अधिसूचनाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
अधिसूचनाएं
मई 29, 2008
एक्सपोज़र मानदंड
आरबीआइ/2007-08/338 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 87 /13.27.00/2007-08 29 मई 2008 8 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय एक्सपोज़र मानदंड कृपया आप एक्सपोज़र मानदंड संबंधी मास्टर परिपत्र (2 जुलाई 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/13.03.00/2007-08) का पैरा 2.1.1 देखें , जिसके अनुसार किसी एकल उधारकर्ता के मामले में पूंजी निधियों के 15 प्रतिशत तक एक्सपोज़र सीमा निर्धारित की गयी है।2. तेल क्षेत्र की मौजूदा स्थिति क
आरबीआइ/2007-08/338 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 87 /13.27.00/2007-08 29 मई 2008 8 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय एक्सपोज़र मानदंड कृपया आप एक्सपोज़र मानदंड संबंधी मास्टर परिपत्र (2 जुलाई 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/13.03.00/2007-08) का पैरा 2.1.1 देखें , जिसके अनुसार किसी एकल उधारकर्ता के मामले में पूंजी निधियों के 15 प्रतिशत तक एक्सपोज़र सीमा निर्धारित की गयी है।2. तेल क्षेत्र की मौजूदा स्थिति क
मई 28, 2008
Wilful defaulters and action thereagainst
RBI/2007-2008/336DBOD. No..DL(W).BC. 87/20.16.003/2007-08May 28, 2008All Scheduled Commercial Banks and All Notified All-India Financial InstitutionsDear Sir,Wilful defaulters and action thereagainstPlease refer to paragraph 3 of our Circular DBOD.No..DL(W).BC.110/ 20.16.003(1)/ 2001-02 dated May 30, 2002 wherein the term 'wilful default' has been defined. In this connection, we advise that in pursuant to the Hon’ble Supreme Court’s Order relating to writ petition Civ
RBI/2007-2008/336DBOD. No..DL(W).BC. 87/20.16.003/2007-08May 28, 2008All Scheduled Commercial Banks and All Notified All-India Financial InstitutionsDear Sir,Wilful defaulters and action thereagainstPlease refer to paragraph 3 of our Circular DBOD.No..DL(W).BC.110/ 20.16.003(1)/ 2001-02 dated May 30, 2002 wherein the term 'wilful default' has been defined. In this connection, we advise that in pursuant to the Hon’ble Supreme Court’s Order relating to writ petition Civ
मई 22, 2008
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व
आरबीआइ/2007-08/327 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 85 /14.01.001/2007-08 22 मई 2008 1 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / वित्तीय संस्थाए (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व कृपया 15 फरवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी. 63/14.01.001/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 3 में यह सूचित किया गया था कि बैंको
आरबीआइ/2007-08/327 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 85 /14.01.001/2007-08 22 मई 2008 1 ज्येष्ठ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / वित्तीय संस्थाए (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार बैंकों का दायित्व कृपया 15 फरवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी. 63/14.01.001/2005-06 देखें। उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 3 में यह सूचित किया गया था कि बैंको
मई 22, 2008
भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
आरबीआइ/2007-08/329 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 86/21.04.141/2007-08 22 मई 2008 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन कृपया 2 जुलाई 2007 के हमारे पत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/ 2007-08 द्वारा ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर जारी मास्टर परिपत्र देखें । 2. ऐसा देखा गया है कि भा
आरबीआइ/2007-08/329 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 86/21.04.141/2007-08 22 मई 2008 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय भारत सरकार द्वारा जारी गैर-एसएलआर प्रतिभूतियों का मूल्यांकन कृपया 2 जुलाई 2007 के हमारे पत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3/01.02.00/ 2007-08 द्वारा ‘बैंकों द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड’ पर जारी मास्टर परिपत्र देखें । 2. ऐसा देखा गया है कि भा
मई 21, 2008
Consolidated Financial Statement
RBI/2007-08/325 DBOD.No.BP.BC.84/21.04.018/2007-08 May 21, 2008 To The Chairman and Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs and LABs) Dear Sir Consolidated Financial Statement The Accounting Standards (AS) issued by the Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) prescribes the accounting of investments in subsidiaries, associates and joint ventures under AS 21 – Consolidated Financial Statement, AS 23 – Accounting for Investments
RBI/2007-08/325 DBOD.No.BP.BC.84/21.04.018/2007-08 May 21, 2008 To The Chairman and Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs and LABs) Dear Sir Consolidated Financial Statement The Accounting Standards (AS) issued by the Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) prescribes the accounting of investments in subsidiaries, associates and joint ventures under AS 21 – Consolidated Financial Statement, AS 23 – Accounting for Investments
मई 14, 2008
Claims secured by residential property - Change in limits for risk weights
RBI/2007–08/320 DBOD.No.BP.BC. 83/21.06.001/2007-08 May 14, 2008 The Chairman and Chief Executive Officer All Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Claims secured by residential property – Change in limits for risk weights Please refer to the paragraph 5.10 of our circular DBDO.No.BP.BC.90/20.06.001/ 2006-07 dated April 27, 2007 on ‘Guidelines for implementation of the New Capital Adequacy Framework’, and also items Nos. [(A)
RBI/2007–08/320 DBOD.No.BP.BC. 83/21.06.001/2007-08 May 14, 2008 The Chairman and Chief Executive Officer All Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Claims secured by residential property – Change in limits for risk weights Please refer to the paragraph 5.10 of our circular DBDO.No.BP.BC.90/20.06.001/ 2006-07 dated April 27, 2007 on ‘Guidelines for implementation of the New Capital Adequacy Framework’, and also items Nos. [(A)
मई 08, 2008
अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं
आरबीआइ/2007-08/316 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 82/21.04.048/2007-08 8 मई 2008 18 वैशाख 1930 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं कृपया अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंडों से स
आरबीआइ/2007-08/316 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 82/21.04.048/2007-08 8 मई 2008 18 वैशाख 1930 (शक) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय अग्रिमों से संबंधित परिसंपत्ति वर्गीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड - कार्यान्वित की जा रही तथा विलंब से पूरी होनेवाली बुनियादी सुविधाओं वाली परियोजनाएं कृपया अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंडों से स
मई 02, 2008
गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान
