प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
प्रेस प्रकाशनियां
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अक्तूबर 31, 2023दिनांक 30 अगस्त 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन31 अगस्त 2023 दिनांक 30 अगस्त 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 524,224.82 6.70 5.40-6.85 I. मांग मुद्रा 6,817.73 6.72 5.40-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 361,838.55 6.69 6.50-6.79 III. बाज़ार रेपो 153,847.54 6.73 6.00-6.85 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,721.00 6.85 6.80-6.85 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 817.00 6.68 5.60-6.80 II. मीयादी मुद्रा@@ 30.00 - 6.80-6.8031 अगस्त 2023 दिनांक 30 अगस्त 2023 को मुद्रा बाजार परिचालन (राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 524,224.82 6.70 5.40-6.85 I. मांग मुद्रा 6,817.73 6.72 5.40-6.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 361,838.55 6.69 6.50-6.79 III. बाज़ार रेपो 153,847.54 6.73 6.00-6.85 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,721.00 6.85 6.80-6.85 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 817.00 6.68 5.60-6.80 II. मीयादी मुद्रा@@ 30.00 - 6.80-6.80
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अक्तूबर 31, 2023मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 202310 अगस्त 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 अगस्त 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी10 अगस्त 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 अगस्त 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी
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अक्तूबर 27, 2023मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 202310 अगस्त 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 अगस्त 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी10 अगस्त 2023 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 अगस्त 2023 वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 अगस्त 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी
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अक्तूबर 26, 2023टेस्टिंग इश्यू के लिए वित्तीय इन्क्लूज़न एंड डेवलपमेंट डमीआरबीआई प्रेस प्रकाशनी के परीक्षण के लिए टूलटिप चेतावनी आरबीआई प्रेस रिलीज़ से सावधान करने के लिए टूलटिप 0 आरबीआई प्रेस प्रकाशनी चेतावनी परीक्षण के लिए टूलटिप 1 आरबीआई प्रेस प्रकाशनी चेतावनी 2आरबीआई प्रेस प्रकाशनी के परीक्षण के लिए टूलटिप चेतावनी आरबीआई प्रेस रिलीज़ से सावधान करने के लिए टूलटिप 0 आरबीआई प्रेस प्रकाशनी चेतावनी परीक्षण के लिए टूलटिप 1 आरबीआई प्रेस प्रकाशनी चेतावनी 2
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अक्तूबर 25, 2023भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट5 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट 08 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2022 को श्री बी.पी. कानूनगो, भूतपूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था। समिति के विच5 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट 08 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2022 को श्री बी.पी. कानूनगो, भूतपूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था। समिति के विच
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जून 05, 2023भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट5 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट 08 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2022 को श्री बी.पी. कानूनगो, भूतपूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था। समिति के विच5 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति की रिपोर्ट 08 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2022 को श्री बी.पी. कानूनगो, भूतपूर्व उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया था। समिति के विच
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जनवरी 23, 2023भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रदान किए गए वर्तमान सुरक्षित जमा लॉकर/ सुरक्षित अभिरक्षा वस्तु सुविधा हेतु करारों के नवीनीकरण के लिए समय-सीमा बढ़ाई23 जनवरी 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रदान किए गए वर्तमान सुरक्षित जमा लॉकर/ सुरक्षित अभिरक्षा वस्तु सुविधा हेतु करारों के नवीनीकरण के लिए समय-सीमा बढ़ाई भारतीय रिज़र्व बैंक ने 18 अगस्त 2021 के अपने परिपत्र के माध्यम से, सुरक्षित जमा लॉकर/ सुरक्षित अभिरक्षा वस्तु सुविधा के संबंध में संशोधित निर्देश जारी किए थे, जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंकों को 1 जनवरी 2023 तक वर्तमान लॉकर धारकों के साथ संशोधित करार निष्पादित करना अपेक्षित था। तथापि, भारतीय रिज़र्व23 जनवरी 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा प्रदान किए गए वर्तमान सुरक्षित जमा लॉकर/ सुरक्षित अभिरक्षा वस्तु सुविधा हेतु करारों के नवीनीकरण के लिए समय-सीमा बढ़ाई भारतीय रिज़र्व बैंक ने 18 अगस्त 2021 के अपने परिपत्र के माध्यम से, सुरक्षित जमा लॉकर/ सुरक्षित अभिरक्षा वस्तु सुविधा के संबंध में संशोधित निर्देश जारी किए थे, जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंकों को 1 जनवरी 2023 तक वर्तमान लॉकर धारकों के साथ संशोधित करार निष्पादित करना अपेक्षित था। तथापि, भारतीय रिज़र्व
