अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India

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फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया

उत्तर: ऑनलाइन वेब-आधारित पोर्टल विदेशी देयताएं और संपत्ति सूचना रिपोर्टिंग (फ्लेयर) प्रणाली जिसका पता https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml है, के माध्यम से इकाईयां एफएलए रिटर्न जमा कर सकती हैं।

  • URL https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml तक पहुँचने के लिए, किसी भी ब्राउज़र जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम, फायरफॉक्स आदि का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि ये सभी ब्राउज़र इस एप्लिकेशन को सपोर्ट करते हैं।

  • इकाई को Registration (for New Entity Users) पर क्लिक करके पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

  • इकाई को एफएलए उपयोगकर्ता पंजीकरण फॉर्म में विवरण भरना होगा, उल्लिखित दस्तावेजों (Authority letter, Verification letter) को अपलोड करना होगा और पंजीकरण पूरा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।

  • सफल पंजीकरण के बाद, यूजर आईडी और डिफ़ॉल्ट पासवर्ड अधिकृत व्यक्ति की मेल आईडी पर भेजा जाएगा। इस यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके, इकाईयां फ्लेयर पोर्टल पर लॉग इन कर सकती हैं और एफ़एलए रिटर्न फाइल कर सकती हैं।

  • कृपया ध्यान दें: वार्षिक एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए एक्सेल-आधारित प्रारूप और ईमेल-आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली को जून 2019 से वेब-आधारित प्रारूप में बदल दिया गया है।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए

उत्तर: एफसीएस फॉर्म में, उद्योग कोड राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (एनआईसी) (2 अंक) कोड के अनुसार दिए गए हैं। कृपया निर्दिष्ट करें, यदि आपने "अन्य" उद्योग कोड चुना है, जैसे अन्य विनिर्माण, अन्य सेवा गतिविधियाँ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: प्रत्यावर्तनीय आधार पर निवेश का अर्थ है कोई निवेश जिसकी बिक्री/ परिपक्वता पर प्राप्त आय, यथालागू करों को घटाकर भारत के बाहर प्रत्यावर्तित किए जाने के लिए पात्र है। अप्रत्यावर्तनीय आधार पर निवेश इस वाक्यांश का अर्थ तदनुसार लगाया जाए।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Inter-corporate deposits (ICDs)

The objective of exempting the intercorporate deposits from the purview of Non-Banking Financial Companies Acceptance of Public Deposits (Reserve Bank) Directions, 1998 is that the corporate bodies whether a shareholder or a non-shareholder should be able to appraise the loan proposals and ensure the safety of the funds lent. Hence, such loans will be treated as ICDs.

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अगस्त 2006 तक जारी बैंक नोटों में क्रमांक दिए जाते थे। इसमें से प्रत्येक बैंकनोट में एक संख्या अथवा अक्षर/रों से प्रारंभ होने वाला विशिष्ट क्रमांक दिया जाता था। इन बैंक नोटों को 100 नगों के पैकेट के रूप में जारी किया जाता है।

क्रमांक दर्शाने वाले 100 नगों वाले पैकेट में दोषपूर्ण मुद्रण वाले बैंकनोटों को प्रतिस्‍थापित करने के लिए बैंक ने “सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज” वाली संख्‍यांकन प्रणाली को अपनाया । सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज वाले बैंकनोट अन्य बैंक नोटों के एकदम समान होते हैं, लेकिन एक अतिरिक्त संकेताक्षर, नामत: शुरुआती अक्षर के बीच के स्थान में संख्या पैनल में एक *(सितारा/स्टार) अंकित होता है।

आवास ऋण

यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी आधार पर केवल अनुसूचित बैंक के विरुद्ध शिकायत है, आप गोइपोरिया समिति की सिफारिश के अनुसार शाखाओं में उपलब्ध कराए गए एक विशिष्ट शिकायत रजिस्टर में या कागज के एक टुकड़े पर लिखित रूप में संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अपनी शिकायत की रसीद मांगें। आपकी शिकायत प्राप्त करने वाले अधिकारी का विवरण विशेष रूप से मांगा जा सकता है। यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। (कृपया ध्यान दें कि किसी अन्य न्यायिक फोरम में लंबित शिकायतों पर बैंकिंग लोकपाल द्वारा विचार नहीं किया जाएगा)। ग्राहक की शिकायत के समाधान के लिए बैंकिंग लोकपाल कार्यालय द्वारा कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। ट्रैकिंग के उद्देश्य से आपको एक विशिष्ट शिकायत पहचान संख्या दी जाएगी। (बैंकिंग लोकपालों की सूची उनके संपर्क विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है)।

शिकायतों को उस बैंकिंग लोकपाल को संबोधित किया जाना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की वह शाखा या कार्यालय स्थित है जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन या बैंकिंग लोकपाल को ई-मेल भेजकर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत प्रपत्र सभी बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध हैं।

शिकायत आपके अधिकृत प्रतिनिधि (वकील के अलावा) अथवा आपकी ओर से कार्य करने वाले किसी उपभोक्ता संघ/मंच द्वारा भी दर्ज कराई जा सकती है।

यदि आप बैंकिंग लोकपाल के निर्णय से खुश नहीं हैं, तो आप भारतीय रिज़र्व बैंक में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।

रिटेल डायरेक्ट योजना

नो योर कस्टमर (केवाईसी) से संबन्धित प्रश्न

केवल अगर आपका पता सीकेवाईसी में उल्लिखित एक से बदल गया है। उस स्थिति में, आप अपना नया पता अपडेट कर सकते हैं और इसके लिए एक प्रमाण अपलोड कर सकते हैं।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: सीआईसी को किसी भी साझेदारी फर्म में पूंजी का योगदान करने या सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) या साझेदारी फर्मों के समान प्रकृति के किसी भी व्यक्ति सहित साझेदारी फर्मों में भागीदार बनने से प्रतिबंधित किया गया है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

"कामबंदी अवधि" का तात्पर्य उस अवधि से है जब प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी नहीं होती । इस अवधि के दौरान उन प्रतिभूतियों के समायोजन/सुपुर्दगी की अनुमति नहीं होगी जो "कामबंदी" में है । कामबंदी अवधि का मुख्य प्रयोजन प्रतिभूतियों की सर्विसिंग करना है जैसे कूपन के भुगतान और शोधन आय को अंतिम रूप देना तथा इस प्रक्रिया के दौरान प्रतिभूतियों के स्वामित्व में किसी परिवर्तन को रोकना है । वर्तमान में एसजीएल में धारित प्रतिभूतियों के लिए कामबंदी अवधि एक दिन है । उदाहरणार्थ प्रतिभूति 6.49% जीएस 2015 के लिए कूपन भुगतान की तारीख प्रत्येक वर्ष 8 जून और 8 दिसंबर है । इस प्रतिभूति के संबंध में कामबंदी अवधि 7 जून और 7 दिसंबर होगी तथा इस प्रतिभूति के संबंध में समायोजन के लिए कारोबार की इन दो तारीखों को अनुमति नहीं होगी ।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

ऑन टैप टीएलटीआरओ / प्रत्यावर्तित टीएलटीआरओ / टीएलटीआरओ 2.0 के लेनदेन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: ऑन टैप टीएलटीआरओ योजना के तहत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों में प्राथमिक/द्वितीयक बाजार निवेश के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एफ़. लेवरेज मानदंड तथा उधार सीमा

