक वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक व्यापारियों और बीमा कंपनियों का एक संघ है, को 3 जून 1998 को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत एक कंपनी के रूप में निगमित किया गया । फमिडा बांड, मुद्रा और डेरिवेटिव बाज़ारों का एक स्वैच्छिक बाज़ार निकाय है । फमिडा के ऐसे सदस्य हैं, जो बाज़ार के समूचे प्रमुख संस्थागत खंडों का प्रतिनिधित्व करते हैं । इसकी सदस्यता के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, उसके सहयोगी बैंक और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक; निजी क्षेत्र के बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक; विदेशी बैंक जैसे बैंक ऑफ अमेरिका, एबीएन एम्रो, सिटी बैंक; वित्तीय संस्थाएं जैसे आईडीएफसी, एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड; बीमा कंपनियां जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), आईसीआईसीआई प्रूडेन्शियल लाइफ इन्श्यूरेंस कंपनी, बिड़ला सन लाइफ इन्श्यूरेंस कंपनी और अन्य सभी प्राथमिक व्यापारी शामिल हैं ।31.2. फमिडा बाज़ार के सहभागियों का प्रतिनिधित्व करता है तथा बांड, मुद्रा और डेरिवेटिव बाज़ारों के विकासार्थ सहायता प्रदान करता है । यह इन बाज़ारों के कार्य-संचालन को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों के संबंध में विनियामकों के साथ विचारों का आदान-प्रदान कराके एक सेतु का कार्य करता है । विकास की दिशा में भी यह कई कार्य करता है, जैसे बेंचमार्क दरों और नई डेरिवेटिव लिखतों आदि की पहल करना । फमिडा मूल्यांकन की दृष्टि से बाज़ार के सहभागियों द्वारा प्रयुक्त विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों की दरें जारी करता है । फमिडा अपने सदस्यों के लिए सर्वोत्तम बाज़ार प्रथा के विकास में भी एक सकारात्मक भूमिका अदा करता है ताकि बाज़ार का संचालन पूर्णत: पारदर्शी रूप से हो, साथ ही साथ प्रभावशाली हो ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: नहीं, यह छूट विशेष रूप से केवल सीआईसी को ही दी जाती है। सीआईसी के अलावा अन्य एनबीएफसी इस या सीआईसी निर्देशों के किसी अन्य पहलू से आच्छादित नहीं हैं और उन्हें बैंक के साथ पंजीकरण करना होगा और समय-समय पर जारी बैंक के सभी लागू निर्देशों का पालन करना होगा।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: एक संबंधित पार्टी एक व्यक्ति या इकाई है जो उस इकाई से संबंधित है जो अपने वित्तीय विवरण तैयार कर रही है (जिसे 'रिपोर्टिंग इकाई' कहा जाता है)।

एक व्यक्ति या उस व्यक्ति के परिवार का कोई करीबी सदस्य रिपोर्टिंग इकाई से संबंधित है यदि उस व्यक्ति का :

(i) रिपोर्टिंग इकाई पर नियंत्रण या संयुक्त नियंत्रण है।

(ii) रिपोर्टिंग इकाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव है; या

(iii) रिपोर्टिंग इकाई या मूल रिपोर्टिंग इकाई के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों का सदस्य है।

एक संबंधित पार्टी की परिभाषा में एक सहयोगी में सहयोगी की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं और एक संयुक्त उद्यम में संयुक्त उद्यम की सहायक कंपनियां शामिल होती हैं। अतः उदाहरण के लिए एक सहयोगी की सहायक कंपनी और सहयोगी पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखने वाले निवेशक एक दूसरे से संबंधित हैं।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

यह सच है कि आरएनबीसी द्वारा जमाराशियाँ जुटाने की कोई उच्चतम सीमा नहीं है। फिर भी, प्रत्येक आरएनबीसी को यह सुनिश्चित करना है कि उसके पास जमा की गई राशियों का निवेश पूरी तरह से अनुमोदित निवेशों में किया जाए। दूसरे शब्दों में, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए, ऐसी कंपनियों से यह अपेक्षित है कि वे अपनी जमा देयता का 100 प्रतिशत अत्यधिक तरल और सुरक्षित लिखतों उदाहरणार्थ केंद्रीय/राज्य सरकार की प्रतिभूतियों, अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों (SCB) की सावधि जमाओं, अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों/वित्तीय संस्थानों के जमा प्रमाणपत्रों, म्युचुअल फण्ड की यूनिटों इत्यादि में निवेश करें।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एच. ईसीबी का पुनर्वित्त