आरबीआइ/2007-08/308 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 80 /09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयगुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के
आरबीआइ/2007-08/308 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 80 /09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयगुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के
मई 02, 2008
बैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली
आरबीआइ/2007-08/309 बैंपविवि. सं. एलईजी. 81/09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली कृपया 22 फरवरी 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 60/09.07.005/2006-07 देखें, जिसमें शिकायतों के विश्लेषण और प्रकटीकरण के संबंध में बैंकों को अनुदेश जारी किये गये थे । इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि शिकायतों का समुचित विश्लेषण और प्रकटीकरण तभी संभव है जब बैंकों मे
आरबीआइ/2007-08/309 बैंपविवि. सं. एलईजी. 81/09.07.005/2007-08 मई 2, 2008 वैशाख 12, 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों में शिकायत निवारण प्रणाली कृपया 22 फरवरी 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 60/09.07.005/2006-07 देखें, जिसमें शिकायतों के विश्लेषण और प्रकटीकरण के संबंध में बैंकों को अनुदेश जारी किये गये थे । इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि शिकायतों का समुचित विश्लेषण और प्रकटीकरण तभी संभव है जब बैंकों मे
अप्रैल 29, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/304 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 79/12.01.001/2007-08 29 अप्रैल 2008 9 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचात वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/287 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 70/12.01.001/2007-2008 देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दि
आरबीआइ / 2007-08/304 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 79/12.01.001/2007-08 29 अप्रैल 2008 9 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचात वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/287 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 70/12.01.001/2007-2008 देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दि
अप्रैल 25, 2008
रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें
आरबीआइ/2007-08/298 बैंपविवि. डीआइआर.(ईएक्सपी). बीसी. 73 /04.02.01/2007-08 25 अप्रैल 2008 5 वैशाख 1930 (शक) सभी अनसूचित वाणिज्य बैंक (सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयरुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें कृपया उपर्युक्त विषय पर 13 जुलाई, 6 अक्तूबर तथा 30 नवंबर 2007 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. क्रमश: 22, 34बी तथा 54/04.02.01/2007-08 देखें जो कि 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2008 तक निर्यातकों की विशिष्ट श्रेणियों के लिए रुपया निर्यात ऋण के संबंध में स
आरबीआइ/2007-08/298 बैंपविवि. डीआइआर.(ईएक्सपी). बीसी. 73 /04.02.01/2007-08 25 अप्रैल 2008 5 वैशाख 1930 (शक) सभी अनसूचित वाणिज्य बैंक (सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयरुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें कृपया उपर्युक्त विषय पर 13 जुलाई, 6 अक्तूबर तथा 30 नवंबर 2007 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) सं. क्रमश: 22, 34बी तथा 54/04.02.01/2007-08 देखें जो कि 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2008 तक निर्यातकों की विशिष्ट श्रेणियों के लिए रुपया निर्यात ऋण के संबंध में स
अप्रैल 24, 2008
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रदाताओं (सुविधादाताओं)और व्यवसाय प्रतिनिधियों (संपर्ककर्ताओं) का उपयोग
आरबीआइ/2007-08/295 बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 74/22.01.009/2007-08 24 अप्रैल 2008 4 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित )तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकमहोदयबैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रदाताओं (सुविधादाताओं)और व्यवसाय प्रतिनिधियों (संपर्ककर्ताओं) का उपयोग कृपया उपर्युक्त विषय पर 25 जनवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि सं. बीएल. बीसी. 58/ 22.01.001/2005-06 तथा 22 मार्च 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि सं.
आरबीआइ/2007-08/295 बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 74/22.01.009/2007-08 24 अप्रैल 2008 4 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित )तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकमहोदयबैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रदाताओं (सुविधादाताओं)और व्यवसाय प्रतिनिधियों (संपर्ककर्ताओं) का उपयोग कृपया उपर्युक्त विषय पर 25 जनवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि सं. बीएल. बीसी. 58/ 22.01.001/2005-06 तथा 22 मार्च 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि सं.
अप्रैल 24, 2008
वर्ष 2007-08 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा : बैंकों द्वारा नियुक्त वसूली एजेंट
आरबीआइ/2007-08/296 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75/09.07.005/2007-08 24 अप्रैल 2008 4 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयवर्ष 2007-08 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा : बैंकों द्वारा नियुक्त वसूली एजेंट कृपया आप वर्ष 2007-08 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 172 और 173 देखें जिनकी प्रति संलग्न है । पिछले कुछ दिनों से वसूली एजेंटों की नियुक्ति के संबंध में बैंकों के खिलाफ विवाद और मुकदमों की बढ़ी हुई स
आरबीआइ/2007-08/296 बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 75/09.07.005/2007-08 24 अप्रैल 2008 4 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयवर्ष 2007-08 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा : बैंकों द्वारा नियुक्त वसूली एजेंट कृपया आप वर्ष 2007-08 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 172 और 173 देखें जिनकी प्रति संलग्न है । पिछले कुछ दिनों से वसूली एजेंटों की नियुक्ति के संबंध में बैंकों के खिलाफ विवाद और मुकदमों की बढ़ी हुई स
अप्रैल 22, 2008
समीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर
आरबीआइ/2007-08/289आरबीआइ/2007-08/289 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 71 /21.03.038/2007-08 22 अप्रैल 2008 2 वैशाख 1930 (शक)मुख्य कार्यपालक सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक मटदयसमीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर कृपया आप 10 जून 2005 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 96/21.03.038/2004-05 देखें, जिसके द्वारा बैंक के बोर्ड और प्रबंधन समिति को प्रस्तुत की जाने वाली समीक्षाओं का कैलेंडर सूचित किया गया था।2. बैंकों की ओर से की जाने वाली समीक्षाओं के कैलेंडर के कारण बैंकों के बोर्डों
आरबीआइ/2007-08/289आरबीआइ/2007-08/289 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 71 /21.03.038/2007-08 22 अप्रैल 2008 2 वैशाख 1930 (शक)मुख्य कार्यपालक सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक मटदयसमीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर कृपया आप 10 जून 2005 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 96/21.03.038/2004-05 देखें, जिसके द्वारा बैंक के बोर्ड और प्रबंधन समिति को प्रस्तुत की जाने वाली समीक्षाओं का कैलेंडर सूचित किया गया था।2. बैंकों की ओर से की जाने वाली समीक्षाओं के कैलेंडर के कारण बैंकों के बोर्डों