उत्तर: स्वचालित मार्ग के अंतर्गत ईसीबी को जुटाने के लिए व्यक्तिगत सीमा में प्रस्तावित ईसीबी सहित वित्तीय वर्ष के दौरान जुटाई गई सभी ईसीबी को ध्यान में लिया जाएगा। तथापि, ईसीबी राशि के पुनर्वित्त को प्रति वित्तीय वर्ष की व्यक्तिगत सीमा की गणना करने के लिए ध्यान में नहीं लिया जाएगा। साथ ही नए वित्तीय वर्ष के परंभ में उक्त सीमा को पुनःस्थापित किया जाएगा।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: निम्नलिखित इक्विटी प्रतिभूतियों के अंतर्गत शामिल हैं:

  • साधारण शेयर।

  • स्टॉक्स।

  • भाग लेने वाले वरीयता शेयर।

  • म्युचुअल फंड और निवेश ट्रस्ट में शेयर/इकाइयां।

  • निक्षेपागार रसीदें (उदाहरण के लिए, अमेरिकी निक्षेपागार रसीदें) अनिवासियों द्वारा जारी इक्विटी प्रतिभूतियों के स्वामित्व को दर्शाती हैं।

  • प्रतिभूतियों को रेपो के तहत बेचा जाता है या प्रतिभूति उधार व्यवस्था के तहत "उधार" दिया जाता है।

  • रिवर्स रेपो या प्रतिभूति उधार व्यवस्था के तहत अधिग्रहीत और बाद में किसी तीसरे पक्ष को बेची गई प्रतिभूतियों को नकारात्मक होल्डिंग के रूप में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

बैंक द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार या धारण) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश, 2007, मानदण्ड, गैर-प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (गैर-जमा स्वीकार या धारण), कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश, 2015, और गैर प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय (गैर-जमा स्वीकार या धारण) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश, 2015, विवेकपूर्ण मानदंडों पर विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। एनबीएफसी के जमा स्वीकृति या प्रणालीगत महत्व के आधार पर लागू नियमों में परिवर्तन होता है।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लागू निर्देशों में अन्य मदों के साथ-साथ, आय-निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण आवश्यकताओं, एक्सपोज़र मानदंडों, बैलेंस शीट में प्रकटीकरण, पूंजी पर्याप्तता की आवश्यकता, भूमि और भवन में निवेश पर प्रतिबंध और गैर-उद्धृत शेयरों के मूल्य, मुख्य रूप से सोने के आभूषण पर ऋण देने के कारोबार में लगी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के के लिए ऋण मूल्य र अनुपात (एलटीवी) संबंधी निर्धारण, और इनके अलावा अन्य निर्देश भी शामिल हैं। जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी को सांविधिक चलनिधि आवश्यकताओं का भी अनुपालन करना जरूरी है। जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली और जमाराशियाँ प्राप्त न करने वाली एनबीएफसी के लिये लागू विवेकपूर्ण विनियमों का विवरण भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट में खंड ‘Regulation – Non-Banking – Notifications - Master Circulars’ में उपलब्ध है।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया

उत्तर: फ़ाइनल सबमिशन के समय ही आपके द्वारा सबमिट किए गए एफ़एलए डेटा की सिस्टम-जनरेटेड पावती प्राप्त होगी। इस संबंध में अलग से कोई मेल नहीं भेजा जाएगा।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

बैंकों के निदेशक मंडलों (बोर्ड) को यह शक्ति दी गयी है कि वे आस्ति देयता प्रबंधन समिति को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर जमाराशियों पर ब्याज दरें तय करने के लिए प्राधिकृत करें।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

प्रतिभूतियों के समायोजन का स्वरूप सुपुर्दगी बनाम भुगतान (अ्vझ्) है, जहाँ प्रतिभूतियों और निधि का अंतरण साथ-साथ होता है । इससे यह सुनिश्चित होता है कि जब तक भुगतान नहीं होता, प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी नहीं होती तथा यह इसके विपरित भी लागू होता है । अ्vझ् समायोजन से लेन-देन में समायोजन जोखिम समाप्त हो जाता है । तीन प्रकार के अ्vझ् समायोजन हैं, यथा अ्vझ् I, II और III जो नीचे स्पष्ट किए गए हैं :-(i) अ्vझ् I - प्रतिभूतियों और लेन-देन के चरण का समायोजन सकल आधार पर होता है, अर्थात समायोजन एक-एक लेन-देन पर, सहभागियों के भुगतान योग्य और प्राप्य राशि की नेटिंग किए बिना, होता है ।(ii) अ्vझ् II - इस तरीके में प्रतिभूतियों का समायोजन सकल आधार पर होता है जबकि निधि का समायोजन नेट आधार पर होता है अर्थात किसी पार्टी के सभी देय और प्राप्य लेन-देनों की नेटिंग करके भुगतान अथवा प्राप्त करने की स्थिति पर पहुँच कर समायोजन किया जाता है ।(iii) अ्vझ् III - इस तरीके में प्रतिभूतियों और निधि, दोनों चरणों को नेट आधार पर समायोजित किया जाता है तथा किसी सहभागी द्वारा किए गए सभी लेन-देनों की अंतिम निवल स्थिति पर ही समायोजन किया जाता है । सकल प्रणाली में तरलता अपेक्षा निवल प्रणाली से अधिक होती है क्योंकि निवल प्रणाली में देय और प्राप्य राशि एक दूसरे के साथ समायोजित हो जाती है ।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए

उत्तर: हाँ, यह अनिवार्य है। यहां फॉर्म भरने के लिए अधिकृत व्यक्ति प्रस्तुत की गई जानकारी की जिम्मेदारी लेता है और सीआईएन नंबर सहित इसकी सटीकता की घोषणा करता है। यह एफसीएस सर्वेक्षण के सर्वेक्षण कार्यक्रम में भरे गए सभी विवरणों की अंतिम जांच है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: कृपया फेमा 20(आर) का विनियम 11 देखें।

विवरण सूचीबद्ध कंपनी गैर सूचीबद्ध कंपनी
भारतीय कंपनी द्वारा जारी अथवा निवासी द्वारा अनिवासी को अंतरित– कीमत निम्नलिखित से कम नहीं होनी चाहिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार अभिकलित कीमत; आर्म्स लेंथ आधार पर किए गए मूल्यांकन के लिए किसी भी अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मूल्य निर्धारण पद्धति के अनुसार पूंजीगत लिखतों का मूल्यांकन जिसे सनदी लेखाकर, अथवा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में रैजिस्टर्ड मर्चंट बैंकर अथवा व्यावसायिक कॉस्ट अकाउंटेंट द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया है
अनिवासी से निवासी को अंतरण – कीमत निम्नलिखित से अधिक नहीं होनी चाहिए: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार अभिकलित कीमत; आर्म्स लेंथ आधार पर किए गए मूल्यांकन के लिए किसी भी अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मूल्य निर्धारण पद्धति के अनुसार पूंजीगत लिखतों का मूल्यांकन जिसे सनदी लेखाकर, अथवा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में रैजिस्टर्ड मर्चंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया है

मूल्यनिर्धारण संबंधी दिशानिर्देश भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर किए गए निवेश पर लागू नहीं होंगे।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Inter-corporate deposits (ICDs)

Yes. Under the new NBFC Directions, an NBFC can accept ICDs without any ceiling subject, however, to the limit set by Capital Adequacy Norms applicable to it.

