प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
प्रेस प्रकाशनियां
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फ़रवरी 18, 2008भारी मूल्य लेन-देन के लिए भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप का उपयोग18 फरवरी 2008 भारी मूल्य लेन-देन के लिए भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप का उपयोग भुगतान प्रणालियों की अभिरक्षा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को पहचानते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान के तीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूपों तथा; तत्काल सकल भुगतान (आरटीजीएस) प्रणाली, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस) को लागू किया है। इन स्वरूपों में भुगतान पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ता रहा है। कागज आधारित प्रणाली से इलेक्ट्रॉनिक18 फरवरी 2008 भारी मूल्य लेन-देन के लिए भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप का उपयोग भुगतान प्रणालियों की अभिरक्षा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को पहचानते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान के तीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूपों तथा; तत्काल सकल भुगतान (आरटीजीएस) प्रणाली, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस) को लागू किया है। इन स्वरूपों में भुगतान पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेजी से बढ़ता रहा है। कागज आधारित प्रणाली से इलेक्ट्रॉनिक
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नवंबर 02, 2007भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली की वार्षिक समीक्षा की प्रणाली लागू की2 नवंबर 2007भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली की वार्षिक समीक्षा की प्रणाली लागू की भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियों पर प्रथम वार्षिक रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर रखी। भुगतान प्रणाली नेटवर्क जैसे कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस), वास्तविक समय सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली और राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (एनएफएस) को बढ़ावा देने के लिए कइ प्रकार की पहल की है किंतू प्राप्त2 नवंबर 2007भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली की वार्षिक समीक्षा की प्रणाली लागू की भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियों पर प्रथम वार्षिक रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर रखी। भुगतान प्रणाली नेटवर्क जैसे कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस), वास्तविक समय सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली और राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (एनएफएस) को बढ़ावा देने के लिए कइ प्रकार की पहल की है किंतू प्राप्त
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अक्तूबर 19, 2007भारतीय रिज़र्व बैंक ने वेबसाईट पर वित्तीय क्षेत्र प्रौद्योगिकी परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) 2008-2010 पर परिवर्धित प्रारूप अभिमत के लिए डाला19 अक्तूबर 2007 भारतीय रिज़र्व बैंक ने वेबसाईट पर वित्तीय क्षेत्र प्रौद्योगिकी परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) 2008-2010 पर परिवर्धित प्रारूप अभिमत के लिए डाला प्रौद्योगिकी और वित्तीय क्षेत्र पर एक परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) जुलाई 2005 में भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाईट पर जारी किया गया था। प्रौद्योगिकी और योजना की उपलब्धियों की रूपरेखा में तीव्र परिवर्तनों के साथ इस परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) में सुधार किया गया और अब इसे परिवर्धित किया गया है19 अक्तूबर 2007 भारतीय रिज़र्व बैंक ने वेबसाईट पर वित्तीय क्षेत्र प्रौद्योगिकी परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) 2008-2010 पर परिवर्धित प्रारूप अभिमत के लिए डाला प्रौद्योगिकी और वित्तीय क्षेत्र पर एक परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) जुलाई 2005 में भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाईट पर जारी किया गया था। प्रौद्योगिकी और योजना की उपलब्धियों की रूपरेखा में तीव्र परिवर्तनों के साथ इस परिदृष्टि दस्तावेज़ (विज़न डाकुमेंट) में सुधार किया गया और अब इसे परिवर्धित किया गया है