अप्रैल 21, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/287 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी.70 /12.01.001/2007-08 21 अप्रैल 2008 1 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/173 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 44/12.01.001/2007-2008 देखें। चलनिधि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
आरबीआइ / 2007-08/287 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी.70 /12.01.001/2007-08 21 अप्रैल 2008 1 वैशाख 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/173 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 44/12.01.001/2007-2008 देखें। चलनिधि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
अप्रैल 09, 2008
Guidelines on Asset-Liability Management (ALM) System
RBI/2007-08/278 DBOD. No. BP. BC. 68 / 21.04.098/ 2007-08 April@@NBSP@@ 9, 2008 Chairmen / Chief Executive Officers All Commercial Banks (excluding@@NBSP@@ RRBs) Guidelines on Asset-Liability Management (ALM) System Please refer to DBOD Circular No.DBOD. BP. BC. 38 / 21.04.098/ 2007-08 dated October 24, 2007 advising banks to adopt a more granular approach to measurement of liquidity risk.@@NBSP@@ Banks were also advised to undertake dynamic liquidity management and p
RBI/2007-08/278 DBOD. No. BP. BC. 68 / 21.04.098/ 2007-08 April@@NBSP@@ 9, 2008 Chairmen / Chief Executive Officers All Commercial Banks (excluding@@NBSP@@ RRBs) Guidelines on Asset-Liability Management (ALM) System Please refer to DBOD Circular No.DBOD. BP. BC. 38 / 21.04.098/ 2007-08 dated October 24, 2007 advising banks to adopt a more granular approach to measurement of liquidity risk.@@NBSP@@ Banks were also advised to undertake dynamic liquidity management and p
मार्च 31, 2008
पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन संबंधी विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन - संशोधन
आरबीआइ/2007-08/270आरबीआइ/2007-08/270 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 67/21.06.001/2007-08 31 मार्च 2008 11 फाल्गुन 1929 (शक) अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयपूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन संबंधी विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन - संशोधन कृपया उपर्युक्त विषय पर 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/ 20.06.001/2006-07 देखें । बैंकों
आरबीआइ/2007-08/270आरबीआइ/2007-08/270 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 67/21.06.001/2007-08 31 मार्च 2008 11 फाल्गुन 1929 (शक) अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयपूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन संबंधी विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन - संशोधन कृपया उपर्युक्त विषय पर 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/ 20.06.001/2006-07 देखें । बैंकों
मार्च 26, 2008
Supervisory Review Process under the New Capital Adequacy Framework - Guidelines for Pillar 2
RBI/2007-2008/266DBOD.No.BP.BC 66 / 21.06.001 / 2007-08March 26, 2008The Chairman/ Chief Executive OfficerAll Commercial banks(Excluding Local Area Banks and Regional Rural banks)Dear Sir,Supervisory Review Process under the New Capital Adequacy Framework –Guidelines for Pillar 2 The New Capital Adequacy Framework (NCAF), based on the Basel II Framework evolved by the Basel Committee on Banking Supervision, has been adapted for India vide our Circular DBOD.No.BP.BC 90
RBI/2007-2008/266DBOD.No.BP.BC 66 / 21.06.001 / 2007-08March 26, 2008The Chairman/ Chief Executive OfficerAll Commercial banks(Excluding Local Area Banks and Regional Rural banks)Dear Sir,Supervisory Review Process under the New Capital Adequacy Framework –Guidelines for Pillar 2 The New Capital Adequacy Framework (NCAF), based on the Basel II Framework evolved by the Basel Committee on Banking Supervision, has been adapted for India vide our Circular DBOD.No.BP.BC 90
मार्च 19, 2008
लघु उद्योगेतर रुग्ण/कमजोर औद्योगिक इकाइयों के सम्बन्ध में वार्षिक सूचना प्रणाली
संदर्भ. भा.रि.बैं. सं: 264/2007-08 डीबीएस. सीओ. बीसी. ऑसमॉस. सं. 12/33.01.039/2007-08 मार्च 19, 2008 अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय/महोदया,लघु उद्योगेतर रुग्ण/कमजोर औद्योगिक इकाइयों के सम्बन्ध में वार्षिक सूचना प्रणाली कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अप्रैल 2006 के हमारे परिपत्र भा.रि.बैं. सं: 356/2005-06, डीबीएस.सीओ. बीसी.ऑसमॉस. सं. 5/33.01.039/2005-06 का संदर्भ लें जिसके द्वारा लघु उद्योग
संदर्भ. भा.रि.बैं. सं: 264/2007-08 डीबीएस. सीओ. बीसी. ऑसमॉस. सं. 12/33.01.039/2007-08 मार्च 19, 2008 अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय/महोदया,लघु उद्योगेतर रुग्ण/कमजोर औद्योगिक इकाइयों के सम्बन्ध में वार्षिक सूचना प्रणाली कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 12 अप्रैल 2006 के हमारे परिपत्र भा.रि.बैं. सं: 356/2005-06, डीबीएस.सीओ. बीसी.ऑसमॉस. सं. 5/33.01.039/2005-06 का संदर्भ लें जिसके द्वारा लघु उद्योग
मार्च 04, 2008
अपनी सहायक कंपनियों के संबंध में बैंकों द्वारा जारी किये जाने वाले आश्वासन पत्रों (एलओसी) के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआइ/2007-08/255 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 65/21.04.009/2007-08 4 मार्च 2008 14 फाल्गुन 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय अपनी सहायक कंपनियों के संबंध में बैंकों द्वारा जारी किये जाने वाले आश्वासन पत्रों (एलओसी) के लिए विवेकपूर्ण मानदंड यह देखा गया है कि भारत में बैंक विदेश में अपनी सहायक कंपनियां/शाखाएं खोलने के लिए विदेशी विनियामकों का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति करने तथा भारत में अपनी सहायक कंपनियो
आरबीआइ/2007-08/255 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 65/21.04.009/2007-08 4 मार्च 2008 14 फाल्गुन 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय अपनी सहायक कंपनियों के संबंध में बैंकों द्वारा जारी किये जाने वाले आश्वासन पत्रों (एलओसी) के लिए विवेकपूर्ण मानदंड यह देखा गया है कि भारत में बैंक विदेश में अपनी सहायक कंपनियां/शाखाएं खोलने के लिए विदेशी विनियामकों का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति करने तथा भारत में अपनी सहायक कंपनियो
मार्च 03, 2008
Guidelines on Managing Risks and Code of Conduct in Outsourcing of Financial Services by banks
RBI/2007-2008/254 DBOD.NO.BP. 64 / 21.04.158/ 2007-08 March 03, 2008 All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir, Guidelines on Managing Risks and Code of Conduct in Outsourcing of Financial Services by banks Please refer to para 5.10(c) of our circular RBI/2006/167 DBOD.No.BP.40/ 21.04. 158 /2006-07 dated November 3, 2006 on the captioned subject. 2. The time limit given to the customer for preferring their complaints/grievances as specified in the above
