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मई 29, 2008
एक्सपोज़र मानदंड
आरबीआइ/2007-08/338 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 87 /13.27.00/2007-08 29 मई 2008 8 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय एक्सपोज़र मानदंड कृपया आप एक्सपोज़र मानदंड संबंधी मास्टर परिपत्र (2 जुलाई 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/13.03.00/2007-08) का पैरा 2.1.1 देखें , जिसके अनुसार किसी एकल उधारकर्ता के मामले में पूंजी निधियों के 15 प्रतिशत तक एक्सपोज़र सीमा निर्धारित की गयी है।2. तेल क्षेत्र की मौजूदा स्थिति क
आरबीआइ/2007-08/338 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 87 /13.27.00/2007-08 29 मई 2008 8 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय एक्सपोज़र मानदंड कृपया आप एक्सपोज़र मानदंड संबंधी मास्टर परिपत्र (2 जुलाई 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/13.03.00/2007-08) का पैरा 2.1.1 देखें , जिसके अनुसार किसी एकल उधारकर्ता के मामले में पूंजी निधियों के 15 प्रतिशत तक एक्सपोज़र सीमा निर्धारित की गयी है।2. तेल क्षेत्र की मौजूदा स्थिति क
मई 28, 2008
हिंदी सामग्री शीघ्र ही अद्यतन की जाएगी।
Wilful defaulters and action thereagainst
RBI/2007-2008/336DBOD. No..DL(W).BC. 87/20.16.003/2007-08May 28, 2008All Scheduled Commercial Banks and All Notified All-India Financial InstitutionsDear Sir,Wilful defaulters and action thereagainstPlease refer to paragraph 3 of our Circular DBOD.No..DL(W).BC.110/ 20.16.003(1)/ 2001-02 dated May 30, 2002 wherein the term 'wilful default' has been defined. In this connection, we advise that in pursuant to the Hon’ble Supreme Court’s Order relating to writ petition Civ
RBI/2007-2008/336DBOD. No..DL(W).BC. 87/20.16.003/2007-08May 28, 2008All Scheduled Commercial Banks and All Notified All-India Financial InstitutionsDear Sir,Wilful defaulters and action thereagainstPlease refer to paragraph 3 of our Circular DBOD.No..DL(W).BC.110/ 20.16.003(1)/ 2001-02 dated May 30, 2002 wherein the term 'wilful default' has been defined. In this connection, we advise that in pursuant to the Hon’ble Supreme Court’s Order relating to writ petition Civ
मई 22, 2008
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व
आरबीआइ/2007-08/327 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 85 /14.01.001/2007-08 22 मई 2008 1 ज्येष्ठ 1930 (शक)   सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / वित्तीय संस्थाए (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)     महोदय     धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व     कृपया 15 फरवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी. 63/14.01.001/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 3 में यह सूचित किया गया था कि बैंको
आरबीआइ/2007-08/327 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 85 /14.01.001/2007-08 22 मई 2008 1 ज्येष्ठ 1930 (शक)   सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / वित्तीय संस्थाए (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)     महोदय     धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व     कृपया 15 फरवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी. 63/14.01.001/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 3 में यह सूचित किया गया था कि बैंको
मई 22, 2008
भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
आरबीआइ/2007-08/329 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 86/21.04.141/2007-08 22 मई 2008 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन कृपया 2 जुलाई 2007 के हमारे पत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/ 2007-08 द्वारा ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर जारी मास्टर परिपत्र देखें । 2. ऐसा देखा गया है कि भा
आरबीआइ/2007-08/329 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 86/21.04.141/2007-08 22 मई 2008 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन कृपया 2 जुलाई 2007 के हमारे पत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/ 2007-08 द्वारा ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर जारी मास्टर परिपत्र देखें । 2. ऐसा देखा गया है कि भा
मई 21, 2008
हिंदी सामग्री शीघ्र ही अद्यतन की जाएगी।
Consolidated Financial Statement
RBI/2007-08/325 DBOD.No.BP.BC.84/21.04.018/2007-08 May 21, 2008 To The Chairman and Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs and LABs) Dear Sir Consolidated Financial Statement The Accounting Standards (AS) issued by the Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) prescribes the accounting of investments in subsidiaries, associates and joint ventures under AS 21 – Consolidated Financial Statement, AS 23 – Accounting for Investments
RBI/2007-08/325 DBOD.No.BP.BC.84/21.04.018/2007-08 May 21, 2008 To The Chairman and Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs and LABs) Dear Sir Consolidated Financial Statement The Accounting Standards (AS) issued by the Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) prescribes the accounting of investments in subsidiaries, associates and joint ventures under AS 21 – Consolidated Financial Statement, AS 23 – Accounting for Investments
मई 14, 2008
हिंदी सामग्री शीघ्र ही अद्यतन की जाएगी।
Claims secured by residential property - Change in limits for risk weights
RBI/2007–08/320 DBOD.No.BP.BC. 83/21.06.001/2007-08 May 14, 2008 The Chairman and Chief Executive Officer All Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Claims secured by residential property – Change in limits for risk weights Please refer to the paragraph 5.10 of our circular DBDO.No.BP.BC.90/20.06.001/ 2006-07 dated April 27, 2007 on ‘Guidelines for implementation of the New Capital Adequacy Framework’, and also items Nos. [(A)
RBI/2007–08/320 DBOD.No.BP.BC. 83/21.06.001/2007-08 May 14, 2008 The Chairman and Chief Executive Officer All Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Claims secured by residential property – Change in limits for risk weights Please refer to the paragraph 5.10 of our circular DBDO.No.BP.BC.90/20.06.001/ 2006-07 dated April 27, 2007 on ‘Guidelines for implementation of the New Capital Adequacy Framework’, and also items Nos. [(A)
मई 08, 2008
अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं
आरबीआइ/2007-08/316 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 82/21.04.048/2007-08 8 मई 2008 18 वैशाख 1930 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं कृपया अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंडों से स
आरबीआइ/2007-08/316 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 82/21.04.048/2007-08 8 मई 2008 18 वैशाख 1930 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं कृपया अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंडों से स
मई 02, 2008
गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान
आरबीआइ/2007-08/308 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 80 /09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयगुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के
आरबीआइ/2007-08/308 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 80 /09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयगुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के
मई 02, 2008
बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली
आरबीआइ/2007-08/309 बैंपविवि. सं. एलईजी. 81/09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली कृपया 22 फरवरी 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 60/09.07.005/2006-07 देखें, जिसमें शिकायतों के विश्लेषण और प्रकटीकरण के संबंध में बैंकों को अनुदेश जारी किये गये थे । इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि शिकायतों का समुचित विश्लेषण और प्रकटीकरण तभी संभव है जब बैंकों मे
आरबीआइ/2007-08/309 बैंपविवि. सं. एलईजी. 81/09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली कृपया 22 फरवरी 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 60/09.07.005/2006-07 देखें, जिसमें शिकायतों के विश्लेषण और प्रकटीकरण के संबंध में बैंकों को अनुदेश जारी किये गये थे । इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि शिकायतों का समुचित विश्लेषण और प्रकटीकरण तभी संभव है जब बैंकों मे
अप्रैल 29, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/304 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 79/12.01.001/2007-08 29 अप्रैल 2008 9 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचात वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/287 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 70/12.01.001/2007-2008 देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दि
आरबीआइ / 2007-08/304 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 79/12.01.001/2007-08 29 अप्रैल 2008 9 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचात वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/287 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 70/12.01.001/2007-2008 देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दि

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