अधिसूचनाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
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अधिसूचनाएं
जनवरी 04, 2007
मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों तथा
भारिबैं/2006-07/226 गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 88/03.02.21/2006-07 4 जनवरी 2007 मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियाँ(निधि) तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियाँ(संभावित निधि)प्रिय महोदय मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियों द्वारा विवरणियों का प्रस्तुतीकरण जैसाकि आपको विदित है मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों(निधि) तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियों(संभावित निधि) के विनियमन का पूरा कार्य कंपनी कार्य मंत्रालय ने संभाल लिया है। मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल क
भारिबैं/2006-07/226 गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 88/03.02.21/2006-07 4 जनवरी 2007 मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियाँ(निधि) तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियाँ(संभावित निधि)प्रिय महोदय मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियों द्वारा विवरणियों का प्रस्तुतीकरण जैसाकि आपको विदित है मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों(निधि) तथा मुचुअल बेनीफिट कंपनियों(संभावित निधि) के विनियमन का पूरा कार्य कंपनी कार्य मंत्रालय ने संभाल लिया है। मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल क
दिसंबर 12, 2006
संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों
भारिबैं/2006-07/204 गैबैंपवि.नीति प्रभा./कंपरिप. सं. 86/03.02.089/2006-07 12 दिसंबर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (जमा स्वीकार करने वाली और न स्वीकार करने वाली) प्रिय महोदयसंपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का वित्तीय विनियमन तथा बैंकों से उनका संबंध कृपया वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैराग्राफ 141(पैराग्राफ की प्रति अनुबंध के रूप में संलग्न) देखें। 2. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी
भारिबैं/2006-07/204 गैबैंपवि.नीति प्रभा./कंपरिप. सं. 86/03.02.089/2006-07 12 दिसंबर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (जमा स्वीकार करने वाली और न स्वीकार करने वाली) प्रिय महोदयसंपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का वित्तीय विनियमन तथा बैंकों से उनका संबंध कृपया वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैराग्राफ 141(पैराग्राफ की प्रति अनुबंध के रूप में संलग्न) देखें। 2. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी
दिसंबर 06, 2006
वार्षिक नीति 2006-07 की मध्यावधि समीक्षा
भारिबैं/2006-07/200 गैबैंपवि.नीप्रभा.कं.परि.सं./85/03.02.089/2006-076 दिसंबर 2006सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों छोड़कर) प्रिय महोदय वार्षिक नीति 2006-07 की मध्यावधि समीक्षा कृपया उत्त नीति का पैराग्राफ 154 देखें। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से इस आशय का अनुरोध मिला था कि मूर्त परिसंपत्तियों के वित्तपोषण में लगी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अलग से वर्गीकृत किया जाए। आर्थिक गतिविधियों में सहायक आटोमोबाइल, सामान्य
भारिबैं/2006-07/200 गैबैंपवि.नीप्रभा.कं.परि.सं./85/03.02.089/2006-076 दिसंबर 2006सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों छोड़कर) प्रिय महोदय वार्षिक नीति 2006-07 की मध्यावधि समीक्षा कृपया उत्त नीति का पैराग्राफ 154 देखें। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से इस आशय का अनुरोध मिला था कि मूर्त परिसंपत्तियों के वित्तपोषण में लगी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अलग से वर्गीकृत किया जाए। आर्थिक गतिविधियों में सहायक आटोमोबाइल, सामान्य
दिसंबर 04, 2006
को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना
भारिबैं/2006-07/196 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 83 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदय को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक विविधता की अनुमति दे कर इस
भारिबैं/2006-07/196 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 83 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदय को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक विविधता की अनुमति दे कर इस
दिसंबर 04, 2006
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण
भारिबैं/2006-07/195 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 84 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदयगैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक
भारिबैं/2006-07/195 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 84 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदयगैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक
दिसंबर 04, 2006
को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना
भारिबैं/2006-07/196 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 83 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदय को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक विविधता की अनुमति दे कर इस