RBI/2007-2008/254 DBOD.NO.BP. 64 / 21.04.158/ 2007-08 March 03, 2008 All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir, Guidelines on Managing Risks and Code of Conduct in Outsourcing of Financial Services by banks Please refer to para 5.10(c) of our circular RBI/2006/167 DBOD.No.BP.40/ 21.04. 158 /2006-07 dated November 3, 2006 on the captioned subject. 2. The time limit given to the customer for preferring their complaints/grievances as specified in the above
फ़रवरी 18, 2008
अपने ग्राह को जानिए (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
आरबीआइ/2007-08/239 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 63 /14.01.001/2007-08 18 फरवरी 2008 29 माघ 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक /वित्तीय संस्थाएं(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ‘अपने ग्राह को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 29 नवंबर 2004 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी.58/14.01.001/2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
आरबीआइ/2007-08/239 बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 63 /14.01.001/2007-08 18 फरवरी 2008 29 माघ 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक /वित्तीय संस्थाएं(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ‘अपने ग्राह को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 29 नवंबर 2004 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एएमएल. बीसी.58/14.01.001/2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
फ़रवरी 13, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना
आरबीआइ/2007-08/236 संदर्भ : बैंपविवि. आरईटी. बीसी. 62/12.02.001/2007-08 13 फरवरी 2008 24 माघ 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) आदरणीय महोदय/महोदयाबैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अक्तूबर 1997 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 137/ 12.02.001/ 97-98 देखें ।बैंककारी विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2007 के स्थान पर बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2007, 23 जनवरी 2
आरबीआइ/2007-08/236 संदर्भ : बैंपविवि. आरईटी. बीसी. 62/12.02.001/2007-08 13 फरवरी 2008 24 माघ 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) आदरणीय महोदय/महोदयाबैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अक्तूबर 1997 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीसी. 137/ 12.02.001/ 97-98 देखें ।बैंककारी विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2007 के स्थान पर बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2007, 23 जनवरी 2
फ़रवरी 12, 2008
आढ़तिया (फैक्टरिडग) कंपनियों को बैंक वित्त
आरबीआइ/2007-08/235 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 60 /08.12.01/2007-08 12 फरवरी 2008 23 माघ 1929 (शक) अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयआढ़तिया (फैक्टरिडग) कंपनियों को बैंक वित्त कृपया आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 13/08.12.01/2007-08 देखें। परिपत्र के पैरा 5.1 (i) के अनुसार कुछ विशिष
आरबीआइ/2007-08/235 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 60 /08.12.01/2007-08 12 फरवरी 2008 23 माघ 1929 (शक) अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयआढ़तिया (फैक्टरिडग) कंपनियों को बैंक वित्त कृपया आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 13/08.12.01/2007-08 देखें। परिपत्र के पैरा 5.1 (i) के अनुसार कुछ विशिष
जनवरी 17, 2008
पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - शिक्षा ऋण पर जोखिम भार
आरबीआइ/2007-08/226 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 59/21.06.001/2007-08 17 जनवरी 2008 27 पौष 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयपूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - शिक्षा ऋण पर जोखिम भार कृपया ‘नए पूंजी पर्याप्तता ढांचे के कार्यान्वयन पर दिशानिर्देश’(पैराग्राफ 5.13.3) संबंधी 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001 तथा ‘मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड’ (परिपत्र के अनुब
आरबीआइ/2007-08/226 बैंपविवि.बीपी. बीसी. सं. 59/21.06.001/2007-08 17 जनवरी 2008 27 पौष 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयपूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - शिक्षा ऋण पर जोखिम भार कृपया ‘नए पूंजी पर्याप्तता ढांचे के कार्यान्वयन पर दिशानिर्देश’(पैराग्राफ 5.13.3) संबंधी 27 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001 तथा ‘मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड’ (परिपत्र के अनुब
दिसंबर 20, 2007
कंपनीगत सामाजिक उत्तरदायित्व, सतत विकास और गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग - बैंकों की भूमिका
आरबीआइ सं. 2007-08/216 बैंपविवि. डीआइआर.बीसी. 58/13.27.00/2007-08 20 दिसंबर 2007 29 अग्रहायण 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय/महोदयाकंपनीगत सामाजिक उत्तरदायित्व, सतत विकास और गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग - बैंकों की भूमिका वर्तमान में, पूरे विश्व-भर में कंपनीगत सामाजिक उत्तरदायित्व, सतत विकास तथा गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग के बारे में जागरूकता बढ़ती जा रही है । इसके परिणामस्वरूप सभी प्रकार की संस्थाओं में यह सुनिश्चित करने के लिए संग
आरबीआइ सं. 2007-08/216 बैंपविवि. डीआइआर.बीसी. 58/13.27.00/2007-08 20 दिसंबर 2007 29 अग्रहायण 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय/महोदयाकंपनीगत सामाजिक उत्तरदायित्व, सतत विकास और गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग - बैंकों की भूमिका वर्तमान में, पूरे विश्व-भर में कंपनीगत सामाजिक उत्तरदायित्व, सतत विकास तथा गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग के बारे में जागरूकता बढ़ती जा रही है । इसके परिणामस्वरूप सभी प्रकार की संस्थाओं में यह सुनिश्चित करने के लिए संग
दिसंबर 20, 2007
वर्ष 2006-07 से सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केंद्रीय लेखा-परीक्षकों तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक
आरबीआई/2007-08/217 संदर्भ.बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी. 07/08.92.001/2007-08 20 दिसंबर 2007 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक तथा प्रबंध निदेशक भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकमहोदय/महोदया वर्ष 2006-07 से सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केंद्रीय लेखा-परीक्षकों तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक कृपया वर्ष 2006-07 के लिए सरकारी क्षेत्रों के बैंकों सांविधिक केंद्रीय लेखा-परीक्षकों तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक के संबंध में 6
आरबीआई/2007-08/217 संदर्भ.बैंपर्यवि.एआरएस.सं.बीसी. 07/08.92.001/2007-08 20 दिसंबर 2007 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक तथा प्रबंध निदेशक भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकमहोदय/महोदया वर्ष 2006-07 से सरकारी क्षेत्र के बैंकों के सांविधिक केंद्रीय लेखा-परीक्षकों तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक कृपया वर्ष 2006-07 के लिए सरकारी क्षेत्रों के बैंकों सांविधिक केंद्रीय लेखा-परीक्षकों तथा शाखा लेखा-परीक्षकों को देय पारिश्रमिक के संबंध में 6