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सितंबर 21, 2007RBI places the Report of the Working Group on Preparing Guidelines for Access to Payment Systems for Public CommentsThe Reserve Bank of India has today placed on its website the report of Working Group on preparing Guidelines for Access to Payment Systems for public comments. Comments may be addressed to the Chief General Manager, Reserve Bank of India, Department of Payment & Settlement Systems, Central Office, Fort, Mumbai 400001 or sent by <a href=# onclick=javascript:document.open('Bs_RbiEmailfeedback.aspx?name=rbi1','query_pop','width=460,height=330,top=90,left=520');reThe Reserve Bank of India has today placed on its website the report of Working Group on preparing Guidelines for Access to Payment Systems for public comments. Comments may be addressed to the Chief General Manager, Reserve Bank of India, Department of Payment & Settlement Systems, Central Office, Fort, Mumbai 400001 or sent by <a href=# onclick=javascript:document.open('Bs_RbiEmailfeedback.aspx?name=rbi1','query_pop','width=460,height=330,top=90,left=520');re
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अगस्त 01, 2007RBI places on website Report of the Working Group on Standards for Raw Images of fingerprints for Public CommentsThe Advisory Group on Information Technology for Financial Inclusion, set up by Reserve Bank of India, for evolving common/comparable standards for enabling IT based solutions for banking services, had suggested that a separate working group be constituted to deliberate and suggest suitable standards for raw images (finger prints). The Working Group constituted in April 2007 under the convenorship of Dr. A.M. Pedgaonkar, Chief General Manager, Department of InformatioThe Advisory Group on Information Technology for Financial Inclusion, set up by Reserve Bank of India, for evolving common/comparable standards for enabling IT based solutions for banking services, had suggested that a separate working group be constituted to deliberate and suggest suitable standards for raw images (finger prints). The Working Group constituted in April 2007 under the convenorship of Dr. A.M. Pedgaonkar, Chief General Manager, Department of Informatio
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जनवरी 04, 2006भारतीय रिज़र्व बैंक की आरटीजीएस प्रणाली के दायरे ने 15,000 बैंक शाखाओं का लक्ष्य पार किया4 जनवरी 2006 भारतीय रिज़र्व बैंक की आरटीजीएस प्रणाली के दायरे ने 15,000 बैंक शाखाओं का लक्ष्य पार किया भारतीय रिज़र्व बैंक की रीयल टाइम ग्रॉस सैटलमेंट प्रणाली का दायरा देश में 15,000 बैंक शाखाओं से आगे बढ़ गया है। यह लक्ष्य दो महीने पहले प्राप्त किया गया, जिससे निधि अंतरण सेवा की लोकप्रियता निर्दिष्ट होती है। आपको याद होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरटीजीएस प्रणाली मार्च 2004 में चार बैंक शाखाओं की सहभागिता के साथ केवल अंतर-बैंक लेनदेनों के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू4 जनवरी 2006 भारतीय रिज़र्व बैंक की आरटीजीएस प्रणाली के दायरे ने 15,000 बैंक शाखाओं का लक्ष्य पार किया भारतीय रिज़र्व बैंक की रीयल टाइम ग्रॉस सैटलमेंट प्रणाली का दायरा देश में 15,000 बैंक शाखाओं से आगे बढ़ गया है। यह लक्ष्य दो महीने पहले प्राप्त किया गया, जिससे निधि अंतरण सेवा की लोकप्रियता निर्दिष्ट होती है। आपको याद होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरटीजीएस प्रणाली मार्च 2004 में चार बैंक शाखाओं की सहभागिता के साथ केवल अंतर-बैंक लेनदेनों के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू
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नवंबर 21, 2005NEFT System goes liveThe National Electronic Funds Transfer (NEFT) started live operations from Today. The objective of the NEFT system is to establish an Electronic Funds Transfer system to facilitate an efficient, secure, economical, reliable and expeditious system of funds transfer between banks in the banking sector using Structured Financial Messaging Solution (SFMS) backbone. For the time being there will be a single settlement per day at 12.00 noon. To begin with 8 banks will be paThe National Electronic Funds Transfer (NEFT) started live operations from Today. The objective of the NEFT system is to establish an Electronic Funds Transfer system to facilitate an efficient, secure, economical, reliable and expeditious system of funds transfer between banks in the banking sector using Structured Financial Messaging Solution (SFMS) backbone. For the time being there will be a single settlement per day at 12.00 noon. To begin with 8 banks will be pa