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 25 के अनुसार, बैंकनोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्‍वरूप और सामग्री भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के अनुरूप होगी ।

आवास ऋण

प्रतिगामी बंधक ऋण (रिवर्स मॉर्टगेज लोन)

प्रतिगामी बंधक योजना हाल ही में उन वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए शुरू की गई है, जिनके पास अपना घर है, लेकिन उनकी आय उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। प्रतिगामी बंधक की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • एक गृहस्वामी जिसकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, प्रतिगामी बंधक ऋण के लिए पात्र है। यह उसे अपने घर में इक्विटी को एकमुश्त या आवधिक भुगतानों में उधारकर्ता और बैंकर द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत होने की अनुमति देता है।

  • संपत्ति ऋणभारों से मुक्त होनी चाहिए और उधारकर्ता का स्पष्ट शीर्षक होना चाहिए।

  • जब तक उधारकर्ता रहता है, तब तक कोई पुनर्भुगतान आवश्यक नहीं है, उधारकर्ता को घर से संबंधित सभी करों का भुगतान करना चाहिए और संपत्ति को अपने प्राथमिक निवास के रूप में बनाए रखना चाहिए।

  • ऋण की राशि कई कारकों पर आधारित होती है: उधारकर्ता की आयु, संपत्ति का मूल्य, वर्तमान ब्याज दरें और चुनी गई विशिष्ट योजना। सामान्यतया, उम्र जितनी अधिक होती है, घर का मूल्य उतना ही अधिक होता है, उतना ही अधिक धन उपलब्ध होता है।

  • आवासीय संपत्ति का मूल्यांकन आवधिक अंतराल पर किया जाता है और यह स्पष्ट रूप से उधारकर्ताओं को अग्रिम रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा। बैंकों के पास संपत्ति के पुनर्मूल्यांकन के आधार पर ऐसी आवृत्ति या अंतराल पर आवधिक/ एकमुश्त राशि को संशोधित करने का विकल्प होगा।

  • विवाहित जोड़े वित्तीय सहायता के लिए संयुक्त उधारकर्ताओं के रूप में पात्र होंगे। ऐसे मामले में, दम्पत्ति के लिए आयु मानदंड ऋणदाता संस्था के विवेक पर होगा, बशर्ते कि उनमें से कम से कम एक की आयु 60 वर्ष से अधिक हो।

  • ऋण तभी देय और चुकाने योग्य होगा जब अंतिम जीवित उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है या वह घर बेचना चाहता है, या स्थायी रूप से बाहर चला जाता है।

  • घर के मालिक की मृत्यु होने पर, कानूनी उत्तराधिकारियों के पास घर रखने या बेचने का विकल्प होता है। अगर वे घर बेचने का फैसला करते हैं, तो बिक्री की आय का उपयोग बंधक चुकाने के लिए किया जाएगा, शेष उत्तराधिकारियों के पास जाएगा।

  • राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार ऋण की अधिकतम अवधि 15 वर्ष है। संपत्ति का अवशिष्ट जीवन कम से कम 20 वर्ष होना चाहिए। जहां उधारकर्ता 15 वर्ष से अधिक समय तक जीवित रहता है, वहां ऋणदाता द्वारा आवधिक भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि, उधारकर्ता का अपनी संपत्ति पर कब्जा जारी रख सकता है।

  • वित्तीय वर्ष 2008-09 से, प्रतिगामी बंधक ऋण पर प्राप्त एकमुश्त राशि या आवधिक भुगतानों पर आयकर या पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा।

नोट- प्रतिगामी बंधक प्रतिवर्ती में एक निश्चित ब्याज छूट वाला उत्पाद है। इसपर अभी तक ब्याज दरों में बदलाव का असर नहीं पड़ता है।

आवश्यक – फाइन प्रिंट पढ़ने का अभ्यास करने में आपकी मदद करने के लिए यह भाग फाइन प्रिंट किया गया है। ऋण करार का दस्तावेजीकरण लगभग 50 पृष्ठों का है और इसकी भाषा जटिल है। अगर आपको लगता है कि हर कोई बैंक के साथ एक ही करार पर हस्ताक्षर करता है, तो पढ़ने की क्या जरूरत है? आप एक सूचित निर्णय नहीं ले रहे हैं। अगर आपको लगता था कि अगर कोई समस्या होती तो कोई मुझे यह इशारा करता, तो शायद उन्होंने किया लेकिन आप इसे पढ़ या सुन नहीं सकते थे। फिर से विचार करना! सभी ऋण करार में उधारकर्ताओं और उधारदाताओं के अधिकारों को पारदर्शी तरीके से स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं किया जा सकता है। होम लोन एग्रीमेंट आपको पहले से उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है ताकि आपके द्वारा एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से पहले इसे पढ़ा और समझा जा सके। पर्याप्त समय में उधारकर्ता को एक प्रति सौंपने में देरी करने के लिए हर तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ क्षेत्रों पर आप ध्यान केंद्रित कर सकते हैं ए) कुछ बैंकों द्वारा उनके गृह ऋण करार में शामिल "रीसेट क्लॉज" की जांच करें जो उन्हें भविष्य में निश्चित दर ऋणों पर भी ब्याज दर बदलने की अनुमति देता है। बैंक 3 या 2 साल के अंतराल के लिए अपना रीसेट क्लॉज सेट कर सकते हैं। वे कहते हैं कि एक ऋणदाता के पास एक करार नहीं हो सकता है कि 15 से 20 वर्षों के पूरे कार्यकाल के लिए एक निश्चित दर निर्धारित की जाती है क्योंकि इससे आस्ति-देयता बेमेल हो जाएगी। अपने बैंक से बात करें। बी) कृपया "असाधारण परिस्थितियों" (यदि ऋण करार में कहा गया है) शब्द पर स्पष्टीकरण मांगें, जिसके तहत आपके बैंक द्वारा ऋण दरों में एकतरफा बदलाव किया जा सकता है। सी) एक सामान्य व्यक्ति सोचता है कि डिफॉल्ट का आदर्श अर्थ एक या एक से अधिक ऋण किस्तों का भुगतान न करना है। कुछ ऋण दस्तावेजों में इसमें तलाक और मृत्यु (व्यक्तिगत मामले में) और नागरिक मुकदमेबाजी या आपराधिक अपराध में शामिल होना भी शामिल हो सकता है। डी) क्या ऋण करार में कहा गया है कि ऋण का संवितरण सीधे बिल्डर या डेवलपर को किया जा सकता है और तैयार संपत्ति के मामले में उसके विक्रेता को और/या ऐसे अन्य तरीके से किया जा सकता है जो पूरी तरह से बैंक द्वारा तय किया जा सकता है? कर्ज लेने वाले ही हैं जिनकी संपत्ति के मूल कागजात बैंक के पास रखे हुए हैं, तो बिल्डर को भुगतान क्यों किया जाए। संपत्ति के कब्जे में कुछ मामलों में देरी हुई है जब बिल्डर के नाम पर चेक जारी किया गया था और बिल्डर ने उधारकर्ता को देरी से जुर्माना देने से इनकार कर दिया था। ई) क्या करार आपके ऋण को तीसरे पक्ष को सौंपने में सक्षम है? बैंक के साथ ऋण करार करने से पहले आप बैंक की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हैं। क्या आप तीसरे पक्ष के अधिग्रहण से सहज हैं या आपको उस स्थिति में अपना गृह ऋण एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए? अस्पष्ट खंड देखें और बैंकर के साथ चर्चा करें। कुछ करार में कहा गया है कि रोजगार आदि में बदलाव के बारे में पहले से सूचित किया जाना चाहिए, बिना "बहुत पहले" शब्द की मात्रा निर्धारित किए बिना। एफ) एक मामले में ऋण दस्तावेज कहता है कि "पूर्व-अनुमोदन पत्र जारी करने को बैंक द्वारा आवास ऋण देने की प्रतिबद्धता के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और गृह ऋण संसाधित नहीं होने पर भी प्रसंस्करण शुल्क वापस नहीं किया जा सकता है"। ऐसा लगता है कि यह कभी खत्म नहीं होता है। ऊपर दिए गए केवल सांकेतिक उदाहरण हैं जो विभिन्न स्रोतों द्वारा देखे गए/रिपोर्ट/संकेत किए गए हैं। हालाँकि, हमारा मुख्य उद्देश्य आपको फाइन प्रिंट पढ़ने की आदत डालना था। यदि आपने इसे पढ़ा होगा तो आप किसी भी दस्तावेज में फाइन प्रिंट पढ़ने के महत्व को समझ गए होंगे और हमने अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया है। केवल इच्छा है कि मैं वास्तविक मामलों की तरह प्रिंट को छोटा कर सकूं.