दिसंबर 14, 2007
पूंजी बाजार में बैंकों का निवेश - म्युच्युअल फंड और अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) के निर्गम के लिए बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण
आरबीआइ सं. 2007-08/210 बैंपविवि. डीआइआर.बीसी. 57/13.03.00/2007-08 14 दिसंबर 2007 23 अग्रहायण 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय पूंजी बाजार में बैंकों का निवेश - म्युच्युअल फंड और अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) के निर्गम के लिए बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण बैंक यह जानते ही हैं कि पूंजी बाज़ार में बैंकों के एक्सपोज़र पर वर्तमान अनुदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक्सपोज़र संबंधी मानदंडों पर जारी दिनांक 2 जुलाई, 2007 क
आरबीआइ सं. 2007-08/210 बैंपविवि. डीआइआर.बीसी. 57/13.03.00/2007-08 14 दिसंबर 2007 23 अग्रहायण 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय पूंजी बाजार में बैंकों का निवेश - म्युच्युअल फंड और अविकल्पी अदायगी प्रतिबद्धताओं (आइपीसी) के निर्गम के लिए बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण बैंक यह जानते ही हैं कि पूंजी बाज़ार में बैंकों के एक्सपोज़र पर वर्तमान अनुदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक्सपोज़र संबंधी मानदंडों पर जारी दिनांक 2 जुलाई, 2007 क
दिसंबर 06, 2007
Prudential Norms for Classification, valuation and operation of investment portfolio by banks
RBI/2007-08/205 DBOD.No.BP.BC.56/21.04.141/2007-08 December 06,2007 The Chairman/Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Prudential Norms for Classification, valuation and operation of investment portfolio by banks Please refer to our Master Circular DBOD.No.BP.BC.15/21.04.141/2007-08 dated July 2, 2007 on the captioned subject. 2. As per para 1.2.14 of the circular, banks must not invest i
RBI/2007-08/205 DBOD.No.BP.BC.56/21.04.141/2007-08 December 06,2007 The Chairman/Chief Executive Officer All Scheduled Commercial Banks (excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Prudential Norms for Classification, valuation and operation of investment portfolio by banks Please refer to our Master Circular DBOD.No.BP.BC.15/21.04.141/2007-08 dated July 2, 2007 on the captioned subject. 2. As per para 1.2.14 of the circular, banks must not invest i
नवंबर 30, 2007
बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा संरचनात्मक क्षेत्र का वित्तपोषण -‘संरचनात्मक क्षेत्र ऋण’ की परिभाषा
आरबीआइ/2007-08/197 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 52/21.04.048/2007-08 30 नवंबर 2007 9 अग्रहायण 1929 (शक)सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा चयनित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एनएचबी, नाबार्ड, एक्ज़िम बैंक, सिडबी, टीएफसीआइ लि. आइएफसीआइ लि., आइआइबीआइ लि.)महोदय बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा संरचनात्मक क्षेत्र का वित्तपोषण -‘संरचनात्मक क्षेत्र ऋण’ की परिभाषा कृपया 16 जून 2004 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 92/
आरबीआइ/2007-08/197 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 52/21.04.048/2007-08 30 नवंबर 2007 9 अग्रहायण 1929 (शक)सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा चयनित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एनएचबी, नाबार्ड, एक्ज़िम बैंक, सिडबी, टीएफसीआइ लि. आइएफसीआइ लि., आइआइबीआइ लि.)महोदय बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा संरचनात्मक क्षेत्र का वित्तपोषण -‘संरचनात्मक क्षेत्र ऋण’ की परिभाषा कृपया 16 जून 2004 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 92/
नवंबर 30, 2007
Mid-Term Review of the Annual Policy for the year 2007- 08: Recovery Agents engaged by banks - Draft guidelines
DBOD.No.Leg. 6723 /09.07.005/2007-08November 30, 2007All Scheduled Commercial Banks(Excluding RRBs)Dear Sir, Mid-Term Review of the Annual Policy for the year 2007- 08:Recovery Agents engaged by banks – Draft guidelinesPlease refer to the paragraphs 172 and 173 of the mid-term review of the Annual Policy for the year 2007-08, a copy of which is furnished in Annex 1. In view of the rise in the number of litigations against banks in the recent past for engaging recovery
DBOD.No.Leg. 6723 /09.07.005/2007-08November 30, 2007All Scheduled Commercial Banks(Excluding RRBs)Dear Sir, Mid-Term Review of the Annual Policy for the year 2007- 08:Recovery Agents engaged by banks – Draft guidelinesPlease refer to the paragraphs 172 and 173 of the mid-term review of the Annual Policy for the year 2007-08, a copy of which is furnished in Annex 1. In view of the rise in the number of litigations against banks in the recent past for engaging recovery
नवंबर 30, 2007
अनर्जक परिसंपत्तियों के समझौता निपटान संबंधी दिशानिर्देश - न्यायालय से सहमति आदेश (कन्सेंट डिक्री) प्राप्त करना
आरबीआइ/2007-08/200 बैंपविवि. बीपी. बीसी. 55 /21.04.117/2007-08 30 नवंबर 2007 9 अग्रहायण 1929 (शक) अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयअनर्जक परिसंपत्तियों के समझौता निपटान संबंधी दिशानिर्देश - न्यायालय से सहमति आदेश (कन्सेंट डिक्री) प्राप्त करना कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 29 जनवरी 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. 65/ 21.04.117/2002-03 देखें जिसे 18 दिसंबर 2006 के हमारे परिपत्र
आरबीआइ/2007-08/200 बैंपविवि. बीपी. बीसी. 55 /21.04.117/2007-08 30 नवंबर 2007 9 अग्रहायण 1929 (शक) अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयअनर्जक परिसंपत्तियों के समझौता निपटान संबंधी दिशानिर्देश - न्यायालय से सहमति आदेश (कन्सेंट डिक्री) प्राप्त करना कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 29 जनवरी 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. 65/ 21.04.117/2002-03 देखें जिसे 18 दिसंबर 2006 के हमारे परिपत्र
नवंबर 19, 2007
ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र
आरबीआइ /2007-08/ 189 बैंपविवि. एलईजी. बीसी. 51/09.07.005/2007-08 19 नवंबर, 2007 28 कार्तिक, 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सू
आरबीआइ /2007-08/ 189 बैंपविवि. एलईजी. बीसी. 51/09.07.005/2007-08 19 नवंबर, 2007 28 कार्तिक, 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सू
नवंबर 15, 2007
Internet Banking - Internet based Platforms for dealing in Rupee Vostro Accounts
RBI/2007-2008/188DBOD Comp BC No. 5853 /07.03.29/2007-08November 15, 2007@@NBSP@@All Scheduled Commercial Banks Dear Sir,Internet Banking – Internet based Platforms for dealing in Rupee Vostro Accounts Please refer to our circulars DBOD Comp BC No. 130/07.03.23/2000-01 dated June 14, 2001 and DBOD Comp BC No. 1658/07.03.29/2006-07 dated August 22, 2006 containing guidelines for Internet Banking in India.2. On a review, it has been decided that banks may permit interne