भारिबैं/2006-07/196 गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 83 /03.10.27/2006-074 दिसम्बर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)प्रिय महोदय को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक विविधता की अनुमति दे कर इस
अक्तूबर 27, 2006
Prior Public Notice about change in control / management
RBI / 2006-07 / 162 DNBS (PD) CC No. 82 / 03.02.02 / 2006-07 October 27, 2006 To, All Non-Banking Financial Companies (NBFCs) Including Residuary Non- Banking Companies (RNBCs) Dear Sirs, Prior Public Notice about change in control / management In terms of paragraph 2(2)(b) of the Company Circular DNBS (PD) CC.No.11/02.01/99-2000 dated November 15, 1999 read with paragraph A(5)(iii) (a) of the Company Circular DNBS (PD) CC No.12/02.01./99-2000 dated January 13, 2000 a
RBI / 2006-07 / 162 DNBS (PD) CC No. 82 / 03.02.02 / 2006-07 October 27, 2006 To, All Non-Banking Financial Companies (NBFCs) Including Residuary Non- Banking Companies (RNBCs) Dear Sirs, Prior Public Notice about change in control / management In terms of paragraph 2(2)(b) of the Company Circular DNBS (PD) CC.No.11/02.01/99-2000 dated November 15, 1999 read with paragraph A(5)(iii) (a) of the Company Circular DNBS (PD) CC No.12/02.01./99-2000 dated January 13, 2000 a
अक्तूबर 19, 2006
The Securitisation Companies and Reconstruction Companies (Reserve Bank) (Amendment) Guidelines and Directions, 2006
RBI/2006-07/157 DNBS.PD.CC.4/SCRC/10.30.000/2006-2007 October 19, 2006 The Securitisation Companies and Reconstruction Companies (Reserve Bank) (Amendment) Guidelines and Directions, 2006 It has been decided that a Securitisation Company or Reconstruction Company, which has obtained a Certificate of Registration from the Bank under Section 3 of the Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act, 2002 should commence busi
RBI/2006-07/157 DNBS.PD.CC.4/SCRC/10.30.000/2006-2007 October 19, 2006 The Securitisation Companies and Reconstruction Companies (Reserve Bank) (Amendment) Guidelines and Directions, 2006 It has been decided that a Securitisation Company or Reconstruction Company, which has obtained a Certificate of Registration from the Bank under Section 3 of the Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act, 2002 should commence busi
अक्तूबर 19, 2006
Amendment to NBFC regulations - Certificate of Registration (CoR) issued under Section 45-IA of the RBI Act, 1934 - Continuation of business of NBFI - Submission of Statutory Auditors Certificate - Clarification
RBI/2006-07/158 DNBS (PD) C.C. No. 81/03.05.002/2006-07 October 19, 2006 To, All Non-Banking Financial Companies (NBFCs), including Residuary Non-Banking Companies (RNBCs) Dear Sirs, Amendment to NBFC regulations - Certificate of Registration (CoR) issued under Section 45-IA of the RBI Act, 1934 – Continuation of business of NBFI - Submission of Statutory Auditors Certificate - Clarification Please refer to circular DNBS (PD) C.C. No. 79 / 03.05.002/ 2006-07 dated Sep
RBI/2006-07/158 DNBS (PD) C.C. No. 81/03.05.002/2006-07 October 19, 2006 To, All Non-Banking Financial Companies (NBFCs), including Residuary Non-Banking Companies (RNBCs) Dear Sirs, Amendment to NBFC regulations - Certificate of Registration (CoR) issued under Section 45-IA of the RBI Act, 1934 – Continuation of business of NBFI - Submission of Statutory Auditors Certificate - Clarification Please refer to circular DNBS (PD) C.C. No. 79 / 03.05.002/ 2006-07 dated Sep
सितंबर 28, 2006
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता के संबंध में दिशा- निर्देश
भरिबै/2006-07/138 गै.बैं.पवि (नी प्र) कं परि सं 80 03.10.042/2006-07 28 सितंबर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)महोदयगैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता के संबंध में दिशा- निर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि देश की ऋण व्यवस्था को उसके हित के लिए विनियमित करने हेतु उसे समर्थ बनाने के प्रयोजनार्थ ऐसा करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का अधिनियम 2) की धारा 45" द्वारा प्रद
भरिबै/2006-07/138 गै.बैं.पवि (नी प्र) कं परि सं 80 03.10.042/2006-07 28 सितंबर 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)महोदयगैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता के संबंध में दिशा- निर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि देश की ऋण व्यवस्था को उसके हित के लिए विनियमित करने हेतु उसे समर्थ बनाने के प्रयोजनार्थ ऐसा करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का अधिनियम 2) की धारा 45" द्वारा प्रद
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