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नवंबर 02, 2022राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम: नवंबर 20222 नवंबर 2022 राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम: नवंबर 2022 उपभोक्ता के हितों की रक्षा, वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र, सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं आदि की मौजूदा विनियमों पर ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए रिज़र्व बैंक विभिन्न मीडिया और प्रिंट अभियानों के माध्यम से कई पहल कर रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में, "आज़ादी का अमृत महोत्सव" के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने लोकपाल वार्ता और लोकपाल टॉकथॉन कार्यक्रमों के माध्यम से एक अखिल भारतीय जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की। इन पहल2 नवंबर 2022 राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम: नवंबर 2022 उपभोक्ता के हितों की रक्षा, वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र, सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं आदि की मौजूदा विनियमों पर ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए रिज़र्व बैंक विभिन्न मीडिया और प्रिंट अभियानों के माध्यम से कई पहल कर रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में, "आज़ादी का अमृत महोत्सव" के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने लोकपाल वार्ता और लोकपाल टॉकथॉन कार्यक्रमों के माध्यम से एक अखिल भारतीय जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की। इन पहल
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अक्तूबर 06, 2022भारतीय रिज़र्व बैंक ने साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की6 अक्तूबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की दिनांक 5 अगस्त 2022 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी 'विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य' में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (अधिनियम), की धारा 11 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, इस बात से संतुष्ट होने पर कि सार्वजनिक हित में ऐसा करना आवश्यक है, अधिनियम की धारा 5 की6 अक्तूबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की दिनांक 5 अगस्त 2022 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी 'विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य' में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (अधिनियम), की धारा 11 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, इस बात से संतुष्ट होने पर कि सार्वजनिक हित में ऐसा करना आवश्यक है, अधिनियम की धारा 5 की
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मई 23, 2022रिज़र्व बैंक ने आरबीआई विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया23 मई 2022 रिज़र्व बैंक ने आरबीआई विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया दिनांक 8 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा की स्थिति और ग्राहक सेवा विनियमों की पर्याप्तता की जांच और समीक्षा करने तथा ग्राहक सेवा में सुधार के उपायों का सुझाव देने के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानको23 मई 2022 रिज़र्व बैंक ने आरबीआई विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा मानकों की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया दिनांक 8 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा की स्थिति और ग्राहक सेवा विनियमों की पर्याप्तता की जांच और समीक्षा करने तथा ग्राहक सेवा में सुधार के उपायों का सुझाव देने के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) में ग्राहक सेवा मानको
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मार्च 07, 2022BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका7 मार्च 2022 BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका रिज़र्व बैंक ने आज, धोखाधड़ी करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आम कार्य-प्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेन-देन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर "BE(A)WARE" नामक एक पुस्तिका जारी की है। पिछले कुछ वर्षों में देखे गए भुगतान के डिजिटल माध्यमों में वृद्धि ने कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान और गति प्राप्त की। डिजिटल भुगतान, वित्तीय लेनदेन को आसान बनाकर ग्राहकों की सुविधा को बढ़ाता है।7 मार्च 2022 BE (A) WARE – वित्तीय धोखाधड़ियों की कार्य-प्रणाली संबंधी पुस्तिका रिज़र्व बैंक ने आज, धोखाधड़ी करने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आम कार्य-प्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेन-देन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर "BE(A)WARE" नामक एक पुस्तिका जारी की है। पिछले कुछ वर्षों में देखे गए भुगतान के डिजिटल माध्यमों में वृद्धि ने कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान और गति प्राप्त की। डिजिटल भुगतान, वित्तीय लेनदेन को आसान बनाकर ग्राहकों की सुविधा को बढ़ाता है।