RBI/2007-2008/188DBOD Comp BC No. 5853 /07.03.29/2007-08November 15, 2007@@NBSP@@All Scheduled Commercial Banks Dear Sir,Internet Banking – Internet based Platforms for dealing in Rupee Vostro Accounts Please refer to our circulars DBOD Comp BC No. 130/07.03.23/2000-01 dated June 14, 2001 and DBOD Comp BC No. 1658/07.03.29/2006-07 dated August 22, 2006 containing guidelines for Internet Banking in India.2. On a review, it has been decided that banks may permit interne
नवंबर 14, 2007
भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड
आरबीआइ/2007-08/184 बैंपविवि. सं. बीसी. 50/29.39.001/2007-08 14 नवंबर 2007 23 कार्तिक 1929 (शक)भारतीय स्टेट बैंक के सभी सहायक बैंकों के प्रबंध निदेशकमहोदयभारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (सहायक बैंक) अधिनियम 1959 (2007 में यथासंशोधित) की उप-धारा 25(1) (डी) के उपबंधों के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंकों के बोर्ड में निदेशक के रूप में निर्वाचित किये जा रहे व्य
आरबीआइ/2007-08/184 बैंपविवि. सं. बीसी. 50/29.39.001/2007-08 14 नवंबर 2007 23 कार्तिक 1929 (शक)भारतीय स्टेट बैंक के सभी सहायक बैंकों के प्रबंध निदेशकमहोदयभारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (सहायक बैंक) अधिनियम 1959 (2007 में यथासंशोधित) की उप-धारा 25(1) (डी) के उपबंधों के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंकों के बोर्ड में निदेशक के रूप में निर्वाचित किये जा रहे व्य
नवंबर 06, 2007
बैंकों का परियोजना वित्त संविभाग
आरबीआइ/2007-08/179 बैंपविवि. बीपी. सं. 48/21.04.048/2007-08 6 नवंबर 2007 15 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों का परियोजना वित्त संविभाग परियोजनाओं का वित्तपोषण करते समय जहां तक प्रवर्तक की ईक्विटी के स्तर का निर्धारण करने का प्रश्न है, बैंक सामान्यत: निम्नलिखित में से कोई एक पद्धति अपनाते हैं । 1. बैंक द्वारा अपनी प्रतिबद्ध राशि का वितरण प्रारंभ करने से पूर्व प्रवर्तक अपना संपूर्ण अंशदान सामने लाते हैं । 2. प्
आरबीआइ/2007-08/179 बैंपविवि. बीपी. सं. 48/21.04.048/2007-08 6 नवंबर 2007 15 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों का परियोजना वित्त संविभाग परियोजनाओं का वित्तपोषण करते समय जहां तक प्रवर्तक की ईक्विटी के स्तर का निर्धारण करने का प्रश्न है, बैंक सामान्यत: निम्नलिखित में से कोई एक पद्धति अपनाते हैं । 1. बैंक द्वारा अपनी प्रतिबद्ध राशि का वितरण प्रारंभ करने से पूर्व प्रवर्तक अपना संपूर्ण अंशदान सामने लाते हैं । 2. प्
नवंबर 01, 2007
राष्ट्रीयकृत बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड
आरबीआइ/2007-08/178 बैंपविवि. सं. बीसी. 47/29.39.001/2007-08 1 नवंबर 2007 10 कार्तिक 1929 (शक) सभी राष्ट्रीयकृत बैंक महोदय/महोदयाराष्ट्रीयकृत बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड यह निर्णय लिया गया है कि बैंकिंग कंपनी ं (उपक्रमों का अभिग्रहण और अंतरण) अधिनियम 1970/80 (2006 में यथासंशोधित) की उप-धारा 9(3) (i) के उपबंधों के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंकों के बोर्ड में निदेशक के रूप में निर्वाचित किये जा रहे व्यक्तियों द्वारा पूरे कि
आरबीआइ/2007-08/178 बैंपविवि. सं. बीसी. 47/29.39.001/2007-08 1 नवंबर 2007 10 कार्तिक 1929 (शक) सभी राष्ट्रीयकृत बैंक महोदय/महोदयाराष्ट्रीयकृत बैंकों के निदेशक बोर्डों में निर्वाचित निदेशकों के लिए ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंड यह निर्णय लिया गया है कि बैंकिंग कंपनी ं (उपक्रमों का अभिग्रहण और अंतरण) अधिनियम 1970/80 (2006 में यथासंशोधित) की उप-धारा 9(3) (i) के उपबंधों के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंकों के बोर्ड में निदेशक के रूप में निर्वाचित किये जा रहे व्यक्तियों द्वारा पूरे कि
अक्तूबर 30, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "यूटीआई बैंक लिमिटेड" से "एक्सिस बैंक लिमिटेड"
आरबीआइ/2007-2008/172 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 43/12.06.085/2007-08 30 अक्तूबर 2007 8 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "यूटीआई बैंक लिमिटेड" से "एक्सिस बैंक लिमिटेड" हम सूचित करते हैं कि दिनांक 1 सितंबर 2007 के भारत के राजपत्र (भाग III -खंड 4) में प्रकाशित 2 अगस्त 2007 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 1174/16.01.127/2007-08 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनि
आरबीआइ/2007-2008/172 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 43/12.06.085/2007-08 30 अक्तूबर 2007 8 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "यूटीआई बैंक लिमिटेड" से "एक्सिस बैंक लिमिटेड" हम सूचित करते हैं कि दिनांक 1 सितंबर 2007 के भारत के राजपत्र (भाग III -खंड 4) में प्रकाशित 2 अगस्त 2007 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 1174/16.01.127/2007-08 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनि
अक्तूबर 30, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/ 173 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 44 /12.01.001/2007-08 30 अक्तूबर 2007 8 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 जुलाई 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/107 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 25/12.01.001/2007-2008 देखें — वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007
आरबीआइ / 2007-08/ 173 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी बीसी. 44 /12.01.001/2007-08 30 अक्तूबर 2007 8 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 जुलाई 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/107 बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 25/12.01.001/2007-2008 देखें — वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवंबर 2007
अक्तूबर 29, 2007
Guidelines for issuing preference shares as part of regulatory capital
RBI/2007-2008/169DBOD.No. BP. BC. 42 /21.01.002/2007-2008October 29, 2007 The Chairman and Managing Director/Chief Executive Officers of Commercial Banks(Excluding Foreign Banks, RRBs and LABs)Dear Sir,Guidelines for issuing preference shares as part of regulatory capital Please refer to our circular DBOD.No.BP.BC.57/21.01.002/2005-06 dated January 25, 2006 on the enhancement of banks’ capital raising options for capital adequacy purposes. With a view to providing a w
RBI/2007-2008/169DBOD.No. BP. BC. 42 /21.01.002/2007-2008October 29, 2007 The Chairman and Managing Director/Chief Executive Officers of Commercial Banks(Excluding Foreign Banks, RRBs and LABs)Dear Sir,Guidelines for issuing preference shares as part of regulatory capital Please refer to our circular DBOD.No.BP.BC.57/21.01.002/2005-06 dated January 25, 2006 on the enhancement of banks’ capital raising options for capital adequacy purposes. With a view to providing a w
अक्तूबर 29, 2007
रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें
आरबीआई/2007-08/168 बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी)बीसी.सं. /04.02.01/2007-08 29 अक्तूबर, 2007सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें कृपया उपर्युक्त विषय पर 17 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.डीआईआर. (ईएक्सपी) सं.80/ 04.02.01/2007-08 देखें । उपर्युक्त परिपत्र में दर्शायी गयी रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरों की वैधता अब 30 अप्रैल 2008 तक प्रचलित रहेगी । इस संबंध में बैंक का अक्तूबर 2007 का परिपत्र सं. एमपीडी. बीसी.