रिटेल डायरेक्ट योजना

नो योर कस्टमर (केवाईसी) से संबन्धित प्रश्न

किसी भी खरीद/बिक्री के मामले में इस रुपये बचत बैंक खाते के माध्यम से धन का निपटारा किया जाएगा। निवेशित प्रतिभूति की आवधिक कूपन भुगतान और शोधन राशि भी इस बैंक खाते में जमा की जाएगी।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: सीआईसी परिपत्रों में प्रयुक्त शब्द ब्लॉक सेल है न कि ब्लॉक डील जैसाकि सेबी द्वारा परिभाषित किया गया है। परिपत्र के संदर्भ में, एक ब्लॉक सेल विनिवेश या निवेश के उद्देश्यों के लिए की गई दीर्घकालिक या कार्यनीतिक सेल होगी, न कि अल्पकालिक व्यापार के लिए। एक ब्लॉक डील के विपरीत, इस उद्देश्य के लिए परिभाषित कोई न्यूनतम संख्या/मूल्य नहीं है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एफ़. लेवरेज मानदंड तथा उधार सीमा

उत्तर: हां। पात्र उधारकर्ता के लेखा परीक्षित तुलन-पत्र के अनुसार लाभ हानि खाते में कोई भी डेबिट जमा-शेष को ईसीबी देयता–इक्विटि अनुपात की गणना के लिए इक्विटि से घटाना होगा।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: इक्विटी प्रतिभूतियों के अंतर्गत निम्नलिखित शामिल नहीं हैं:

  • एक अनिवासी उद्यम द्वारा जारी इक्विटी प्रतिभूतियां जो उन प्रतिभूतियों के निवासी स्वामी से संबंधित हैं, उन्हें इस सर्वेक्षण से बाहर रखा जाना चाहिए।

  • गैर-प्रतिभाग करने वाले वरीयता शेयर।

  • रिवर्स रेपो के तहत अधिग्रहीत प्रतिभूतियां।

  • उधार व्यवस्था के तहत अधिग्रहीत प्रतिभूतियां।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

'स्वाधिकृत निधि' का मतलब है प्रदत्त कुल इक्विटी पूंजी, अधिमान (preference) शेअर्स, जो अनिवार्यत: इक्विटी में परिवर्तित होते हैं, मुक्त आरक्षित निधि, शेयर प्रीमियम खाते में बकाया राशि और हानि, आस्थगित राजस्व व्यय और अन्य अमूर्त आस्तियों के संचयित बकाये से घटाने के बाद आस्ति के पुनर्मूल्यांकन से बनाई गयी आरक्षित पूंजी। निवल स्वाधिकृत निधि, उपरोल्लिखित राशि से इन कंपनियों की ही समूह की सहायक और सहयोगी कंपनियों तथा अन्य सभी एनबीएफसीज की शेयर में निवेश और उसी समूह की सहायक और सहयोगी कंपनियों के पास रखी जमाराशियाँ, डिबेंचरस, बांडस, बकाया ऋणों और अग्रिमों, जिनमें किराया खरीद और लीज फ़ाइनेंस भी शामिल है, जो कि स्वाधिकृत निधि के 10% से अधिक की राशि है, को घटाने के बाद आनेवाली राशि हैं।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया

उत्तर: एआईएफ को फ्लेयर पोर्टल पर पंजीकरण करने की आवश्यकता है। चूंकि अभी तक एआईएफ के लिए निर्धारित प्रारूप में एफएलए रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए पोर्टल पर पंजीकरण पूरा करने के बाद एआईएफ को एफएलए रिटर्न दाखिल करने हेतु नवीनतम प्रारूप प्राप्त करने के लिए एक मेल भेजने की आवश्यकता है। तत्पश्चात एफएलए टीम उन्हें एफएलए रिटर्न भरने के लिए मेल के माध्यम से एक्सेल आधारित प्रारूप भेजेगी। उन्हें एक्सेल फॉर्मेट भरना होगा और उसे ईमेल पर भेजना होगा। एफ़एलए टीम भरे हुए एफ़एलए फॉर्म प्राप्त होने पर ईमेल आधारित पावती फॉर्म प्रेषित करेगी।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

हां, बैंकों को अनिवासी विदेशी मीयादी जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर लगाने की अनुमति दी गयी है जैसी कि 15 लाख रुपये और उससे अधिक देशी मीयादी जमाराशियों पर निर्धारित उच्चतम सीमा के भीतर लगायी जाती है। एफ सी एन आर (बी) जमाराशियों के संबंध में बैंक अब मुद्रावार न्यूनतम मात्रा निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं जिस पर निर्धारित उच्चतम सीमा के अधीन विभेदक ब्याज दर दिया जाए ।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: एफ़डीआई सम्बद्ध कार्यनिष्पादन की शर्तें, विदेशी निवेश प्राप्त करने वाली कंपनियों के लिए फेमा 20(आर) के विनियम 16 में किसी क्षेत्र विशेष के लिए निर्धारित की गई शर्तें हैं।

भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग (एफसीएस) पर द्विवार्षिक सर्वेक्षण

कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए

उत्तर: कृपया नीचे दी गई तालिका देखें जिसमें त्रुटि कोड (गंभीर त्रुटि, गैर-घातक त्रुटि) उनके विवरण के साथ हैं। यदि आपको किसी घातक त्रुटि कोड के साथ संसाधित डेटा की पावती मिलती है, तो नीचे दिए गए घातक त्रुटि संदेश/विवरण का पालन करें और अपने डेटा को संशोधित करें और इसे fcs@rbi.org.in पर पुनः सबमिट करें। यदि आपको किसी गैर-घातक त्रुटि कोड के साथ संसाधित डेटा की पावती मिलती है, तो उसे fcsquery@rbi.org पर भेजकर त्रुटियों का औचित्य/स्पष्टीकरण दें।