उत्तर: हां।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट

हाँ, इस प्रकार के बैंकनोटों को मूल्य के लिए बदला जा सकता है ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: नहीं

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

32.1. भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/ financialmarketswatch.aspx

इस साइट में एनडीएस (ओटीसी बाज़ार) में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्य, एनडीएस-ओएम, मुद्रा बाज़ार संबंधी कई लिंक और सरकारी प्रतिभूतियों से संबंधित अन्य जानकारी जैसे अशोधित स्टाक आदि, उपलब्ध कराई गई है ।

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32.2. एनडीएस-ओएम बाज़ार निगरानी http://www.ccilindia.com/OMHome.aspx

इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त का मूल्य और साथ ही निर्दिष्ट मूल्य के संबंध में तात्कालिक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ।  इसके अलावा, यदा जारी (डब्ल्यूआई) (जब भी सौदा होता हो) वाला खंड भी मुहैया कराया जाता है ।

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32.3. एनडीएस बाज़ार निगरानी - http://www.rbi.org.in/Scripts/NdsUserXsl.aspx

इस साइट में ओटीसी बाज़ार में सरकारी प्रतिभूतियों के मूल्यों संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है । इसमें निश्चित तारीखों के बीच की अवधि में विशिष्टि प्रतिभूतियों के मूल्यों की खोज करने की भी सुविधा है ।

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32.4. फमिडा - http://www.fimmda.org/

इस साइट में सरकारी प्रतिभूतियों सहित सभी नियत आय वाली प्रतिभूतियों संबंधी बाज़ार प्रथा की ढेर सारी जानकारी मुहैया कराई जाती है । इस साइट में फमिडा द्वारा अंगीकृत विभिन्न मूल्य-निर्धारण मॉडलों के ब्योरे दिए जाते हैं । साथ ही, इस साइट के माध्यम से फमिडा सरकारी प्रतिभूतियों, कार्पोरेट बांड स्प्रेडों आद के दैनिक, मासिक और वार्षिक के बंद भाव के ब्योरे मुहैया कराता है । इस साइट में प्रवेश करके जानकारी प्राप्त करने के लिए वैध लॉग-इन और पासवर्ड ज़रूरी है, जिन्हें फमिडा पात्र संस्थाओं को उपलब्ध कराता है ।

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FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

If Rating of an NBFC is downgraded, it has to bring down deposits to the level to which it is entitled to as per the new Credit Rating within a period of one year.

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

आप माध्यमिक बाजार पोर्टल में एक प्रस्ताव (बिक्री) आदेश लगाकर प्रतिभूतियों को बेच सकते हैं। उस प्रतिभूति को बेचने से पहले आपके खाते में प्रतिभूति होनी चाहिए।

देशी जमा

III. अग्रिम

जी हां। फिलहाल, 2 लाख रुपये तक के ऋण आधारभूत मूल उधार दर से अनधिक की शर्त के अधीन हैं और 2 लाख रुपये से अधिक के ऋणों के मामले में बैंक आधारभूत मूल उधार दर और लगाई गई दर के बीच के अंतर संबंधी दिशानिर्देशों के तहत ब्याज दर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रथा को ध्यान में रखते हुए और वाणिज्य बैंकों को अपनी उधार दर निर्धारित करने में परिचालनगत लचीलापन प्रदान करने हेतु बैंक निर्यातकों अथवा अन्य अच्छी साख वाले उधारकर्ताओं, जिनमें सार्वजनिक उद्यम शामिल हैं, को संबंधित बोर्डों द्वारा अनुमोदित पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ नीति के आधार पर आधारभूत मूल उधार दर से कम दर पर ऋण दे सकते हैं।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: निवल आस्ति को विशेष रूप से सीआईसी को परिभाषित करने के उद्देश्य से 05 जनवरी 2011 की अधिसूचना संख्या डीएनबीएस.(पीडी) 219/सीजीएम(यूएस)-2011 (के पैरा 3(1)ई) में परिभाषित किया गया है। जैसे कि वे केवल उसमें विशेष रूप से उल्लिखित मदों को शामिल करेंगे, भले ही इनमें से कोई भी परिचालन आस्ति के रूप में पात्र हो या नहीं।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: किसी भी घरेलू देनदारी या संपत्ति (भले ही वह विदेशी मुद्रा में हो) को एफ़एलए रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया जाना चाहिए।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