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जनवरी 04, 2022रिज़र्व बैंक ने 2021 की प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की4 जनवरी 2022 रिज़र्व बैंक ने 2021 की प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की पहचान 2020 के डी-एसआईबी की सूची के अनुसार समान बकेटिंग संरचना के तहत प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में की गई है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर1 (सीईटी1) की अपेक्षाएं 1 अप्रैल 2016 से ही चरणबद्ध की गई थी और 1 अप्रैल 2019 से पूर्ण रूप से प्रभावी हो गई। अतिरिक्त सीईटी1 की अपेक्षाए4 जनवरी 2022 रिज़र्व बैंक ने 2021 की प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की पहचान 2020 के डी-एसआईबी की सूची के अनुसार समान बकेटिंग संरचना के तहत प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में की गई है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर1 (सीईटी1) की अपेक्षाएं 1 अप्रैल 2016 से ही चरणबद्ध की गई थी और 1 अप्रैल 2019 से पूर्ण रूप से प्रभावी हो गई। अतिरिक्त सीईटी1 की अपेक्षाए
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नवंबर 15, 2021रिज़र्व बैंक ने चयनित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की15 नवंबर 2021 रिज़र्व बैंक ने चयनित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की दिनांक 8 अक्तूबर 2021 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी “विकासात्मक और विनियामक नीति पर वक्तव्य” में घोषितानुसार, रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 (एम) के साथ पठित 45 (एल) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पैरा 2 में उल्लिखित कतिपय प्रकार की एनबीएफसी को छोड़कर, 10 या अधिक शाखाओं वाली जमा स्वीकार करने वाल15 नवंबर 2021 रिज़र्व बैंक ने चयनित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की दिनांक 8 अक्तूबर 2021 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी “विकासात्मक और विनियामक नीति पर वक्तव्य” में घोषितानुसार, रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 (एम) के साथ पठित 45 (एल) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पैरा 2 में उल्लिखित कतिपय प्रकार की एनबीएफसी को छोड़कर, 10 या अधिक शाखाओं वाली जमा स्वीकार करने वाल
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नवंबर 12, 202112 नवंबर 2021 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा आरबीआई - रीटेल डायरेक्ट योजना और रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ12 नवंबर 2021 12 नवंबर 2021 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा आरबीआई - रीटेल डायरेक्ट योजना और रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने आज एक आभासी कार्यक्रम में माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की उपस्थिति में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की निम्नलिखित योजनाओं का शुभारंभ किया: रीटेल डायरेक्ट योजना (आरबीआई-आरडी) रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) इस कार्यक्रम में सरकार के म12 नवंबर 2021 12 नवंबर 2021 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा आरबीआई - रीटेल डायरेक्ट योजना और रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ माननीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने आज एक आभासी कार्यक्रम में माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की उपस्थिति में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की निम्नलिखित योजनाओं का शुभारंभ किया: रीटेल डायरेक्ट योजना (आरबीआई-आरडी) रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) इस कार्यक्रम में सरकार के म
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नवंबर 12, 2021आरबीआई रीटेल डायरेक्ट योजना12 नवंबर 2021 आरबीआई रीटेल डायरेक्ट योजना रिज़र्व बैंक ने आज से आरबीआई रीटेल डायरेक्ट योजना को सक्रिय करने की घोषणा की। इस योजना को आज माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल मोड में लॉन्च किया गया। सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) बाजार के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक - रीटेल डायरेक्ट (आरबीआई-आरडी) योजना, निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाकर जी-सेक को आम आदमी की आसान पहुंच में लाएगी। इस योजना के तहत, खुदरा एकल निवेशक एक ऑनला12 नवंबर 2021 आरबीआई रीटेल डायरेक्ट योजना रिज़र्व बैंक ने आज से आरबीआई रीटेल डायरेक्ट योजना को सक्रिय करने की घोषणा की। इस योजना को आज माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल मोड में लॉन्च किया गया। सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) बाजार के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक - रीटेल डायरेक्ट (आरबीआई-आरडी) योजना, निवेश की प्रक्रिया को सरल बनाकर जी-सेक को आम आदमी की आसान पहुंच में लाएगी। इस योजना के तहत, खुदरा एकल निवेशक एक ऑनला
