अधिसूचनाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
अधिसूचनाएं
जून 08, 2005
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल
आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
मई 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी 17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी 17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
मई 12, 2005
समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण
आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
मई 07, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी
अप्रैल 30, 2005
ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
अप्रैल 25, 2005
विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना
आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से
आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से
अप्रैल 25, 2005
स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
अप्रैल 01, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी 01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी 01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
मार्च 31, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
मार्च 31, 2005
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजना
आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
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