नहीं, अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनी जमाकर्ताओं द्वारा जमा की गई कोई राशि या कोई ब्याज, प्रीमियम, बोनस या उस पर अर्जित किसी भी लाभ को ज़ब्त नहीं कर सकती।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एच. ईसीबी का पुनर्वित्त

उत्तर: हां। तथापि ईसीबी के नए उधारदाताओं को भी ईसीबी ढांचे में परिभाषित किए गए अनुसार विदेशी इक्विटि धारक होना चाहिए तथा यह पुनर्वित्त पोषण संबंधी यथालागू दिशानिर्देशों के अधीन होना चाहिए।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट

सभी बैंकों को पूर्ण मूल्य हेतु गंदे बैंकनोटों को बदलने तथा स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत किया गया है । उन्‍हें गंदे/कटे-फटे नोटों के बदलने की सुविधा अपने ग्राहकों से इतर व्‍यक्तियों के लिए भी विस्तारित करना है।

वाणिज्यिक बैंकों की सभी शाखाओं को, भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018 के अनुसार, कटे-फटे बैंकनोटों (जो वैध मुद्रा हैं) का अधिनिर्णय करने तथा इसके लिए मूल्य का भुगतान करने हेतु प्राधिकृत किया गया है ।

छोटे वित्त बैंक तथा भुगतान बैंक अपने विकल्प पर कटे-फटे तथा अपूर्ण/दोषपूर्ण नोटों को बदल सकते हैं।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: हां। भारतीय कंपनी के लिए एफ़सी-टीआरएस भी भरना आवश्यक है।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: न तो एलएलपी और न ही भागीदार कंपनियां इनमें शामिल हैं और इसलिए जानबूझकर समूह कंपनी की परिभाषा से इन्हें बाहर रखा गया है। इसके अलावा, इन संस्थाओं की ढीली संरचना और विनियामक ढांचे को देखते हुए, यह महसूस किया जाता है कि उन्हें परिभाषा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

i. प्राथमिक बाजार रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म में लोग इन करने के बाद, पृष्ठ के शीर्ष पर डैशबोर्ड के बगल में 'प्राथमिक बाजार' विकल्प का चयन करें।

ii. 'नीलामी वॉच' से बोली लगाने और 'बिड एंट्री' विंडो में बोली राशि दर्ज करने के लिए प्रतिभूति का चयन करें।

iii. व्यक्ति बोली के समय या बाद में अपनी बोली का वित्तपोषण कर सकते हैं, लेकिन बोली/सदस्यता विंडो के बंद होने से पहले। आरबीआई को बोलियां प्रस्तुत करने की तारीख के अनुसार वित्त पोषित नहीं की जाने वाली बोलियां रद्द कर दी जाएंगी।

iv. बोलियों के लिए भुगतान करने के लिए, खुदरा ग्राहक ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े भुगतान गेटवे का उपयोग करके नामित चालू खाते में धन स्थानांतरित करने के लिए यूपीआई (ट्रांसफर या ब्लॉक) और नेट बैंकिंग जैसी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

v. नीलामी परिणाम के एक भाग के रूप में प्राप्त आवंटन सूचना के आधार पर, आवंटन व्यक्तिगत निवेशकों को किया जाएगा।

vi. पूर्ण आवंटन के मामले में, प्रत्येक बोलीदाता को पूरे अंकित मूल्य का आवंटन किया जाएगा जिसके लिए बोलियां प्रस्तुत की गई थीं। आंशिक आवंटन के मामले में नीलामी में निर्धारित आंशिक आवंटन प्रतिशत के आधार पर बोलीदाता को आनुपातिक आवंटन किया जाएगा।

बिडिंग प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के सहायता खंड में उपयोगकर्ता मैनुअल का संदर्भ ले सकते हैं।