आरबीआई/2007-08/168 बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी)बीसी.सं. /04.02.01/2007-08 29 अक्तूबर, 2007सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें कृपया उपर्युक्त विषय पर 17 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.डीआईआर. (ईएक्सपी) सं.80/ 04.02.01/2007-08 देखें । उपर्युक्त परिपत्र में दर्शायी गयी रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरों की वैधता अब 30 अप्रैल 2008 तक प्रचलित रहेगी । इस संबंध में बैंक का अक्तूबर 2007 का परिपत्र सं. एमपीडी. बीसी.
अक्तूबर 25, 2007
निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं
आरबीआइ/2007-08/167 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 39/13.03.00/2007-08 25 अक्तूबर 2007 3 कार्तिक 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयनिश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएंहमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं : i. 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीम
आरबीआइ/2007-08/167 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 39/13.03.00/2007-08 25 अक्तूबर 2007 3 कार्तिक 1929 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयनिश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएंहमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं : i. 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीम
अक्तूबर 24, 2007
आस्ति देयता प्रबंध (एएलएम) प्रणाली संबंधी दिशानिर्देश- संशोधन
आरबीआइ/2007-08/165 बैंपविवि.सं. बीपी. बीसी. 38/21.04.098/2007-08 24 अक्तूबर 2007 2 कार्तिक 1929 (शक) अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) आस्ति देयता प्रबंध (एएलएम) प्रणाली संबंधी दिशानिर्देश- संशोधनरिज़र्व बैंक ने 10 फरवरी 1999 के अपने परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी.8/21.04.098/99 के द्वारा आस्ति देयता प्रबंध प्रणाली (एएलएम) पर दिशानिर्देश जारी किए थे जिनमें अन्य बातों के साथ ब्याज दर जोखिम तथा चलनिधि जोखिम माप/रिपो
आरबीआइ/2007-08/165 बैंपविवि.सं. बीपी. बीसी. 38/21.04.098/2007-08 24 अक्तूबर 2007 2 कार्तिक 1929 (शक) अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) आस्ति देयता प्रबंध (एएलएम) प्रणाली संबंधी दिशानिर्देश- संशोधनरिज़र्व बैंक ने 10 फरवरी 1999 के अपने परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी.8/21.04.098/99 के द्वारा आस्ति देयता प्रबंध प्रणाली (एएलएम) पर दिशानिर्देश जारी किए थे जिनमें अन्य बातों के साथ ब्याज दर जोखिम तथा चलनिधि जोखिम माप/रिपो
अक्तूबर 23, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची से हटाया जाना - लॉर्ड कृष्णा बैंक लि.
आरबीआइ/2007-2008 /164 बैंपविवि. आरईटी. बीसी. सं. 36/12.06.043/2007-08 23 अक्तूबर 2007 1 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची से हटाया जाना - लॉर्ड कृष्णा बैंक लि.हम सूचित करते हैं कि 19 सितंबर 2007 के भारत के राजपत्र (भाग-III-खंड 4)में प्रकाशित 6 सितंबर 2007 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 2536/ 16.01.130/ 2007-08 के द्वारा "लॉर्ड कृष्णा बैंक लि." का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्विती
आरबीआइ/2007-2008 /164 बैंपविवि. आरईटी. बीसी. सं. 36/12.06.043/2007-08 23 अक्तूबर 2007 1 कार्तिक 1929 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची से हटाया जाना - लॉर्ड कृष्णा बैंक लि.हम सूचित करते हैं कि 19 सितंबर 2007 के भारत के राजपत्र (भाग-III-खंड 4)में प्रकाशित 6 सितंबर 2007 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 2536/ 16.01.130/ 2007-08 के द्वारा "लॉर्ड कृष्णा बैंक लि." का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्विती
अक्तूबर 19, 2007
अनचाहे वाणिज्यिक संवाद - ‘कॉल न करें’ की राष्ट्रीय सूची (नेशनल डू नॉट कॉल रजिस्ट्री)
आरबीआइ/2007-08/163बैंपविवि. सं. एफएसडी. बीसी. 35 /24.01.011/2007-0819 अक्तूबर 2007 27 आश्विन 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयअनचाहे वाणिज्यिक संवाद - ‘कॉल न करें’ की राष्ट्रीय सूची (नेशनल डू नॉट कॉल रजिस्ट्री)कृपया 3 जुलाई 2007 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 19/24.01.011/2007-08 के पैरा 5 का अवलोकन करें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि (i) ऐसे टेलीमार्केटर्स (डीएसए/डीएमए) की सेवा न लें जिन्होंने भारत सर
आरबीआइ/2007-08/163बैंपविवि. सं. एफएसडी. बीसी. 35 /24.01.011/2007-0819 अक्तूबर 2007 27 आश्विन 1929 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयअनचाहे वाणिज्यिक संवाद - ‘कॉल न करें’ की राष्ट्रीय सूची (नेशनल डू नॉट कॉल रजिस्ट्री)कृपया 3 जुलाई 2007 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 19/24.01.011/2007-08 के पैरा 5 का अवलोकन करें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि (i) ऐसे टेलीमार्केटर्स (डीएसए/डीएमए) की सेवा न लें जिन्होंने भारत सर
अक्तूबर 05, 2007
घाटे में रहने वाली बैंकों की शाखाओं की समीक्षा
भारिबैं/2007-08/153 बैंपर्यवि.कें.का.एसएमसी.बीसी.सं . 5 /22.23.001/2007-085 अक्तूबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(विदेशी बैंकों को छोडकर)महोदय घाटे में रहने वाली बैंकों की शाखाओं की समीक्षा कृपया आप दिनांक 3 जून 1996 के हमारे परिपत्र पर्यवि. सं. बी.सी. 11/22.23.001/95-96 का संदर्भ ग्रहण करें जिसमे बैंकों को सूचित किया गया था कि वे घाटे में रहने वाली शाखाओं की ध समीक्षा नोट प्रतिलिपियां भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करें साथ ही वे उन घाटे में