क्रम सं. संशोधित - अस्वीकृति मानदंड संशोधित - त्रुटि संदेश/विवरण त्रुटि कोड
घातक त्रुटि
1 जब वर्ष को खाली छोड़ दिया हो वर्ष को खाली नहीं छोड़ा जा सकता। कृपया संदर्भ वर्ष निर्दिष्ट करें और रिटर्न भरें। FCS_F_001
2 जब सर्वेक्षण वर्ष गलत हो सर्वेक्षण वर्ष प्रणाली में नवीनतम बंद सर्वेक्षण वर्ष के बाद का अनुवर्ती सर्वेक्षण होना चाहिए। कृपया सही सर्वेक्षण वर्ष निर्दिष्ट करें। FCS_F_001
3 जब सर्वेक्षण वर्ष शून्य हो सर्वेक्षण वर्ष NULL नहीं हो सकता। कृपया सर्वेक्षण वर्ष निर्दिष्ट करें और रिटर्न भरें। FCS_F_001
4 जब सर्वेक्षण वर्ष गलत हो कृपया उचित सर्वेक्षण वर्ष निर्दिष्ट करें, कृपया सर्वेक्षण वर्ष के लिए फॉर्म भरें FCS_F_001
5 जब सर्वेक्षण वर्ष अमान्य हो जिस वर्ष की जानकारी संबंधित है, वह अमान्य सर्वेक्षण वर्ष है। कृपया संदर्भ वर्ष का उल्लेख करें जिसके लिए रिटर्न भरा गया है FCS_F_001
6 जब सर्वेक्षण वर्ष बंद हो गया हो एफसीएस सर्वेक्षण {वर्ष} के लिए बंद है FCS_F_001
7 जब कंपनी का नाम प्रदान नहीं किया गया हो कंपनी का नाम प्रदान नहीं किया गया है। कृपया कंपनी का नाम प्रदान करें। FCS_F_002
8 जब सीआईएन नंबर नहीं दिया गया हो CIN नंबर प्रदान नहीं किया गया है। कृपया कंपनी का CIN नंबर प्रदान करें। FCS_F_003
9 जब टेलीफोन नंबर नहीं दिया गया हो कृपया संपर्क व्यक्ति का टेलीफोन नंबर प्रदान करें। FCS_F_004
10 जब ईमेल आईडी नहीं दी गई हो कृपया संपर्क व्यक्ति की ईमेल आईडी प्रदान करें। FCS_F_005
गैर-घातक त्रुटि
1 जब संगठन का प्रकार नहीं दिया गया हो कृपया संगठन का प्रकार प्रदान करें। FCS_NF_001
2 रिपोर्टिंग कंपनी की पहचान जब नहीं दी जाती है कृपया रिपोर्टिंग कंपनी की पहचान निर्दिष्ट करें। FCS_NF_002
3 जब आर्थिक गतिविधि नहीं दी जाती है कृपया आर्थिक गतिविधि प्रदान करें। FCS_NF_003
4 कृपया देश के नाम/इक्विटी शेयर के लिए विवरण प्रदान करें। कृपया देश का नाम/इक्विटी शेयर के लिए विवरण प्रदान करें। FCS_NF_008
5 जब देश का नाम/ऋण विवरण के लिए विवरण प्रदान नहीं किया गया हो कृपया देश का नाम / ऋण विवरण के लिए विवरण प्रदान करें। FCS_NF_009
6 देश का नाम/राशि विवरण प्रदान करते समय विवरण नहीं दिया गया हो कृपया देश का नाम / राशि विवरण के लिए विवरण प्रदान करें। FCS_NF_011
7 जब संगठन की कुल इक्विटी पूंजी नहीं दी गई हो कृपया संगठन की कुल इक्विटी पूंजी प्रदान करें। FCS_NF_004
8 जब इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। FCS_NF_005_PY
9 जब इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। FCS_NF_005_CY
10 जब इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। इक्विटी पूंजी में विदेशी भागीदारी कुल इक्विटी पूंजी से अधिक नहीं हो सकती। FCS_NF_005
11 जब फील्ड 2: (2ए) दोनों वर्षों के लिए खाली नहीं हो सकता क्योंकि कंपनी विदेशी सहायक कंपनी है। फील्ड 2: (2ए) दोनों वर्षों के लिए खाली नहीं हो सकता क्योंकि कंपनी विदेशी सहायक कंपनी है। FCS_NF_006
12 जब फील्ड 2 दोनों वर्षों के लिए खाली नहीं हो सकता क्योंकि कंपनी विदेशी सहयोगी है। फील्ड 2 दोनों वर्षों के लिए खाली नहीं हो सकता क्योंकि कंपनी विदेशी सहयोगी है। FCS_NF_007
13 भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_012_PY
14 भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_012_CY
15 भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, आयात का कुल मूल्य (7.1) विदेशी मालिक/सहयोगी/ सहकर्मी (7.1.1) से आयात और सहयोग व्यवस्था (7.1.2) के तहत आयात से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_012
16 भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_013_PY
17 भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_013_CY
18 भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II, ब्लॉक 7 में, माल का निर्यात (7.2.1) विदेशी सहयोग समझौते (7.2.1.1) के तहत उत्पादित माल के निर्यात और विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2. 1.2) के तहत निर्यात के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_013
19 भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। FCS_NF_014_PY
20 भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। FCS_NF_014_CY
21 भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। भाग II में, ब्लॉक 7, सेवाओं का निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) विदेशी सहकर्मी /सहयोगी (7.2.2.1) के निर्यात से कम नहीं हो सकता है। FCS_NF_014
22 भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_015_PY
23 भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_015_CY
24 भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। भाग II में, ब्लॉक 7, एफ ओ बी आधार पर निर्यात का कुल मूल्य (7.2) माल के निर्यात (7.2.1) और सेवाओं के निर्यात और अन्य विदेशी मुद्रा आय (7.2.2) के योग से कम नहीं हो सकता। FCS_NF_015
25 जब कंपनी के पास विदेशी तकनीकी सहयोग समझौते हों, तो कृपया अनुबंधों की संख्या प्रदान करें। चूंकि आपकी कंपनी के पास विदेशी तकनीकी सहयोग समझौते हैं, कृपया अनुबंधों की संख्या प्रदान करें। FCS_NF_016
26 सभी क्षेत्रों पर जानकारी प्रदान करके समझौते का विवरण भरने की जरूरत है कृपया सभी क्षेत्रों पर जानकारी प्रदान करके अनुबंध विवरण प्रदान करें। FCS_NF_017
27 अपूर्ण जानकारी। कृपया फील्ड 11(बी) में उल्लिखित सभी विदेशी तकनीकी सहयोग समझौतों के लिए अनुबंध विवरण प्रदान करें। अपूर्ण जानकारी। कृपया फील्ड 11(बी) में उल्लिखित सभी विदेशी तकनीकी सहयोग समझौतों के लिए अनुबंध विवरण प्रदान करें। FCS_NF_018

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Inter-corporate deposits (ICDs)

Yes. The ICDs not being public deposit are not governed by the minimum and maximum period applicable to public deposit.