देशी जमा

III. अग्रिम

नहीं। बैंकों को सहायता संघीय व्यवस्था के अधीन भी एक समान ब्याज दर लगाने की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक सदस्य बैंक को चाहिए कि वह उधारकर्ताओं को जो ऋण सीमा प्रदान करता है उसके संबंधित हिस्से पर अपनी आधारभूत मूल उधार दर के अधीन ब्याज दर लगाए।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ

उत्तर: यदि रिपोर्टिंग भारतीय कंपनी भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के तहत विदेशी कंपनी के इक्विटी और/या भाग लेने वाले वरीयता शेयरों में, अर्थात संयुक्त उद्यम या विदेश में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों में निवेश करती है तो इसे भारतीय कंपनी का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश माना जाता है।

नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

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FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

Reserve Bank of India has specified the minimum level of investment grade Rating for eligibility for acceptance of deposits from public by Equipment Leasing/Hire Purchase Finance Companies. However, the Rating Agencies have been advised to bring about uniformity in their Rating Levels for the common man to understand the meaning of a particular Rating.

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

C. अवशिष्ट गैर-बैंकिंग कंपनियाँ (आरएनबीसी)

एक आरएनबीसी को एकमुश्त में या मासिक अथवा लंबे अंतरालों पर जमा की गई जमाराशियों पर न्यूनतम 5% ब्याज (वार्षिक रूप से चक्रवृद्धि) का भुगतान करना चाहिए; तथा दैनिक जमा योजना के अंतर्गत जमा की गई राशियों पर न्यूनतम 3.5% ब्याज का भुगतान करना चाहिए। ब्याज में प्रीमियम, बोनस या अन्य कोई लाभ शामिल है, जोकि आरएनबीसी जमाकर्ताओं को रिटर्न के रूप में चुकाने का वादा करती है। आरएनबीसी ऐसी जमाराशियों की प्राप्ति की तिथि कम से कम 12 महीनों तथा अधिकतम 84 महीनों की अवधि हेतु जमाराशियाँ स्वीकार कर सकती हैं। वे मांग पर चुकौती योग्य जमाराशियां स्वीकार नहीं कर सकतीं। हालांकि, वर्तमान में, मौजूदा केवल एक आरएनबीसी (पियरलेस) को रिज़र्व बैंक द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि वे जमाराशियां लेना बंद कर दें, जमाकर्ताओं को जमाराशियों की चुकौती करें और अपने आरएनबीसी व्यवसाय को समाप्त करें क्योंकि उनका व्यवसाय मॉडल स्वाभाविक रूप से अव्यवहार्य है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग

उत्तर: कोई भी एंटीटी जो भारतीय रुपये में ईसीबी (विदेश में रुपया में मूल्यवर्गित बॉन्डों का निर्गम करने सहित) जुटती है, को इस प्रकार से उठाने वाली देयता को किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा देयता में परिवर्तित करने अथवा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट अथवा अन्यथा में शामिल होकर किसी प्रकार का विदेशी मुद्रा जोखिम भी उठाने की अनुमति नहीं है।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

The Reserve Bank has stipulated that the Credit Rating should be obtained by the NBFCs once in a year. Normally, the Credit Rrating of a company is valid till it is reviewed by the concerned Rating Agency.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

कुछ उपयोगी परिभाषाएँ


नोट: एफएलए रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे के मार्गदर्शन के लिए पंजीकरण दिशानिर्देश और अनुभाग-वार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न फ्लेयर पोर्टल (https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml) के एफएक्यू अनुभाग में उपलब्ध है।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के भाग III में विनिर्दिष्ट नियमों के तहत अपूर्ण नोट के मूल्य के पूर्ण मूल्य/आधे मूल्य का भुगतान किया जा सकता है, जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in → प्रकाशन → सामयिक खंड के तहत उपलब्ध है ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: फॉर्म एफ़सीटीआरएस फेमा 20(आर) के अनुसार निम्नलिखित के बीच बिक्री के माध्यम से पूंजीगत लिखतों के अंतरण के लिए फ़ाइल किया जाएगा

i. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं, से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;

ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को;

iii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को;

iv. भारत में निवास करने वाला व्यक्ति जिसने किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं से भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं को