भारिबैं/2007-08/153 बैंपर्यवि.कें.का.एसएमसी.बीसी.सं . 5 /22.23.001/2007-085 अक्तूबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(विदेशी बैंकों को छोडकर)महोदय घाटे में रहने वाली बैंकों की शाखाओं की समीक्षा कृपया आप दिनांक 3 जून 1996 के हमारे परिपत्र पर्यवि. सं. बी.सी. 11/22.23.001/95-96 का संदर्भ ग्रहण करें जिसमे बैंकों को सूचित किया गया था कि वे घाटे में रहने वाली शाखाओं की ध समीक्षा नोट प्रतिलिपियां भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करें साथ ही वे उन घाटे में
अक्तूबर 04, 2007
Guidelines on purchase/sale of Non Performing Assets
RBI/2007-2008/152DBOD.No.BP.BC.34 /21.04.048 /2007-08October 4, 2007All Commercial Banks (excluding RRBs)All India Term Lending and Refinancing InstitutionsAll Non Banking Financial Companies (including RNBCs)Dear Sir,Guidelines on purchase/sale of Non Performing AssetsPlease refer to our Circular No.DBOD.BP.BC.16/21.04.048/2005-06 dated 13 July 2005 on the captioned subject.2. In terms of the above banks' Boards are required to lay down policies and guidelines coveri
RBI/2007-2008/152DBOD.No.BP.BC.34 /21.04.048 /2007-08October 4, 2007All Commercial Banks (excluding RRBs)All India Term Lending and Refinancing InstitutionsAll Non Banking Financial Companies (including RNBCs)Dear Sir,Guidelines on purchase/sale of Non Performing AssetsPlease refer to our Circular No.DBOD.BP.BC.16/21.04.048/2005-06 dated 13 July 2005 on the captioned subject.2. In terms of the above banks' Boards are required to lay down policies and guidelines coveri
सितंबर 17, 2007
Housing Loans - Orders of the Delhi High Court -
Writ Petition by Kalyan Sanstha Welfare Organisation against
Union of India and Others - Implementation of Directions
Writ Petition by Kalyan Sanstha Welfare Organisation against
Union of India and Others - Implementation of Directions
RBI/2007-2008/138DBOD.BP.BC..No. 33/08.12.01/2007-08September 17, 2007 ToThe Chairman and Managing Directors /Chief Executive Officers of all Commercial Banks Dear Sir,Housing Loans - Orders of the Delhi High Court –Writ Petition by Kalyan Sanstha Welfare Organisation againstUnion of India and Others - Implementation of DirectionsPlease refer to our circular DBOD.Dir.BC.No.43/08.12.01/2006-07@@NBSP@@dated November 17, 2006 on the captioned subject.2. It has been broug
RBI/2007-2008/138DBOD.BP.BC..No. 33/08.12.01/2007-08September 17, 2007 ToThe Chairman and Managing Directors /Chief Executive Officers of all Commercial Banks Dear Sir,Housing Loans - Orders of the Delhi High Court –Writ Petition by Kalyan Sanstha Welfare Organisation againstUnion of India and Others - Implementation of DirectionsPlease refer to our circular DBOD.Dir.BC.No.43/08.12.01/2006-07@@NBSP@@dated November 17, 2006 on the captioned subject.2. It has been broug
सितंबर 10, 2007
सरकारी क्षेत्र के बैंकों को जारी किए गए परिपत्रों की समीक्षा
आरबीआइ/2007-08/134 बैंपविवि.सं.आइएनएफ.बीसी.32/11.01.009/2007-08 10 सितंबर 2007 19 भाद्र 1929 (शक) सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों को जारी किए गए परिपत्रों की समीक्षा उपर्युक्त विषय पर 18 दिसंबर 2006 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. आइएनएफ. बीसी.48/ 11.01.009/ 2006-07 के अनुक्रम में भारत सरकार के साथ विचारविमर्श करके यह निर्णय लिया गया है कि संलग्न विवरण में दिए गए अनुसार 5 और परिपत्रों को वापस लिया जाए।आपको सूचित
आरबीआइ/2007-08/134 बैंपविवि.सं.आइएनएफ.बीसी.32/11.01.009/2007-08 10 सितंबर 2007 19 भाद्र 1929 (शक) सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों को जारी किए गए परिपत्रों की समीक्षा उपर्युक्त विषय पर 18 दिसंबर 2006 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. आइएनएफ. बीसी.48/ 11.01.009/ 2006-07 के अनुक्रम में भारत सरकार के साथ विचारविमर्श करके यह निर्णय लिया गया है कि संलग्न विवरण में दिए गए अनुसार 5 और परिपत्रों को वापस लिया जाए।आपको सूचित
सितंबर 07, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची से हटाया जाना - द सांगली बैंक लि.
आरबीआइ/2007-2008/132 संदर्भ: बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.31/12.06.048/2007-08 7 सितंबर 2007 16 भाद्र 1929(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची से हटाया जाना - द सांगली बैंक लि. हम सूचित करते हैं कि 2 जून 2007 के भारत के राजपत्र (भाग-III- खण्ड 4) में प्रकाशित 14 मई 2007 की अधिसूचना बैंपविवि.सं.पीएसबीडी.11188/16.01.073/2006-07 द्वारा द सांगली बैंक लि." का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची से हटा दिया ग
आरबीआइ/2007-2008/132 संदर्भ: बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.31/12.06.048/2007-08 7 सितंबर 2007 16 भाद्र 1929(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची से हटाया जाना - द सांगली बैंक लि. हम सूचित करते हैं कि 2 जून 2007 के भारत के राजपत्र (भाग-III- खण्ड 4) में प्रकाशित 14 मई 2007 की अधिसूचना बैंपविवि.सं.पीएसबीडी.11188/16.01.073/2006-07 द्वारा द सांगली बैंक लि." का नाम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची से हटा दिया ग
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