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

एक वर्ष में मुद्रित की जाने वाली बैंक नोटों की मात्रा तथा मूल्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे (i) जनता की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संचलनगत नोटों (एनआईसी) में अपेक्षित वृद्धि, तथा (ii) संचलन में केवल अच्छी गुणवत्ता वाले नोटों का होना सुनिश्चित करने हेतु गंदे/कटे-फटे नोटों को बदलने की आवश्यकता होना। संचलनगत नोटों में अपेक्षित वृद्धि का आकलन सांख्यिकीय मॉडलों का उपयोग करके किया जाता है, जिसमें समष्टिगत आर्थिक कारकों जैसे सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) में अपेक्षित वृद्धि, मुद्रास्फीति, ब्याज दर, भुगतान के गैर-नकदी माध्यमों में वृद्धि आदि को ध्‍यान में रखा जाता है । प्रतिस्थापन की आवश्यकता पहले से ही संचलनगत नोटों की मात्रा तथा बैंकनोट के औसत जीवन पर निर्भर करती है । रिज़र्व बैंक नकदी की अपेक्षित मांग के संबंध में एक वर्ष में मुद्रित की जाने वाली बैंक नोटों की मात्रा तथा मूल्य का आकलन उक्त कारकों के साथ ही अपने क्षेत्रीय कार्यालयों तथा बैंकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर करता है तथा भारत सरकार और प्रिंटिंग प्रेसों के परामर्श से इसको अंतिम रूप देता है ।

रिटेल डायरेक्ट योजना

नो योर कस्टमर (केवाईसी) से संबन्धित प्रश्न

अपने बैंक खाते को लिंक करने के लिए, आप या तो अपने बैंक खाते के रद्द चेक की एक तस्वीर अपलोड कर सकते हैं जहां से सिस्टम स्वचालित रूप से आवश्यक विवरण पढ़ लेगा या बैंक खाते का विवरण स्वयं दर्ज करेगा। इसके बाद सिस्टम आपके खाते में टोकन राशि अंतरित कर देगा। अगली स्क्रीन पर इस टोकन राशि की पुष्टि करने से स्वचालित सत्यापन और लिंकिंग होगी।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: नहीं, सीआईसी/सीआईसी-एनडी-एसआई जमा स्वीकार नहीं कर सकते। यह पात्रता मानदंडों में से एक है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

सीसीआइएल सरकारी प्रतिभूतियों के लिए समाशोधन एजेंसी है । सरकारी प्रतिभूतियों में होनेवाले समस्त लेनदेनों के लिए यह एक केंद्रीय प्रति पक्ष (सीसीपी) के रूप में कार्य करता हैं जो वह स्वयं को दो प्रतिपक्षों के बीच स्थापित करते हुए संपन्न करता है । परिणामत:, निपटान के दौरान, सीसीपी वास्तविक लेनदेन के क्रेता के लिए विक्रेता और विक्रेता के लिए क्रेता बन जाता है । ओटीसी मार्केट में तथा एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर किए जानेवाले सभी एकमुश्त लेनदेनों को सीसीआइएल के जटिए समायोजिता किया जाता है । एक बार सीसीआइएल के पास लेनदेन की सूचना पहुंच जाने पर वह प्रतिभूतियों तथा निधियों, इन दोनों पक्षों पर सहभागीवार निवल दायित्वों का हिसाब लगाता है । ग्राहकों (गिल्ट खाता धारी) की देय/प्राप्य स्थिति उनके संबंधित अभिरक्षकों के सामने प्रदर्शित होती है । सीसीआईएल सहभागियों की निवल स्थिति के साथ निपटान फाइल रिज़र्व बैंक को भेज देता है जहां "सुपुर्दगी बनाम भुगतान" प्रणाली के तहत निधियों एवं प्रतिभूतियों के साथ साथ अंतरण द्वारा निपटान संपन्न होता है । सीसीआइएल सरकारी प्रतिभूतियों में किए जानेवाले सभी लेनदेनों के निपटान की भी गारंटी देता है । अर्थात निपटान प्रक्रिया के दौरान यदि कोई सहभागी निधियां/प्रतिभूतियां उपलब्ध कराने में चूक जाता है तो सीसीआइएल उन्हें अपने स्वयं के संसाधनों में से उपलब्ध करायेगा । इस प्रयोजन के लिए सीसीआइएल सभी सहभागियों से मार्जिन वसूल करता है और "निपटान गारंटी निधि" रखता है ।

आवास ऋण

प्रतिगामी बंधक ऋण (रिवर्स मॉर्टगेज लोन)

ईएमआई गणना का उदाहरण (निवल स्थिर ऋण)