फेमा 20(आर) के विनियम 10(3) में निर्धारित किए गए अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्स्चेंज पर पूंजीगत लिखतों की बिक्री को ऐसे व्यक्ति द्वारा फॉर्म एफ़सी-टीआरएस में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।

एफ़सी-टीआरएस निम्नलिखित के लिए आवश्यक नहीं है:

i. अप्रत्यावर्तनीय आधार पर शेयर धारित करने वाले अनिवासी द्वारा भारतीय कंपनी के शेयरों का किसी निवासी को अंतरण तथा इसके विपरीत

ii. भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी भारतीय कंपनी में पूंजीगत लिखत धारण किए हैं द्वारा भारत के बाहर निवास करने वाला व्यक्ति जिसने प्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण किए हैं।

iii. उपहार के रूप में शेयरों का अंतरण

रिपोर्टिंग का दायित्व निवासी (अंतरणकर्ता/ अंतरिती) अथवा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर पूंजीगत लिखत धारण करने वाले भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्ति, जैसी स्थिति हो, का होगा। एडी बैंक के पास फॉर्म एफ़सी-टीआरएस निधियों की प्राप्ति/ विप्रेषण अथवा पूंजीगत लिखतों के अंतरण, इनमें से जो भी पहले हो, के साठ दिन के भीतर फ़ाइल किया जाना है।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: 10 वर्ष की अवधि को एक विवेकपूर्ण उपाय के रूप में निर्दिष्ट किया गया था जो जरूरी नहीं कि कंपनी अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप हो। इसके अलावा, यहां मुद्दा सार्वजनिक जमा नहीं बल्कि बाहरी देनदारियों का है।

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

आप दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल की प्रत्येक प्राथमिक नीलामी में प्रति प्रतिभूति केवल एक अंतिम बोली जमा कर सकते हैं।

देशी जमा

III. अग्रिम

10 अक्तूबर 2000 से, बैंकों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे अपने निदेशक मंडलों के अनुमोदन से दंडात्मक ब्याज लगाने के लिए पारदर्शी नीति तैयार करें। तथापि, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र के तहत उधारकर्ताओं को दिए गए ऋणों के मामले में, रु 25,000/- तक के ऋणों के लिए कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगाया जा सकता। चुकौती में चूक, वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत न करना आदि जैसे कारणों के लिए दंडात्मक ब्याज लगाया जा सकता है। तथापि, दंडात्मक ब्याज संबंधी नीति को पारदर्शिता, औचित्य, ऋणशोधन हेतु प्रोत्साहन, और ग्राहकों की वास्तविक कठिनाइयों के स्वीकृत सिद्धांतों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

प्राथमिक व्यापारियों की सूची

(क)

बैंक पीडी

  फन नं.

1.

सिटि बैंक एनए., मुंबई शाखा

(022) 40015453/40015378

2.

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

(022) 622303/22652875/22683695

3.

बैंक ऑफ अमरीका एन.ए.

(022) 66323040/3140/3192

4.

जे.पी. मॉरगन चेज़ बैंक एन.ए.

(022) 6639 3084/66392944

5.

एचएसबीसी बैंक

(022) 22623329/22681031/34/33

6.

बैंक ऑफ बड़ौदा

(022) 66363682/83

7.

केनरा बैंक

(022) 22800101-105/22661348

8.

कोटक महिद्रा बैंक लिमि.

(022) 67836107 & 66596235/ 6454

9.

कार्पोरेशन बैंक

(022) 22832429/22022796/ 22871054

10.

एचडीएफसी बैंक

(022) 66521372/9892975232

11.

एबीएन अमरो बैंक एन.वी.

(022) 66386132/128

(ख)

स्वतंत्र पीडी

 

1.

आडीबीआइ गिल्ट्स

(022) 66177900/911

2.

आसीआसीआइ सिक्यू. पीडी लिमि.

(022) 66377421/22882460/70

3.

पीएनबी गिल्ट्स लिमि.

(022) 22693315/17

4.

एसबीआइ डीएफएचआइ लिमि.

(022) 22610490/66364696

5.

एसटीसीआइपीडी लिमि.

(022) 66202261/2200

6.

ड्यूश सिक्यूरिटीज़ (इं.) प्रा. लिमि.

(022) 67063068/3066/67063115

7.

मॉरगन स्टेनले प्राइमरी डीलर प्रा. लिमि.