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सितंबर 16, 2005आरटीजीएस ने 10000 से अधिक बैंक शाखाओं को सम्मिलित किया16 सितंबर 2005आरटीजीएस ने 10000 से अधिक बैंक शाखाओं को सम्मिलित किया साथ-साथ सकल भुगतान (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) प्रणाली देश में दस हजार से अधिक बैंक शाखाओं को सम्मिलित करते हुए अपने लक्ष्य से आगे बढ़ गयी है। सहभागी बैंकों की आक्रामक रणनीतियों को धन्यवाद, यह लक्ष्य छह महीने पहले प्राप्त किया गया है, जिससे निधि अंतरण सेवा की लोकप्रियता निर्दिष्ट होती है। आपको याद होगा कि मार्च 2004 में चार बैंक शाखाओं को प्रायोगिक आधार पर शामिल करते हुए अंतर-बैंक लेनदेनों के लिए आरटी16 सितंबर 2005आरटीजीएस ने 10000 से अधिक बैंक शाखाओं को सम्मिलित किया साथ-साथ सकल भुगतान (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) प्रणाली देश में दस हजार से अधिक बैंक शाखाओं को सम्मिलित करते हुए अपने लक्ष्य से आगे बढ़ गयी है। सहभागी बैंकों की आक्रामक रणनीतियों को धन्यवाद, यह लक्ष्य छह महीने पहले प्राप्त किया गया है, जिससे निधि अंतरण सेवा की लोकप्रियता निर्दिष्ट होती है। आपको याद होगा कि मार्च 2004 में चार बैंक शाखाओं को प्रायोगिक आधार पर शामिल करते हुए अंतर-बैंक लेनदेनों के लिए आरटी
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मई 03, 2005भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए विज़न डाक्युमेंट जारी3 मई 2005भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए विज़न डाक्युमेंट जारी भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए विज़न डाक्युमेंट जारी किया। इस डाक्युमेंट में भुगतान प्रणाली के क्षेत्र में पिछले तीन वर्ष के दौरान की उपलब्धियों की सूची दी गयी है तथा अलग तीन वर्ष के दौरान उसे और उन्नत बनाने के लिए रोडमैप दिया गया है। भुगतान प्रणालियों की उन्नति के प्रयासों के लिए डाक्युमेंट में सेफ्टी, सुरक्षा, सुदृढ़ता और कार्यक्षमता को मुख्य वि3 मई 2005भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए विज़न डाक्युमेंट जारी भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए विज़न डाक्युमेंट जारी किया। इस डाक्युमेंट में भुगतान प्रणाली के क्षेत्र में पिछले तीन वर्ष के दौरान की उपलब्धियों की सूची दी गयी है तथा अलग तीन वर्ष के दौरान उसे और उन्नत बनाने के लिए रोडमैप दिया गया है। भुगतान प्रणालियों की उन्नति के प्रयासों के लिए डाक्युमेंट में सेफ्टी, सुरक्षा, सुदृढ़ता और कार्यक्षमता को मुख्य वि
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अगस्त 16, 2004आरटीजीएस सेवाएं अब बैंक ग्राहकों के लिए : रिज़र्व बैंक16 अगस्त 2004 आरटीजीएस सेवाएं अब बैंक ग्राहकों के लिए : रिज़र्व बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज घोषणा की है कि उसका रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम सहभागी अर्थात् बैंक के सिरे पर ग्राहक लेनदेनों को डालने के लिए स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग के लिए तैयार (एनेबल) कर दिया गया है। ग्राहक लेनदेनों की स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग, जमा सूचना मिलने पर बैंकों को इस बात की अनुमति देगी कि वे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ग्राहक के खाते में सीधे ही जमा लिख दें। इससे स्टॉक एक्सचेंज16 अगस्त 2004 आरटीजीएस सेवाएं अब बैंक ग्राहकों के लिए : रिज़र्व बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज घोषणा की है कि उसका रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम सहभागी अर्थात् बैंक के सिरे पर ग्राहक लेनदेनों को डालने के लिए स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग के लिए तैयार (एनेबल) कर दिया गया है। ग्राहक लेनदेनों की स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग, जमा सूचना मिलने पर बैंकों को इस बात की अनुमति देगी कि वे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ग्राहक के खाते में सीधे ही जमा लिख दें। इससे स्टॉक एक्सचेंज
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