  ऋण की राशि 1,000,000.00  
  वार्षिक ब्याज दर 15.00%  
  भुगतान की संख्या 120  
  मासिक भुगतान 16,133.50  
संख्या भुगतान ब्याज मूलधन शेष
0       1,000,000.00
1 16,133.50 12,500.00 3,633.50 996,366.50
2 16,133.50 12,454.58 3,678.91 992,687.59
3 16,133.50 12,408.59 3,724.90 988,962.69
4 16,133.50 12,362.03 3,771.46 985,191.23
5 16,133.50 12,314.89 3,818.61 981,372.62
6 16,133.50 12,267.16 3,866.34 977,506.28
7 16,133.50 12,218.83 3,914.67 973,591.62
8 16,133.50 12,169.90 3,963.60 969,628.02
9 16,133.50 12,120.35 4,013.15 965,614.87
10 16,133.50 12,070.19 4,063.31 961,551.56
11 16,133.50 12,019.39 4,114.10 957,437.46
12 16,133.50 11,967.97 4,165.53 953,271.93
13 16,133.50 11,915.90 4,217.60 949,054.34
14 16,133.50 11,863.18 4,270.32 944,784.02
15 16,133.50 11,809.80 4,323.70 940,460.32
16 16,133.50 11,755.75 4,377.74 936,082.58
17 16,133.50 11,701.03 4,432.46 931,650.12
18 16,133.50 11,645.63 4,487.87 927,162.25
19 16,133.50 11,589.53 4,543.97 922,618.28
20 16,133.50 11,532.73 4,600.77 918,017.51
21 16,133.50 11,475.22 4,658.28 913,359.24
22 16,133.50 11,416.99 4,716.51 908,642.73
23 16,133.50 11,358.03 4,775.46 903,867.27
24 16,133.50 11,298.34 4,835.15 899,032.12
25 16,133.50 11,237.90 4,895.59 894,136.52
26 16,133.50 11,176.71 4,956.79 889,179.73
27 16,133.50 11,114.75 5,018.75 884,160.98
28 16,133.50 11,052.01 5,081.48 879,079.50
29 16,133.50 10,988.49 5,145.00 873,934.50
30 16,133.50 10,924.18 5,209.31 868,725.18
31 16,133.50 10,859.06 5,274.43 863,450.75
32 16,133.50 10,793.13 5,340.36 858,110.39
33 16,133.50 10,726.38 5,407.12 852,703.28
34 16,133.50 10,658.79 5,474.70 847,228.57
35 16,133.50 10,590.36 5,543.14 841,685.43
36 16,133.50 10,521.07 5,612.43 836,073.00
37 16,133.50 10,450.91 5,682.58 830,390.42
38 16,133.50 10,379.88 5,753.62 824,636.81
39 16,133.50 10,307.96 5,825.54 818,811.27
40 16,133.50 10,235.14 5,898.35 812,912.92
41 16,133.50 10,161.41 5,972.08 806,940.83
42 16,133.50 10,086.76 6,046.74 800,894.10
43 16,133.50 10,011.18 6,122.32 794,771.78
44 16,133.50 9,934.65 6,198.85 788,572.93
45 16,133.50 9,857.16 6,276.33 782,296.59
46 16,133.50 9,778.71 6,354.79 775,941.81
47 16,133.50 9,699.27 6,434.22 769,507.58
48 16,133.50 9,618.84 6,514.65 762,992.93
49 16,133.50 9,537.41 6,596.08 756,396.85
50 16,133.50 9,454.96 6,678.54 749,718.31
51 16,133.50 9,371.48 6,762.02 742,956.30
52 16,133.50 9,286.95 6,846.54 736,109.75
53 16,133.50 9,201.37 6,932.12 729,177.63
54 16,133.50 9,114.72 7,018.78 722,158.85
55 16,133.50 9,026.99 7,106.51 715,052.34
56 16,133.50 8,938.15 7,195.34 707,857.00
57 16,133.50 8,848.21 7,285.28 700,571.72
58 16,133.50 8,757.15 7,376.35 693,195.37
59 16,133.50 8,664.94 7,468.55 685,726.82
60 16,133.50 8,571.59 7,561.91 678,164.91
61 16,133.50 8,477.06 7,656.43 670,508.47
62 16,133.50 8,381.36 7,752.14 662,756.33
63 16,133.50 8,284.45 7,849.04 654,907.29
64 16,133.50 8,186.34 7,947.15 646,960.14
65 16,133.50 8,087.00 8,046.49 638,913.64
66 16,133.50 7,986.42 8,147.08 630,766.57
67 16,133.50 7,884.58 8,248.91 622,517.65
68 16,133.50 7,781.47 8,352.03 614,165.63
69 16,133.50 7,677.07 8,456.43 605,709.20
70 16,133.50 7,571.37 8,562.13 597,147.07
71 16,133.50 7,464.34 8,669.16 588,477.91
72 16,133.50 7,355.97 8,777.52 579,700.39
73 16,133.50 7,246.25 8,887.24 570,813.15
74 16,133.50 7,135.16 8,998.33 561,814.82
75 16,133.50 7,022.69 9,110.81 552,704.01
76 16,133.50 6,908.80 9,224.70 543,479.31
77 16,133.50 6,793.49 9,340.00 534,139.31
78 16,133.50 6,676.74 9,456.75 524,682.56
79 16,133.50 6,558.53 9,574.96 515,107.59
80 16,133.50 6,438.84 9,694.65 505,412.94
81 16,133.50 6,317.66 9,815.83 495,597.11
82 16,133.50 6,194.96 9,938.53 485,658.58
83 16,133.50 6,070.73 10,062.76 475,595.81
84 16,133.50 5,944.95 10,188.55 465,407.26
85 16,133.50 5,817.59 10,315.90 455,091.36
86 16,133.50 5,688.64 10,444.85 444,646.51
87 16,133.50 5,558.08 10,575.41 434,071.09
88 16,133.50 5,425.89 10,707.61 423,363.48
89 16,133.50 5,292.04 10,841.45 412,522.03
90 16,133.50 5,156.53 10,976.97 401,545.06
91 16,133.50 5,019.31 11,114.18 390,430.88
92 16,133.50 4,880.39 11,253.11 379,177.77
93 16,133.50 4,739.72 11,393.77 367,784.00
94 16,133.50 4,597.30 11,536.20 356,247.80
95 16,133.50 4,453.10 11,680.40 344,567.40
96 16,133.50 4,307.09 11,826.40 332,741.00
97 16,133.50 4,159.26 11,974.23 320,766.77
98 16,133.50 4,009.58 12,123.91 308,642.85
99 16,133.50 3,858.04 12,275.46 296,367.39
100 16,133.50 3,704.59 12,428.90 283,938.49
101 16,133.50 3,549.23 12,584.26 271,354.23
102 16,133.50 3,391.93 12,741.57 258,612.66
103 16,133.50 3,232.66 12,900.84 245,711.82
104 16,133.50 3,071.40 13,062.10 232,649.72
105 16,133.50 2,908.12 13,225.37 219,424.35
106 16,133.50 2,742.80 13,390.69 206,033.66
107 16,133.50 2,575.42 13,558.07 192,475.58
108 16,133.50 2,405.94 13,727.55 178,748.03
109 16,133.50 2,234.35 13,899.15 164,848.89
110 16,133.50 2,060.61 14,072.88 150,776.00
111 16,133.50 1,884.70 14,248.80 136,527.21
112 16,133.50 1,706.59 14,426.91 122,100.30
113 16,133.50 1,526.25 14,607.24 107,493.06
114 16,133.50 1,343.66 14,789.83 92,703.23
115 16,133.50 1,158.79 14,974.71 77,728.52
116 16,133.50 971.61 15,161.89 62,566.63
117 16,133.50 782.08 15,351.41 47,215.22
118 16,133.50 590.19 15,543.31 31,671.91
119 16,133.50 395.90 15,737.60 15,934.32
120 16,133.50 199.18 15,934.32 0.00

ऋण की राशि x आरपीएम x (1+पीएम)
                         (1+पिएम)

  • आरपीएम = प्रति माह ब्याज (प्रति वर्ष ब्याज दर/12)
  • एन= किश्तों की संख्या

एनबी: यदि आपके पास ईएमआई के लिए एक निश्चित बजट है तो आप अन्य चरों को बदलकर जैसे कि ब्याज दर को कम करके या ऋण की अवधि को बढ़ाकर ऋण राशि पर पहुंच सकते हैं। इसे ट्रायल-एंड-एरर दृष्टिकोण द्वारा ईएमआई गणना के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: ऋण प्रतिभूतियाँ परक्राम्य उपकरण हैं जो ऋण के साक्ष्य के रूप में कार्य करते हैं। इनमें बिल, बॉन्ड, नोट्स, जमा के परक्राम्य प्रमाण पत्र, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, परिसंपत्ति-समर्थित प्रतिभूतियां, मुद्रा बाजार के साधन और इसी तरह के उपकरण शामिल हैं, जिनका आमतौर पर वित्तीय बाजारों में कारोबार होता है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एफ़. लेवरेज मानदंड तथा उधार सीमा

उत्तर: हां, इस शर्त पर कि दोनों ईसीबी भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार संबंधित मुद्राओं के लिए निर्धारित ईसीबी दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हों। व्यक्तिगत सीमाओं में जुटाई गई सभी ईसीबी, विदेशी मुद्रा में तथा भारतीय रुपये में, दोनों शामिल होंगी।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

ए. जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली एनबीएफसी द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले रिटर्न

  1. एनबीएस-1 पहली अनुसूची में जमा राशि पर त्रैमासिक विवरणी।

  2. एनबीएस-2 - सार्वजनिक जमाराशियाँ स्वीकार करने वाली एनबीएफसी को विवेकपूर्ण मानदडों पर त्रैमासिक विवरणी प्रस्तुत करना आवश्यक है।

  3. एनबीएस-3 - जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली एनबीएफसी द्वारा तरल संपत्ति पर त्रैमासिक विवरणी।

  4. एनबीएस-4 - सार्वजनिक जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली अस्वीकृत कंपनी द्वारा महत्वपूर्ण पैरामीटर्स पर वार्षिक विवरणी। (एनबीएस-5 एनबीएस अब समाप्त कर दिया गया है चूंकि एनबीएस-1 का प्रस्तुतीकरण अब त्रैमासिक किया गया है)

  5. एनबीएस-6 - जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली ऐसी एनबीएफसी, जिसकी कुल आस्तियां रुपये 100 करोड़ और उससे ऊपर हैं, के द्वारा पूंजी बाजार के जोखिम पर मासिक विवरणी।

  6. 20 करोड़ रुपये या अधिक सार्वजनिक जमाराशियाँ प्राप्त करने वाली ऐसी एनबीएफसी, जिसकी कुल आस्तियां रुपये 100 करोड़ और उससे ऊपर हैं, के द्वारा अर्द्धवार्षिक एएलएम विवरणी

  7. सार्वजनिक जमाराशियाँ स्वीकार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा, लेखा परीक्षित बैलेंस शीट और लेखा परीक्षकों की रिपोर्ट।

  8. शाखा जानकारी विवरणी।

बी. एनबीएफसी-एनडी-एसआई द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले रिटर्न

  1. एनबीएस-7 एनबीएफसी-एनडी-एसआई के लिए पूंजी निधि जोखिम भारित परिसंपत्तियां, जोखिम परिसंपत्ति अनुपात आदि का त्रैमासिक विवरण