(022) 22096600

8.

नोमुरा फिक्स्ड इंकम सिक्यूरिटीज़ प्रा. लिमि.

(022) 67855111/ 67855118

*

बैंक पीडी वे हैं जो बैंक के भाग के रूप में पीडी कारोबार विभागीय रूप से करते हैं ।

**

स्वतंत्र पीडी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसी) हैं जो केवल पीडी करोबार ही करते हैं ।

भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
http://www.rbi.org.in/commonman/English/Scripts/PrimaryDealers.aspx पर प्राथमिक व्यापारियें की अद्यतनसूची उपलब्ध है ।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

D. जमाराशियों की परिभाषा, जमाराशियां स्वीकार करने योग्य/अयोग्य संस्थाएं और उनसे संबंधित मामले

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ(खख) में ‘जमाराशि’ शब्द की परिभाषा दी गई है। जमाराशि में जमा या ऋण या किसी अन्य प्रकार से किसी धन की प्राप्ति सम्मिलित है और सदैव मानी जाएगी परंतु इसमें निम्नलिखित शामिल नहीं होगी:

i. शेयर पूंजी के रूप में जुटाई गई रकम, अथवा फर्म के साझेदारों द्वारा पंजी के लिए किया गया अंशदान;

ii. अनुसूचित बैंक, सहकारी बैंक, बैंकिंग कंपनी, राज्य वित्त निगम, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट किसी अन्य संस्था से प्राप्त राशि;

iii. सामान्य कारोबार के दौरान जमानत जमाराशि, डीलरशीप जमा, बयाना माल, संपत्ति और सेवाओं के आदेशों पर अग्रिम के रूप में प्राप्त हुई अग्रिम राशि;

iv. निगमित निकाय से इतर पंजीकृत धन उधार देने वाले से प्राप्त रकम;

v. ‘चिट’ के संबंध में अंशदान के रूप में प्राप्त राशि;

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जनता से जमा राशियों का स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 के पैरा 2(1)(xii) में जनता की जमा राशियों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झ (खख) के अंतर्गत परिभाषित जमाराशि, जिसमें निम्नलिखित को शामिल नहीं किया गया हो, के रूप में परिभाषित किया गया है:

ए. केन्द्र/राज्य सरकार या अन्य स्रोत से प्राप्त राशि जहां केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चुकौती की गारंटी दी गई हो अथवा स्थानीय निकाय या विदेशी सरकार या किसी विदेशी नागरिक/ प्राधिकारी/व्यक्ति से प्राप्त कोई राशि;

बी. इस प्रयोजन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट वित्तीय संस्थानों से प्राप्त कोई राशि; अन्य

सी. अन्य कंपनी से किसी कंपनी को प्राप्त कोई राशि;

डी. आबंटन के लिए विचारधीन/लंबित शेयरों/स्टॉक/ बांडस या ऋणपत्रों में अभिदान के रूप में प्राप्त राशि या क्रय के लिए अग्रिम के रूप में प्राप्त राशि बशर्तें ऐसी राशि कंपनी के अंतर्नियमों के अंतर्गत सदस्यों को चुकायी न जानी हो;

ई. कंपनी के निदेशकों से प्राप्त राशि अथवा प्राइवेट कंपनी अथवा प्राइवेट कंपनी जो पब्लिक कंपनी बन गई हो के इसके शेयर धारकों से प्राप्त राशि;

एफ. कंपनी किसी अचल संपत्ति को अथवा स्थिति के अनुसार कंपनी के किसी अन्य संपत्ति को गरवी रखकर रक्षित ऋण अथवा बांडस जारी कर जुटाई गई राशि

एफए. एक वर्ष से अधिक समावधि में परिपक्वता वाली तथा रू 1 करोड तथा उससे अधिक न्यूनतम प्रति खरीदकर्ता वाली गैर-परिवर्तनीय ऋण पत्र को जारी कर जुटाई गई कोई राशि, बशर्तें कि बैंक द्वारा जारी दिशानिदेश के अनुसार हो;

जी. प्रवर्तकों द्वारा गैर जमानती ऋण के रूप में लायी गयी राशि;

एच. म्यूचुअल फंड से प्राप्त राशि;

आइ. संमिश्र या गौण ऋण के रूप में प्राप्त कोई राशि;