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नवंबर 12, 2021भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 202112 नवंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (योजना) को आज माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल मोड में लॉन्च किया गया। 2. यह योजना आरबीआई की मौजूदा तीन लोकपाल योजनाओं अर्थात्, (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006; (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018; और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 को एकीकृत करती है। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा12 नवंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (योजना) को आज माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल मोड में लॉन्च किया गया। 2. यह योजना आरबीआई की मौजूदा तीन लोकपाल योजनाओं अर्थात्, (i) बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006; (ii) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना, 2018; और (iii) डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 को एकीकृत करती है। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा
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फ़रवरी 08, 2021वित्तीय साक्षरता सप्ताह 20218 फरवरी 2021 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है ताकि देश भर में किसी विशेष विषय पर वित्तीय शिक्षा संदेशों का प्रचार किया जा सके। 2. वर्तमान वर्ष एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय "ऋण अनुशासन और औपचारिक संस्थाओं से ऋण" है, जो 8-12 फरवरी 2021 तक मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति 2020-2025 के कार्यनीतिक उद्देश्यों में से एक है। मुख्यतः क) जिम्मेदा8 फरवरी 2021 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है ताकि देश भर में किसी विशेष विषय पर वित्तीय शिक्षा संदेशों का प्रचार किया जा सके। 2. वर्तमान वर्ष एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय "ऋण अनुशासन और औपचारिक संस्थाओं से ऋण" है, जो 8-12 फरवरी 2021 तक मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति 2020-2025 के कार्यनीतिक उद्देश्यों में से एक है। मुख्यतः क) जिम्मेदा
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जनवरी 27, 2021रिज़र्व बैंक ने बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए रूपरेखा जारी किया27 जनवरी 2021 रिज़र्व बैंक ने बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए रूपरेखा जारी किया रिज़र्व बैंक ने 4 दिसंबर 2020 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में जारी 'विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य' में घोषणा की थी कि बैंकों की शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावकारिता को मजबूत करने और सुधारने के लिए जनवरी 2021 के दौरान एक व्यापक रूपरेखा तैयार की जाएगी। तदनुसार, आज एक रूपरेखा जारी की गई जिसमें i) बैंकों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर बढ़े हुए प्रकटन i27 जनवरी 2021 रिज़र्व बैंक ने बैंकों में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए रूपरेखा जारी किया रिज़र्व बैंक ने 4 दिसंबर 2020 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में जारी 'विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य' में घोषणा की थी कि बैंकों की शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावकारिता को मजबूत करने और सुधारने के लिए जनवरी 2021 के दौरान एक व्यापक रूपरेखा तैयार की जाएगी। तदनुसार, आज एक रूपरेखा जारी की गई जिसमें i) बैंकों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर बढ़े हुए प्रकटन i
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जनवरी 19, 2021रिज़र्व बैंक ने 2020 की घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की19 जनवरी 2021 रिज़र्व बैंक ने 2020 की घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की पहचान 2018 के डी-एसआईबी की सूची के समान बकेटिंग संरचना के तहत घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में की गई है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर1 (सीईटी1) की अपेक्षाएं 1 अप्रैल 2016 से पहले ही चरणबद्ध हो चुकी है और 1 अप्रैल 2019 से पूर्ण रूप से प्रभावी है। अतिरिक्त सीईटी1 की अपेक्षाएं19 जनवरी 2021 रिज़र्व बैंक ने 2020 की घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी की एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की पहचान 2018 के डी-एसआईबी की सूची के समान बकेटिंग संरचना के तहत घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) के रूप में की गई है। डी-एसआईबी के लिए अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर1 (सीईटी1) की अपेक्षाएं 1 अप्रैल 2016 से पहले ही चरणबद्ध हो चुकी है और 1 अप्रैल 2019 से पूर्ण रूप से प्रभावी है। अतिरिक्त सीईटी1 की अपेक्षाएं
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दिसंबर 31, 2020दिसंबर 2020 माह के लिए निधियों के सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर)31 दिसंबर 2020 दिसंबर 2020 माह के लिए निधियों के सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दिसंबर 2020 माह के दौरान प्राप्त आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की उधार दरों को जारी किया है। अजीत प्रसादनिदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/86431 दिसंबर 2020 दिसंबर 2020 माह के लिए निधियों के सीमांत लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज दिसंबर 2020 माह के दौरान प्राप्त आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की उधार दरों को जारी किया है। अजीत प्रसादनिदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/864
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