  2. एनबीएफसी-एनडी-एसआई की महत्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटर्स पर मासिक विवरणी

  3. एएलएम विवरणी:

    (i) अल्पावधि गतिशील तरलता की विवरणी [एनबीएस - प्रारूप ALM [NBS-ALM1] - मासिक

    (ii) संरचनात्मक तरलता की विवरणी प्रारूप [एनबीएस - ALM [NBS-ALM2) - छमाही

    (iii) ब्याज दर संवेदनशीलता का विवरण प्रारूप एएलएम में ALM -[NBS-ALM3] - छमाही

  4. शाखा जानकारी विवरणी

सी. जमाराशियाँ प्राप्त न करने वाली ऐसी एनबीएफसी – जिनकी परिसंपत्ति 50 करोड़ रुपए से अधिक की लेकिन 100 करोड़ रुपये से कम की हो, से महत्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटर्स के आधार पर त्रैमासिक विवरणी

जमाराशियाँ प्राप्त न करने वाली एनबीएफसी जिनकी परिसंपत्ति 50 करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये के बीच है, को कंपनी का नाम, पता, एनओएफ, पिछले तीन वर्षों के दौरान लाभ/हानि की आधारभूत जानकारी संबंधी त्रैमासिक जानकारी प्रस्तुत करनी है।

सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले अन्य सामान्य रिपोर्ट, जो मास्टर परिपत्र में विस्तारपूर्वक बताए गये हैं और www.rbi.org.in → Notifications → Master Circulars → Non-banking and Circular DNBS (IT) CC.No.02/24.01.191/2015-16 dated July 9, 2015 as available on www.rbi.org.in → Notifications. पर उपलब्ध है।

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया

उत्तर: एफएलए रिटर्न जमा के संबंध में कोई भी प्रश्न ईमेल द्वारा भेजा जाना चाहिए। हम एक या दो कार्य दिवसों के भीतर प्रतिउत्तर देंगे।

रिटेल डायरेक्ट योजना

नो योर कस्टमर (केवाईसी) से संबन्धित प्रश्न

केवाईसी सत्यापन प्रक्रिया के दौरान आपकी प्रगति सेव हो जाएगी ताकि यदि आप फिर से शुरू करते हैं तो आपको विवरण फिर से दर्ज न करना पड़े। सेव की गई प्रक्रिया को ईमेल में लिंक का उपयोग करके एक्सेस किया जा सकता है जो आपको पंजीकरण के बाद प्राप्त हुआ था, जो आपको केवाईसी के बारे में सूचित करता है। हालांकि, जब आप फिर से शुरू करते हैं, तो आपको पहले सेव किए गए विवरणों को फिर से दर्ज किए बिना आगे बढ़ने के लिए 'नेक्स्ट' पर क्लिक करते रहना होगा।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: केवल अनिवासी/ प्रवासी भारतियों (एनआरआई/ ओसीआई) को भारत में अप्रत्यावर्तनीय आधार पर भागीदारी/ स्वामित्व कंपनी में निवेश करने की अनुमति है।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Inter-corporate deposits (ICDs)

As per provisions of the Non-Banking Financial Companies Acceptance of Public Deposits (Reserve Bank) Directions, 1998, the prohibition from acceptance of deposits repayable on demand applies to public deposits only. ICDs are not public deposits. As such, ICDs can be accepted repayable on demand or notice.

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए सभी बैंक नोटों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 33 में यथा परिभाषित स्‍वर्ण, सरकारी प्रतिभूतियों तथा विदेशी मुद्रा आस्तियों से सुरक्षित किया जाता है ।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

पुनर्निवेश जमाराशियां वे जमाराशियां हैं जहां ब्याज (जब कभी देय हो) का परिपक्वता अवधि तक उसी संविदागत दर से पुनर्निवेश किया जाता है जिसका परिपक्वता तारीख को मूल राशि के साथ आहरण किया जा सकता है। यह देशी जमाराशियों के लिए भी लागू है ।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: सार्वजनिक निधि सार्वजनिक जमा के समान नहीं होते हैं। सार्वजनिक निधियों में सार्वजनिक जमा, अंतर-कॉर्पोरेट जमा, बैंक वित्त और बाहरी स्रोतों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त सभी निधि जैसे वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर आदि जारी करने से जुटाई गई धनराशि शामिल हैं। हालांकि, भले ही सार्वजनिक निधि में सामान्य रूप में सार्वजनिक जमा शामिल हैं, यह ध्यान दिया जा सकता है कि सीआईसी/सीआईसी-एनडी-एसआई सार्वजनिक जमाएं स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

‘यदा जारी’ ‘जब, जैसे ही तथा यदि जारी किया जाए’ का संक्षेप है जो जारी करने (निर्गम) के लिए अधिसूचित की गई परंतु अभी वास्तव में जारी न की गई किसी प्रतिभूति के सशर्त लेनदेन को इंगित करता है । समस्त ‘यदा जारी’ लेनदेन ‘यदि’ आधारित लेनदेन होते हैं, जिन्हे यदि और जब प्रतिभूति वास्तव में जारी की जाती है तब निपटाया जाना होता है । केंद्रीय सरकार की प्रतिभूतियों में ‘यदा जारी’ लेनदेन करने की अनुमति सभी एनडीएस-ओएम सदस्यों को है और इन्हें केवल एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर ही किया जाना होता है । ‘यदा जारी’ बाजार नीलामी की जानेवाली प्रतिभूति के मूल्य अन्वेषण तथा नीलाम की जानेवाली प्रतिभूति के बेहतर संवितरण में सहायक होता है । शहरी सहकारी बैंकों के लिए 1 जुलाई 2009 के रिज़र्व बैंक मास्टर परिपत्र यूबीडी.बीपीडी (पीसीबी) एमसी सं.12/16.20.000/2009-10 में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए है ।

बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) तथा व्यापार ऋण

एफ़. लेवरेज मानदंड तथा उधार सीमा

उत्तर: हां, बशर्ते वर्धित राशि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए स्वचालित मार्ग के अंतर्गत यथा लागू वार्षिक सीमा का उल्लंघन नहीं करती हो तथा ईसीबी के अन्य मापदंड मौजूदा ईसीबी दिशानिर्देशों का पालन भी करते हों। चूंकि इसे उसी ईसीबी में किया गया परिवर्तन समझा जाएगा इसलिए वर्धित राशि के लिए कोई अलग एलआरएन की आवश्यकता नहीं होगी।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता वाली ऋण प्रतिभूतियों को दीर्घकालिक ऋण प्रतिभूतियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इनमें बॉन्ड, डिबेंचर और नोट शामिल हैं जो आम तौर पर धारक को एक निश्चित नकदी प्रवाह या अनुबंधित रूप से निर्धारित परिवर्तनीय धन आय का बिना शर्त अधिकार देते हैं।

एनबीएफसी के बारे में आपके जानने योग्य संपूर्ण जानकारी

B. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाएं

परिपत्र उस परिपत्र की तारीख से लागू है और इसलिए उक्त परिपत्र की तारीख से पहले दर्ज लेनदेन पर लागू नहीं होगा। हालांकि, दिशा निर्देश ऋण का रोल-ओवर/नवीकरण के मामले में लागू होगा। दिशानिर्देश उन लेनदेनों पर लागू नहीं होंगे, जहां दस्तावेज परिपत्र की तारीख से पहले निष्पादित किये गये हैं पर वितरण लंबित है।

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

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