जे. किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के निदेशक और निदेशक के रिश्तेदार से प्राप्त राशि;

के. वाणिज्यिक पत्र (कमर्शियल पेपर) जारी करके प्राप्त कोई राशि;

एल. प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा ‘बेमियादी कर्ज लिखत’ जारी कर प्राप्त कोई राशि;

एम. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर बांडस जारी कर प्राप्त कोई राशि।

इस प्रकार उपर्युक्त निदेशों में जनता की जमाराशि की परिभाषा में से उन उधार देने वालों की कतिपय श्रेणी से उगाही गई राशि को बाहर रखने की कोशिश की गई है जो स्वयं निर्णय ले सकते है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

आई. ईसीबी ढांचे के अंतर्गत हेजिंग

उत्तर: हां। न्यूनतम अनिवार्य हेज की शर्त है।

भारतीय मुद्रा

घ) गंदे तथा कटे-फटे बैंकनोट

यह विवरण हमारी वेबसाइट के इस लिंक पर उपलब्ध है : www.rbi.org.in>>Issuerofcurrency>>Notifications

पुराने (2009) तथा संशोधित एनआरआर (2018) का सारांश निम्नानुसार है :

नोट वापसी नियमावली – संशोधित

क्र. पुराने एनआरआर (2009) के अनुसार

संशोधित एनआरआर (2018) के अनुसार

1 रु. 20 मूल्यवर्ग तक के नोट
  1. नोट के एकल सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का क्षेत्र 50% से अधिक होने पर - पूर्ण मूल्य
  2. नोट के सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का क्षेत्र 50% के तुल्‍य या उससे कम होने पर - निरस्त
कोई परिवर्तन नहीं
2

रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट

  1. यदि क्षेत्र 40% से कम है – निरस्त
  2. यदि क्षेत्र 40% के बराबर अथवा अधिक हो तथा 65% से कम अथवा बराबर हो – आधा मूल्य
  3. यदि नोट का एकल सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का क्षेत्र 65% से अधिक हो – पूर्ण मूल्य
रु. 50/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट
  1. यदि क्षेत्र 40% से कम है – निरस्त
  2. यदि क्षेत्र 40% के बराबर अथवा अधिक हो तथा 80% से कम अथवा बराबर हो – आधा मूल्य
  3. यदि नोट का एकल सबसे बड़े अविभाजित टुकड़े का क्षेत्र 80% से अधिक हो – पूर्ण मूल्य

भारत में विदेशी निवेश

II. विदेशी संविभाग (पोर्टफोलियो) निवेश

उत्तर: सेबी (एफ़पीआई) विनियमावली के अनुसार पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तथा अनिवासी / प्रवासी भारतीय, फेमा 20(आर) की अनुसूची क्रमशः 2 तथा 3 में निर्धारित व्यक्तिगत तथा कुल सीमाओं के अधीन भारत में स्टॉक एक्स्चेंज पर निवेश कर सकते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

5

रिटेल डायरेक्ट योजना

निवेश और खाता धारिता से संबंधित प्रश्न

दिनांकित जी-सेक, टी-बिल और एसडीएल के लिए, प्रति यूनिट राशि प्रतिभूति की सांकेतिक कीमत, अर्जित ब्याज और एक मार्क-अप के आधार पर होगी।

एसजीबी के लिए यह फंडिंग आरबीआई द्वारा उस विशेष मुद्दे के लिए घोषित निर्गम मूल्य पर आधारित होगी।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Credit Rating

A. The Credit Rating is the opinion of the Agency about the company’s ability to service its debt. The company has the discretion to accept the Rating or reject it. There is no appellate authority.

देशी जमा

III. अग्रिम

जहां तक डीआइसीजीसी गारंटी फीस का प्रश्न है, बैंकों को यह विवेकाधिकार दिया गया है कि वे, कमजोर वर्ग के अग्रिमों को छोड़कर रु.25,000/- से अधिक के अग्रिमों के मामले में गारंटी शुल्क स्वयं वहन करें या संबंधित उधारकर्ता पर गारंटी फीस डालें — रु. 25,000/- तक के और कमजोर वर्ग को दिए सभी अग्रिमों के मामले में डीआइसीजीसी गारंटी फीस बैंकों को वहन करनी चाहिए।

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